हो-मुण्डा विद्रोह

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  • छोटा नागपुर तथा 'सिंहभूम' ज़िले में रहने वाले 'हो' तथा 'मुण्डा' लोगों ने 1820-1822 ई. तथा 1831 ई. में ईस्ट इण्डिया कम्पनी की सेना से संघर्ष किया।
  • यह क्षेत्र लगभग 1837 ई. तक विद्रोह से प्रभावित रहा।
  • हो तथा मुण्डाओं का विद्रोह इतिहास में 'हो-मुण्डा विद्रोह' के नाम से जाना जाता है।
  • छोटा नागपुर के 'कोलारी' आदिवासियों ने अपने क्षेत्र में अंग्रेज़ों के विस्तार का विरोध किया।
  • विरोध करने वालों में बंगाल के 'पाराहार' राजा जगन्नाथ भी थे।
  • 'हो' नामक जनजाति ने उत्साहपूर्वक अपने राज्य की रक्षा की, किन्तु 1827 ई. में 'मेजर रफ़सेज' के नेतृत्व में अंग्रेज़ी सेना ने इस विद्रोह को पूर्णरूप से कुचलने में सफलता प्राप्त की।


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