रघुनाथ कृष्ण फड़के
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पूरा नाम | रघुनाथ कृष्ण फड़के |
जन्म | 27 जनवरी, 1884 |
मृत्यु | 17 मई, 1972 |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | मूर्तिकला |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, 1961 |
प्रसिद्धि | मूर्तिकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सन 1933 में रघुनाथ कृष्ण फड़के धार में ही बस गए। उनके स्टूडियो को 'फड़के आर्ट स्टूडियो' के नाम से जाना जाता है। यह धार क़िले के बाहर स्थित है। |
अद्यतन | 11:48, 18 अक्टूबर 2022 (IST)
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रघुनाथ कृष्ण फड़के (अंग्रेज़ी: Raghunath Krishna Phadke, जन्म- 27 जनवरी, 1884; मृत्यु- 17 मई, 1972) भारतीय मूर्तिकार थे। मूर्तिकला के क्षेत्र में उन्होंने बहुत नाम अर्जित किया था। रघुनाथ कृष्ण फड़के को भारत सरकार ने 'पद्म श्री से सन 1961 में सम्मानित किया था।
- रघुनाथ कृष्ण फड़के का जन्म 27 जनवरी सन 1884 को हुआ था।
- उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा बेसिन इंग्लिश स्कूल में प्राप्त की।
- 20वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के दौरान धार के महाराजा कला के संरक्षक थे और अक्सर कई कलाकारों को अपने राज्य में आमंत्रित करते थे। रघुनाथ कृष्ण फड़के उनमें से एक थे।
- महाराज के अनुरोध पर रघुनाथ कृष्ण फड़के ने मध्य प्रदेश के धार में एक आर्ट स्टूडियो शुरू किया।
- सन 1933 में वह धार में ही बस गए। उनके स्टूडियो को 'फड़के आर्ट स्टूडियो' के नाम से जाना जाता है। यह धार क़िले के बाहर स्थित है।
- मूर्तिकार रघुनाथ कृष्ण फड़के की कला की अपनी व्यक्तिगत विरासत धार, इंदौर और उज्जैन में सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं में देखी जा सकती है।
- गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स, धार की स्थापना 24 नवंबर, 1939 को रघुनाथ कृष्ण फड़के के मार्गदर्शन में हुई थी। यह सर जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स, मुंबई और इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़, राजनादगांव, छत्तीसगढ़ से संबद्ध है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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