"हिंद महासागर": अवतरणों में अंतर
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*हिंद महासागर का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। इसके उत्तरी छोर पर भारतीय उपमहाद्वीप है, दक्षिण में अंटार्टिका, पश्चिम में अफ्रीका, और पूर्व में इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया हैं। | *हिंद महासागर का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। इसके उत्तरी छोर पर भारतीय उपमहाद्वीप है, दक्षिण में अंटार्टिका, पश्चिम में अफ्रीका, और पूर्व में इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया हैं। | ||
*हिंद महासागर अंध महासागर और [[प्रशांत महासागर]] से जुड़ा हुआ है। | *हिंद महासागर अंध महासागर और [[प्रशांत महासागर]] से जुड़ा हुआ है। | ||
*हिंद महासागर का क्षेत्रफल 7.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है। | *हिंद महासागर का क्षेत्रफल 7.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है। | ||
*हिंद महासागर की औसत गहराई 4 किलोमीटर है। | *हिंद महासागर की औसत गहराई 4 किलोमीटर है। | ||
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*हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। | *हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है। | ||
*हिंद महासगर युवा महासागर है, उसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है। | *हिंद महासगर युवा महासागर है, उसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है। | ||
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#सर्दियों में पानी अफ्रीका की ओर बहने लगता है। | #सर्दियों में पानी अफ्रीका की ओर बहने लगता है। | ||
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08:12, 18 जून 2011 के समय का अवतरण
- हिंद महासागर एशिया के दक्षिण में अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के बीच फैला हुआ है।
- हिंद महासागर का अधिकांश भाग पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में आता है। इसके उत्तरी छोर पर भारतीय उपमहाद्वीप है, दक्षिण में अंटार्टिका, पश्चिम में अफ्रीका, और पूर्व में इंडोनेशिया और आस्ट्रेलिया हैं।
- हिंद महासागर अंध महासागर और प्रशांत महासागर से जुड़ा हुआ है।
- हिंद महासागर का क्षेत्रफल 7.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर है।
- हिंद महासागर की औसत गहराई 4 किलोमीटर है।
- कहा जाता है कि इसका यह नाम आज से लगभग एक हज़ार साल पहले उन अरब व्यापारियों ने दिया जो उस समय भारत से व्यापार करते थे। उस समय भारत के बंदरगाह बड़े, उन्नत और विकसित थे। व्यापारी पश्चिम के मध्य पूर्व देश और पूर्व में चीन तक व्यापार करते थे।
- हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है।
- हिंद महासगर युवा महासागर है, उसने केवल 3.6 करोड़ वर्ष पहले ही अपना वर्तमान रूप ग्रहण किया है।
- महासागरों में पानी एक ही दिशा में बहता है, पर हिंद महासागर में पानी का बहाव साल में दो बार दिशा बदलता है-
- गर्मियों में मानसूनी हवाओं के कारण पानी भारत की ओर बहता है।
- सर्दियों में पानी अफ्रीका की ओर बहने लगता है।
- विश्व की दो बड़ी नदियां, ब्रह्मपुत्र और गंगा हिंद महासागर में मिलती हैं।
- ये नदियाँ 2,000 किलोमीटर दूर हिमालय पर्वतमाला से रेत व मिट्टी ला कर समुद्र में ड़ालती हैं जिनसे नदियों के मुहानों के आगे महासागर में अनेक टापू बन गए हैं।
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