"जयपुर मन्दिर वृन्दावन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (1 अवतरण)
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:


[[चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-2.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan|thumb|250px]]
[[चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-2.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan|thumb|250px]]
पंक्ति 5: पंक्ति 4:
*मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं।   
*मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं।   
*उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्री[[नारद]]जी की मूर्तियाँ विराजमान हैं।   
*उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्री[[नारद]]जी की मूर्तियाँ विराजमान हैं।   
*सन 1916 ई॰ में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी।
*सन 1916 ई. में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी।
<br /><br />
<br /><br />
==वीथिका जयपुर मन्दिर==
==वीथिका जयपुर मन्दिर==
<gallery widths="145px" perrow="4">
<gallery>
चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-1.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan
चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-1.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan
चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-3.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan
चित्र:Jaipur-Temple-Vrindavan-3.jpg|जयपुर मन्दिर, [[वृन्दावन]]<br /> Jaipur Temple, Vrindavan
पंक्ति 19: पंक्ति 18:
</gallery>
</gallery>


==सम्बंधित लिंक==
{{प्रचार}}
 
==संबंधित लेख==
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
[[Category:ब्रज]]
[[Category:ब्रज]]

08:38, 18 जून 2011 के समय का अवतरण

जयपुर मन्दिर, वृन्दावन
Jaipur Temple, Vrindavan
  • जयपुर के महाराजा श्रीमाधोसिंह जी ने बहुत रुपये व्ययकर लगभग तीस वर्षो में इस भव्य मन्दिर का निर्माण किया था।
  • मूल मन्दिर में तीन द्वार हैं।
  • उत्तरी प्रकोष्ठ में श्रीआनन्दबिहारी जी, बीच के प्रकोष्ठ में श्रीराधामाधव जी तथा दक्षिणी प्रकोष्ठ में श्रीनित्य गोपालजी, श्रीगिरिधारी जी, श्रीसनक-सनातन-सनन्दन-सनत कुमार और श्रीनारदजी की मूर्तियाँ विराजमान हैं।
  • सन 1916 ई. में इस मन्दिर में विग्रहों की प्रतिष्ठा हुई थी।



वीथिका जयपुर मन्दिर


संबंधित लेख