"सुकृततृतीया व्रत": अवतरणों में अंतर

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*[[नारायण]] एवं [[लक्ष्मी]] की पूजा करनी चाहिए।
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*तीन वर्षों के लिए करना चाहिए।
*तीन वर्षों के लिए करना चाहिए।
*मंत्र ये हैं– 'विष्णोर्नु कम्'<ref>([[ऋग्वेद]] 1|154|1) एवं 'सक्तुभिव' (ऋग्वेद 10|72|2); व्रतराज (101-103)</ref>  
*मंत्र ये हैं– 'विष्णोर्नु कम्'<ref>[[ऋग्वेद]] 1|154|1) एवं 'सक्तुभिव' (ऋग्वेद 10|72|2); व्रतराज (101-103</ref>  
*[[कृष्ण]] ने इस व्रत का वर्णन अपनी बहन [[सुभद्रा]] से किया था।
*[[कृष्ण]] ने इस व्रत का वर्णन अपनी बहन [[सुभद्रा]] से किया था।


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऋग्वेद 1|154|1) एवं 'सक्तुभिव' (ऋग्वेद 10|72|2); व्रतराज (101-103

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