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12:52, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
(1) मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर यह व्रत आरम्भ होता है।
- काशी में कपर्दीश्वर के पास स्नान एवं पूजा की जाती है।
- वहाँ भोजन वितरण भी किया जाता है।
- यह व्रत प्रति वर्ष होता है।
- कर्ता पिशाच होने से बच जाता है।[1]
(2) जब चैत्र शुक्ल की चतुर्दशी मंगल को पड़ती है तो उस दिन गंगा स्नान और ब्रह्मभोज किया जाता है
- कर्ता पिशाच होने से बच जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ पुरुषार्थचिन्तामणि (247-248), स्मृतिकौस्तुभ (108
अन्य संबंधित लिंक
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