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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है। | ||
*यह व्रत [[श्रावण]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[अष्टमी]] पर किया जाता है। | *यह व्रत [[श्रावण]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] [[अष्टमी]] पर किया जाता है। | ||
*तिथिव्रत; [[देवता]] [[शिव]] हैं और एक [[वर्ष]] तक प्रत्येक [[मास]] में विभिन्न पुष्पों, नैवेद्य और [[शिव]] के विभिन्न नाम लेकर किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 235-238 | *तिथिव्रत; [[देवता]] [[शिव]] हैं और एक [[वर्ष]] तक प्रत्येक [[मास]] में विभिन्न पुष्पों, नैवेद्य और [[शिव]] के विभिन्न नाम लेकर किया जाता है।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 235-238</ref>; <ref>हेमाद्रि (व्रत0 1, 837-839, भविष्यपुराण से उद्धरण</ref> | ||
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12:52, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत श्रावण शुक्ल अष्टमी पर किया जाता है।
- तिथिव्रत; देवता शिव हैं और एक वर्ष तक प्रत्येक मास में विभिन्न पुष्पों, नैवेद्य और शिव के विभिन्न नाम लेकर किया जाता है।[1]; [2]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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