"विजया सप्तमी": अवतरणों में अंतर
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*इस दिन उपवास करके सूर्य के एक सहस्र नामों का उच्चारण करना चाहिए। हेमाद्रि<ref> हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 707-716 | *इस दिन उपवास करके सूर्य के एक सहस्र नामों का उच्चारण करना चाहिए। हेमाद्रि<ref> हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 707-716</ref> ने ये नाम दिये हैं। | ||
*यह एक वर्ष तक करना चाहिए। | *यह एक वर्ष तक करना चाहिए। | ||
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13:00, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- यह व्रत रविवार से युक्त माघ शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर करना चाहिए।
- इसमें सूर्य देवता की पूजा करनी चाहिए। [1]
- इस दिन उपवास करके सूर्य के एक सहस्र नामों का उच्चारण करना चाहिए। हेमाद्रि[2] ने ये नाम दिये हैं।
- यह एक वर्ष तक करना चाहिए।
- इससे रोगों एवं पापों से मुक्ति मिलती है। [3]
- गरुड़पुराण [4] ने एक अन्य प्रकार का व्रत दिया है, जो सात सप्तमियों में किया जाता है। उस दिन उपवास रखकर, गेहूँ, माष, यव (जौ), स्वास्तिक, पीतल, पत्थरों से पिसा भोजन, मधु, मैथुन, मांस, मदिरा, तेलयुक्त स्नान, अंजन एवं तिल के प्रयोग का त्याग करना चाहिए।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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