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11:57, 23 अगस्त 2011 के समय का अवतरण

  • शत्रुजीत रायसा बुन्देली भाषा के इस दूसरे रायसे के रचयिता किशुनेश भाट है।
  • इसकी छन्द संख्या 426 है।
  • इस रचना के छन्द 425 वें के अनुसार इसका रचना काल सं. 1858 वि. ठहरता है।
  • 'दतिया नरेश शत्रुजीत' का समय सं. 1819 सं. 1948 वि. तदनुसार सनद्य 1762 से 1801 तक रहा है।
  • यह रचना महाराजा शत्रुजीत सिंह के जीवन की एक अन्तिम घटना से सम्बन्धित है।
  • इसमें ग्वालियर के 'सिन्धिया महाराजा दौलतराय' के फ्रान्सीसी सेनापति पीरु और शत्रुजीत सिंह के मध्य सेवढ़ा के निकट हुए एक युद्ध का सविस्तार वर्णन है।
  • इसका संपादन श्री हरि मोहनलाल श्रीवास्तव ने किया, तथा इसे 'भारतीय साहित्य' में 'कन्हैयालाल मुन्शी, हिदी विद्यापीठ, आगरा' द्वारा प्रकाशित किया गया है।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. रासो काव्य : वीरगाथायें (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 मई, 2011।

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