"शयनरचन कला": अवतरणों में अंतर
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[[ चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत शैय्या को भली प्रकार से लगाना है जिसमें बिछौना को सुन्दर तरीके से सुसज्जित करना है। | [[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक [[कला]] है। इस कला के अन्तर्गत शैय्या को भली प्रकार से लगाना है जिसमें बिछौना को सुन्दर तरीके से सुसज्जित करना है। | ||
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10:05, 4 नवम्बर 2011 के समय का अवतरण
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत शैय्या को भली प्रकार से लगाना है जिसमें बिछौना को सुन्दर तरीके से सुसज्जित करना है।