"अनैच्छिक मांसपेशी": अवतरणों में अंतर

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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Involuntary Muscles) '''{{PAGENAME}}''' अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में [[मानव शरीर]] से संबंधित उल्लेख है। इनमें धारियाँ अनुपस्थित होती हैं। इसलिए इन्हें अनेखित पेशियाँ कहते हैं। इन पेशियों की गति पर हमारा नियन्त्रण नहीं होता है, इसीलिए इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ कहते हैं। इनकी पेशी [[कोशिका|कोशिकाएँ]] तर्क्वाकार होती हैं। प्रत्येक पेशी तन्तु अशाखित एवं एककेन्द्रकीय होता है। ये पेशियाँ थकान महसूस नहीं करती हैं। ये पेशियाँ मुख्य रूप से [[आमाशय]], भित्ति, गर्भाशय, पित्ताशय, मूत्राशय में पायी जाती हैं।
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*इनमें धारियाँ अनुपस्थित होती हैं। इसलिए इन्हें अनेखित पेशियाँ कहते हैं।  
*इन पेशियों की गति पर हमारा नियन्त्रण नहीं होता है, इसीलिए इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ कहते हैं।
*इनकी पेशी [[कोशिका|कोशिकाएँ]] तर्क्वाकार होती हैं। प्रत्येक पेशी तन्तु अशाखित एवं एककेन्द्रकीय होता है।  
*ये पेशियाँ थकान महसूस नहीं करती हैं।
==क्रियाविधि==
==क्रियाविधि==
अनैच्छिक पेशियाँ आन्तरांगों जैसे-[[आहारनाल]], श्वसन अंग, उत्सर्जी अंगों में पायी जाती हैं। ये स्वतः गतियाँ करती हैं। जिससे ये अंग भी स्वतः ही गतियाँ करते हैं। जैसे-आहारनाल की क्रमाकुंचन गति, श्वसन गतियाँ आदि।
अनैच्छिक पेशियाँ आन्तरांगों जैसे-[[आहारनाल]], श्वसन अंग, उत्सर्जी अंगों में पायी जाती हैं। ये स्वतः गतियाँ करती हैं। जिससे ये अंग भी स्वतः ही गतियाँ करते हैं। जैसे-आहारनाल की क्रमाकुंचन गति, श्वसन गतियाँ आदि।
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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06:51, 30 जनवरी 2012 के समय का अवतरण

  • (अंग्रेज़ी:Involuntary Muscle) अनैच्छिक मांसपेशी मुख्य रूप से आमाशय, भित्ति, गर्भाशय, पित्ताशय, मूत्राशय में पायी जाती हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है।
  • इनमें धारियाँ अनुपस्थित होती हैं। इसलिए इन्हें अनेखित पेशियाँ कहते हैं।
  • इन पेशियों की गति पर हमारा नियन्त्रण नहीं होता है, इसीलिए इन्हें अनैच्छिक पेशियाँ कहते हैं।
  • इनकी पेशी कोशिकाएँ तर्क्वाकार होती हैं। प्रत्येक पेशी तन्तु अशाखित एवं एककेन्द्रकीय होता है।
  • ये पेशियाँ थकान महसूस नहीं करती हैं।

क्रियाविधि

अनैच्छिक पेशियाँ आन्तरांगों जैसे-आहारनाल, श्वसन अंग, उत्सर्जी अंगों में पायी जाती हैं। ये स्वतः गतियाँ करती हैं। जिससे ये अंग भी स्वतः ही गतियाँ करते हैं। जैसे-आहारनाल की क्रमाकुंचन गति, श्वसन गतियाँ आदि।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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