"आज़ादी की पूर्व संध्या पर -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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उसके स्कूल में और देश भर में | उसके स्कूल में और देश भर में | ||
और उनकी मुट्ठी में होंगे | और उनकी मुट्ठी में होंगे | ||
करोड़ों | करोड़ों ग़ुलाम | ||
जो तालियां पीटेगे | जो तालियां पीटेगे | ||
उनके भाषणों पर | उनके भाषणों पर | ||
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कई सालों से अपने कंधों पर | कई सालों से अपने कंधों पर | ||
कैसे बताऊ मैं बेटी को | कैसे बताऊ मैं बेटी को | ||
कि | कि ग़ुलामी दिखती थोड़े ही है | ||
वह ऐसे ही व्यक्त होती है | वह ऐसे ही व्यक्त होती है | ||
बहुधा आज़ादी के उत्सव पर । | बहुधा आज़ादी के उत्सव पर । |
09:22, 3 जून 2012 के समय का अवतरण
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