"सच है ! सन्देह का काम नहीं है -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर

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सच है, संदेह का काम नहीं है।
==शीर्षक उदाहरण 1==
ये असंतजन, संत रूप में, क्या ये शठ बदनाम नहीं है।।  
 
ठगते रहते नदी ज्यो बहते, ये क्यों थकी हैं कहते-कहते।
===सच है ! सन्देह का काम नहीँ है / शिवदीन राम जोशी===
माया पूंजी  जोड़  जोड़  कर, देखे  सुबह शाम नहीं हैं।।
 
सिद्ध बने  फिरते है सारे, देखो तो इनके मुख कारे।
====शीर्षक उदाहरण 3====
इनको पता चलेगा कैसे, क्यौकि  इनमें राम  नहीं है।।
 
टीवी  देखे  फोन  लगाकर,  कारें  घूमें  बीगुल बजाकर।
=====शीर्षक उदाहरण 4=====
कहे शिवदीन भरत खंड भारत, क्या ये पीते जाम नहीं हैं ।।
सच है, संदेह का काम नहीं है |
चेली  बाबाओं  के  सौदे,  बेटा  एक  नहीं, यें दो दे।  
ये असंतजन, संत रूप में, क्या ये शठ बदनाम  नहीं है ||
हाय ! असाधुन की यह टोली, प्रगट कोई भी वाम नहीं हैं।।
ठगते रहते नदी ज्यो बहते, ये क्यों थकी हैं कहते-कहते |
माया पूंजी  जोड़  जोड़  कर, देखे  सुबह शाम नहीं हैं ||
सिद्ध बने  फिरते है सारे, देखो तो इनके मुख   कारे  ।
इनको पता चलेगा कैसे, क्यौकि  इनमें राम  नहीं है  ॥
टीवी  देखे  फोन  लगाकर,  कारें  घूमें  बीगुल बजाकर |
कहे शिवदीन भरत खंड भारत, क्या ये पीते जाम नहीं हैं ||
चेली  बाबाओं  के  सौदे,  बेटा  एक  नहीं,   यें दो  दे |
हाय ! असाधुन की यह टोली, प्रगट कोई भी वाम नहीं हैं ||
 
 
 
 
 
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==


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==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
 
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10:24, 16 जून 2012 के समय का अवतरण

सच है, संदेह का काम नहीं है।
ये असंतजन, संत रूप में, क्या ये शठ बदनाम नहीं है।।
ठगते रहते नदी ज्यो बहते, ये क्यों थकी हैं कहते-कहते।
माया पूंजी जोड़ जोड़ कर, देखे सुबह शाम नहीं हैं।।
सिद्ध बने फिरते है सारे, देखो तो इनके मुख कारे।
इनको पता चलेगा कैसे, क्यौकि इनमें राम नहीं है।।
टीवी देखे फोन लगाकर, कारें घूमें बीगुल बजाकर।
कहे शिवदीन भरत खंड भारत, क्या ये पीते जाम नहीं हैं ।।
चेली बाबाओं के सौदे, बेटा एक नहीं, यें दो दे।
हाय ! असाधुन की यह टोली, प्रगट कोई भी वाम नहीं हैं।।

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