"रंग बरसत ब्रज में होरी का -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}}<!-- कृपया इस साँचे को हटाएँ नहीं (डिलीट न क...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
(इसी सदस्य द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{{ | {{Poemopen}} | ||
<poem> | |||
रंग बरसत ब्रज में होरी का। | |||
बरसाने की मस्त गुजरिया, नखरा वृषभानु किशोरी का।। | |||
गुवाल बाल नन्दलाल अनुठा, वादा करे सब से झूठा। | |||
माखन चोर रसिक मन मोहन, रूप निहारत गौरी का।। | |||
मारत हैं पिचकारी कान्हा, धूम माचवे और दीवाना। | |||
चंग बजा कर रंग उडावे, काम करें बरजोरी का।। | |||
ब्रज जन मस्त मस्त मस्ताना, नांचे कूदे गावे गाना । | |||
नन्द महर घर आनंद छाया, खुल गए फाटक मोरी का ।। | |||
कहे शिवदीन सगुण सोही निरगुण, परमानन्द होगया सुण-सुण। | |||
बरसाने की मस्त गुजरिया, नखरा वृषभानु किशोरी | नांचै नृत्य धुन धमाल, देखो अहीरों की छोरी का।। | ||
गुवाल बाल नन्दलाल अनुठा, वादा करे सब से | </poem> | ||
माखन चोर रसिक मन मोहन, रूप निहारत गौरी | {{Poemclose}} | ||
मारत | |||
चंग | {| width="100%" | ||
ब्रज जन मस्त मस्त मस्ताना, नांचे कूदे गावे गाना | |- | ||
नन्द महर घर आनंद छाया, खुल गए फाटक मोरी का | | | ||
कहे शिवदीन सगुण सोही निरगुण, परमानन्द होगया सुण- | |||
नांचै नृत्य धुन धमाल, देखो अहीरों की छोरी | |||
< | |||
{{ | |||
= | |||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{समकालीन कवि}} | |||
[[Category: | [[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:साहित्य कोश]] | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]] | |||
[[Category:शिवदीन राम जोशी]] | |||
|} | |||
__NOTOC__ | |||
__NOEDITSECTION__ | |||
__INDEX__ |
08:51, 27 जून 2012 के समय का अवतरण
रंग बरसत ब्रज में होरी का। |
संबंधित लेख |