"संवाद -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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अन्धे धृतराष्ट्र के सामने | अन्धे धृतराष्ट्र के सामने | ||
उसके अन्धेपन का सत्य है. | उसके अन्धेपन का सत्य है. | ||
ज़ाहिर है कि तुम्हारा | |||
सारा संवाद निर्थक है | सारा संवाद निर्थक है | ||
क्योंकि युद्घ के दृष्य के पीछे | क्योंकि युद्घ के दृष्य के पीछे | ||
पंक्ति 77: | पंक्ति 77: | ||
पक्ष या विपक्ष | पक्ष या विपक्ष | ||
जहां भी, जब भी | जहां भी, जब भी | ||
अन्याय के | अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ता हुआ कोई | ||
अपनी लड़ाई हारता है | अपनी लड़ाई हारता है | ||
तुम्हारे भीतर | तुम्हारे भीतर | ||
पंक्ति 88: | पंक्ति 88: | ||
हो सके तो एक बार | हो सके तो एक बार | ||
सीधे कुरूक्षेत्र में जाकर | सीधे कुरूक्षेत्र में जाकर | ||
अन्याय के | अन्याय के ख़िलाफ़ भिड़ जाओ ! | ||
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14:02, 15 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
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