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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
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*[[भविष्योत्तर पुराण]] <ref> | *[[भविष्योत्तर पुराण]]<ref>भविष्योत्तर पुराण 146|6-21</ref> में सौ अपराधों का उल्लेख है, जो इस व्रत से नष्ट हो जाते हैं; | ||
*[[वराह पुराण]] <ref> | *[[वराह पुराण]]<ref>वराह पुराण 107</ref> में 32 अपराध वर्णित हैं। | ||
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10:54, 6 जून 2013 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्गशीर्ष की द्वादशी या अमावस्या या अष्टमी को अपराध शतव्रत किया जाता है।
- शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष से आरम्भ होकर एक वर्ष तक हरि-पूजा की जाती है।
- भविष्योत्तर पुराण[1] में सौ अपराधों का उल्लेख है, जो इस व्रत से नष्ट हो जाते हैं;
- वराह पुराण[2] में 32 अपराध वर्णित हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
अन्य संबंधित लिंक
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