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कभी कभी | कभी कभी सन् 1976 में प्रदर्शित हुई एक हिन्दी फ़िल्म है। जिसका निर्देशन यश चौपड़ा ने किया था। रोमांस व सुमधुर गीतों से सजी फ़िल्म कभी-कभी 1976 की एक चर्चित फ़िल्म थी। सागर सरहदी की लिखी कहानी पर आधारित फ़िल्म की पटकथा पामेला चोपड़ा एवं [[यश चोपड़ा]] द्वारा लिखी गयी थी। निर्माता व निर्देशक यश चोपड़ा के परिश्रम से तैयार यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल करने में सफल रही थी। | ||
==कहानी== | ==कहानी== | ||
फ़िल्म की कहानी एक युवा शायर अमित ([[अमिताभ बच्चन]]) व पूजा (राखी) की प्रेम कहानी है जो भविष्य के रूमानी स्वप्न देखते हैं, परन्तु माता-पिता की ज़िद के आगे पूजा झुक जाती है और विजय मल्होत्रा ([[शशि कपूर]]) के साथ विवाहबंधन में बंध जाती है। दूसरी ओर पूजा को खोने से निराश अमित शायरी को भूलने का निरर्थक प्रयास करता है और अंजली ([[वहीदा रहमान]]) से शादी कर लेता है। | |||
इसके बाद कहानी चलती है दूसरी पीढी की, जिसमें पूजा और विजय के बेटे विक्की (ऋषि कपूर) और अंजली की अमित से विवाह पूर्व की संतान बेटी पिंकी (नीतू सिंह) की प्रेम कहानी दिखाई गयी है। पिंकी कुछ नाटकीय घटनाओं के बाद अपनी माँ अंजली के पास आ जाती है पर अंजली अमित की बेटी स्वीटी (नसीम) उससे ईर्ष्या करती है। प्रेम त्रिकोण के चलते सभी पुराने मित्र एक सुखान्त | इसके बाद कहानी चलती है दूसरी पीढी की, जिसमें पूजा और विजय के बेटे विक्की (ऋषि कपूर) और अंजली की अमित से विवाह पूर्व की संतान बेटी पिंकी (नीतू सिंह) की प्रेम कहानी दिखाई गयी है। पिंकी कुछ नाटकीय घटनाओं के बाद अपनी माँ अंजली के पास आ जाती है पर अंजली अमित की बेटी स्वीटी (नसीम) उससे ईर्ष्या करती है। प्रेम त्रिकोण के चलते सभी पुराने मित्र एक सुखान्त फ़िल्म में मिल जाते हैं। फ़िल्म की लोकेशंस भी बहुत ख़ूबसूरत हैं। फ़िल्म के सभी पक्षों पर विचार कर फ़िल्म अपने आप में बहुत अच्छी व्यवसायिक फ़िल्म है तथा बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी। | ||
==गीत संगीत== | ==गीत संगीत== | ||
ख़्य्याम के संगीत निर्देशन में साहिर लुधियानवी की धुनों से सजी | ख़्य्याम के संगीत निर्देशन में [[साहिर लुधियानवी]] की धुनों से सजी फ़िल्म के कुछ गीत तो सुपर हिट रहे हैं। फ़िल्म के सभी गीत, मधुर, कर्णप्रिय, बहुत ही सुंदर, आकर्षक ढंग से फ़िल्माए गए हैं, जो आज भी पसंद किये जाते हैं। फ़िल्म के गाने दर्शको ने पसंद किए है। फ़िल्म के गाने इस प्रकार हैं- | ||
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बड़े सितारों अमिताभ, राखी, शशिकपूर, वहीदा रहमान, नीतू सिंह, ऋषि कपूर, परीक्षित साहनी के श्रेष्ठ अभिनय से सजी | बड़े सितारों अमिताभ, राखी, शशिकपूर, वहीदा रहमान, नीतू सिंह, ऋषि कपूर, परीक्षित साहनी के श्रेष्ठ अभिनय से सजी ख़ूबसूरत फ़िल्म रही है। सभी पात्रों का अभिनय भावपूर्ण है। दोनों पीढ़ियों के रोमांस से भरपूर यह फ़िल्म दर्शकों की बहुत पसंद की फ़िल्म रही है। | ||
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==रोचक तथ्य== | ==रोचक तथ्य== | ||
*यह | *यह फ़िल्म राखी को ध्यान में रख कर ही बनी थी, परन्तु इसी मध्य राखी की शादी गुलज़ार से हो गयी और वो राखी के फ़िल्मों में काम करने पर सहमत नहीं थे, परन्तु अंत में चोपड़ा साहब के समझाने पर मान गए। | ||
* | *फ़िल्म के लिए ख़्य्याम को सर्वश्रेष्ठ संगीत का पुरस्कार मिला था। 'कभी कभी मेरे दिल में'... गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ बोल के लिए [[साहिर लुधियानवी]] को और सर्वश्रेष्ठ गायक का पुरस्कार [[मुकेश]] को मिला था। | ||
*कभी कभी मेरे | *कभी कभी मेरे... गीत उस वर्ष रेडियो सीलोन पर आने वाले प्रोग्राम में शीर्ष पर रहा था। | ||
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कभी कभी (फ़िल्म)
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निर्देशक | यश चोपड़ा[1] |
निर्माता | यश चोपड़ा |
लेखक | पामेला चोपड़ा |
कहानी | पामेला चोपड़ा |
पटकथा | सागर सरहदी |
संवाद | सागर सरहदी |
कलाकार | अमिताभ, शशि कपूर, वहीदा रहमान, राखी गुलज़ार, नीतू सिंह, ऋषि कपूर, परीक्षित साहनी |
संगीत | ख़्य्याम |
गीतकार | साहिर लुधियानवी |
गायक | लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मुकेश |
छायांकन | के जी, रोमेश भल्ला |
संपादन | नरेश मल्होत्रा, प्राण मेहरा |
वितरक | यशराज फ़िल्मस |
प्रदर्शन तिथि | 27 फरवरी 1976 |
अवधि | 177 मिनट |
भाषा | हिन्दी |
देश | भारत |
कला निर्देशक | देश मुखर्जी |
कभी कभी सन् 1976 में प्रदर्शित हुई एक हिन्दी फ़िल्म है। जिसका निर्देशन यश चौपड़ा ने किया था। रोमांस व सुमधुर गीतों से सजी फ़िल्म कभी-कभी 1976 की एक चर्चित फ़िल्म थी। सागर सरहदी की लिखी कहानी पर आधारित फ़िल्म की पटकथा पामेला चोपड़ा एवं यश चोपड़ा द्वारा लिखी गयी थी। निर्माता व निर्देशक यश चोपड़ा के परिश्रम से तैयार यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाल करने में सफल रही थी।
कहानी
फ़िल्म की कहानी एक युवा शायर अमित (अमिताभ बच्चन) व पूजा (राखी) की प्रेम कहानी है जो भविष्य के रूमानी स्वप्न देखते हैं, परन्तु माता-पिता की ज़िद के आगे पूजा झुक जाती है और विजय मल्होत्रा (शशि कपूर) के साथ विवाहबंधन में बंध जाती है। दूसरी ओर पूजा को खोने से निराश अमित शायरी को भूलने का निरर्थक प्रयास करता है और अंजली (वहीदा रहमान) से शादी कर लेता है। इसके बाद कहानी चलती है दूसरी पीढी की, जिसमें पूजा और विजय के बेटे विक्की (ऋषि कपूर) और अंजली की अमित से विवाह पूर्व की संतान बेटी पिंकी (नीतू सिंह) की प्रेम कहानी दिखाई गयी है। पिंकी कुछ नाटकीय घटनाओं के बाद अपनी माँ अंजली के पास आ जाती है पर अंजली अमित की बेटी स्वीटी (नसीम) उससे ईर्ष्या करती है। प्रेम त्रिकोण के चलते सभी पुराने मित्र एक सुखान्त फ़िल्म में मिल जाते हैं। फ़िल्म की लोकेशंस भी बहुत ख़ूबसूरत हैं। फ़िल्म के सभी पक्षों पर विचार कर फ़िल्म अपने आप में बहुत अच्छी व्यवसायिक फ़िल्म है तथा बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी।
गीत संगीत
ख़्य्याम के संगीत निर्देशन में साहिर लुधियानवी की धुनों से सजी फ़िल्म के कुछ गीत तो सुपर हिट रहे हैं। फ़िल्म के सभी गीत, मधुर, कर्णप्रिय, बहुत ही सुंदर, आकर्षक ढंग से फ़िल्माए गए हैं, जो आज भी पसंद किये जाते हैं। फ़िल्म के गाने दर्शको ने पसंद किए है। फ़िल्म के गाने इस प्रकार हैं-
क्रमांक | गाना | गायक / गायिका का नाम |
---|---|---|
1. | कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है | अमिताभ बच्चन, मुकेश |
2. | कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है (भाग 2) | लता मंगेशकर, मुकेश |
3. | मैं हर एक पल का शायर हूँ | मुकेश |
4. | प्यार कर लिया तो क्या, प्यार है गुनाह नहीं | किशोर कुमार |
5. | मैं पल दो पल का शायर हूँ | मुकेश |
6. | सुर्ख जोडे की ये जगमगाहट, शोख़ बिंदिया की ये झिलमिलाहट | लता मंगेशकर |
7. | तेरा फूलों जैसा रंग, तेरा शीशे जैसा अंग, पड़ी जैसे ही नज़र मैं तो रह गया दंग | लता मंगेशकर, किशोर कुमार |
8. | तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती, नज़ारे हम क्या देखें | लता मंगेशकर, किशोर कुमार |
9. | मेरे घर आई एक नन्ही परी, चाँदनी के हसीन रथ पे सवार | लता मंगेशकर |
कलाकार
बड़े सितारों अमिताभ, राखी, शशिकपूर, वहीदा रहमान, नीतू सिंह, ऋषि कपूर, परीक्षित साहनी के श्रेष्ठ अभिनय से सजी ख़ूबसूरत फ़िल्म रही है। सभी पात्रों का अभिनय भावपूर्ण है। दोनों पीढ़ियों के रोमांस से भरपूर यह फ़िल्म दर्शकों की बहुत पसंद की फ़िल्म रही है।
क्रमांक | कलाकार | पात्र का नाम |
---|---|---|
1. | शशि कपूर | विजय खन्ना |
2. | वहीदा रहमान | अंजली मल्होत्रा |
3. | राखी गुलज़ार | पूजा खन्ना |
4. | अमिताभ बच्चन | अमिताभ मल्होत्रा |
5. | नीतू सिंह | पिंकी कपूर |
6. | ऋषि कपूर | विक्रम 'विक्की' खन्ना |
7. | सिम्मी ग्रेवाल | शोभा कपूर |
8. | परीक्षित साहनी | डॉ. आर. पी. कपूर |
9. | नसीम | स्वीटी मल्होत्रा |
10. | इफ़्तिखार | मि. मल्होत्रा |
11. | देवेन वर्मा | रामभजन |
पुरस्कार
क्रमांक | वर्ष | श्रेणी | प्राप्तकर्ता |
---|---|---|---|
1. | 1977 | सर्वश्रेष्ठ गीतकार | साहिर लुधियानवी (कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है) |
2. | 1977 | सर्वश्रेष्ठ संगीतकार | ख़्य्याम |
3. | 1977 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक | मुकेश (कभी कभी मेरे दिल में ख़्याल आता है) |
4. | 1977 | सर्वश्रेष्ठ पटकथा | सागर सरहदी |
रोचक तथ्य
- यह फ़िल्म राखी को ध्यान में रख कर ही बनी थी, परन्तु इसी मध्य राखी की शादी गुलज़ार से हो गयी और वो राखी के फ़िल्मों में काम करने पर सहमत नहीं थे, परन्तु अंत में चोपड़ा साहब के समझाने पर मान गए।
- फ़िल्म के लिए ख़्य्याम को सर्वश्रेष्ठ संगीत का पुरस्कार मिला था। 'कभी कभी मेरे दिल में'... गीत के लिए सर्वश्रेष्ठ बोल के लिए साहिर लुधियानवी को और सर्वश्रेष्ठ गायक का पुरस्कार मुकेश को मिला था।
- कभी कभी मेरे... गीत उस वर्ष रेडियो सीलोन पर आने वाले प्रोग्राम में शीर्ष पर रहा था।
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए अमिताभ, अभिनेत्री के लिए राखी, सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेत्री के लिए वहीदा रहमान को तथा सर्वश्रेष्ठ सह-अभिनेता के लिए शशि कपूर को तथा सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए सागर सरहदी को नामांकित किया गया था।[4]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ कभी कभी (1976 ) (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
- ↑ कभी कभी (1976 ) (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
- ↑ कभी कभी (1976 ) (अंग्रेज़ी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
- ↑ कभी कभी (1976 ) (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 22 दिसम्बर, 2011।
बाहरी कड़ियाँ
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