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'''भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान''' ([[वाराणसी]]), [[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]], [[नई दिल्ली]] का एक घटक संस्थान है। [[सब्जियाँ|सब्जियों]] की महत्ता को देखते हुए [[वर्ष]] [[1992]] में सातवीं पंचवर्षीय योजना के अंतगर्त सब्जी अनुसंधान परियोजना निदेशालय के रूप में इसकी स्थापना वाराणसी में की गई थी। निदेशालय के वृहद कार्य क्षेत्र, उपलब्धियां एवं सब्जी पर अनुसंधान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए [[17 अगस्त]], [[1999]] को इसे राष्ट्रीय संस्थान 'भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान' के रूप में मान्यता प्रदान की गई। | '''भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान''' ([[वाराणसी]]), [[भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद]], [[नई दिल्ली]] का एक घटक संस्थान है। [[सब्जियाँ|सब्जियों]] की महत्ता को देखते हुए [[वर्ष]] [[1992]] में सातवीं पंचवर्षीय योजना के अंतगर्त सब्जी अनुसंधान परियोजना निदेशालय के रूप में इसकी स्थापना वाराणसी में की गई थी। निदेशालय के वृहद कार्य क्षेत्र, उपलब्धियां एवं सब्जी पर अनुसंधान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए [[17 अगस्त]], [[1999]] को इसे राष्ट्रीय संस्थान 'भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान' के रूप में मान्यता प्रदान की गई। | ||
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संस्थान द्वारा सब्जी बीज की महत्ता को देखते हुये सरकटिया, जनपद कुशीनगर में 188 एकड़ छेत्र में सब्जी बीज उत्पादन केन्द्र की स्थापना [[वर्ष]] [[2003]] में की गई थी। इस केंद्र पर विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ एवं मसालों की उन्नतशील बीज तैयार किये जाते हैं। | संस्थान द्वारा सब्जी बीज की महत्ता को देखते हुये सरकटिया, जनपद [[कुशीनगर]] में 188 एकड़ छेत्र में सब्जी बीज उत्पादन केन्द्र की स्थापना [[वर्ष]] [[2003]] में की गई थी। इस केंद्र पर विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ एवं मसालों की उन्नतशील बीज तैयार किये जाते हैं। | ||
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09:22, 6 नवम्बर 2013 के समय का अवतरण
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान
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विवरण | 'भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान' वाराणसी में स्थित है। यह संस्थान भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली का एक घटक संस्थान है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | वाराणसी |
स्थापना | 1992 |
मानयता | 17 अगस्त, 1999 को इसे राष्ट्रीय संस्थान के रूप में मान्यता मिली। |
क्षेत्रीय केन्द्र | सरकटिया, कुशीनगर |
कार्य | यह अकेला संस्थान है, जहाँ सब्जी की नई उन्नतशील किस्में, उनकी सस्य प्रोद्योगिकी एवं कीट तथा बीमारियों के प्रभावकारी नियंत्रण के लिए अनुसंधान कार्य आदि किए जाते हैं। |
अन्य जानकारी | संस्थान द्रारा विकसित तकनीकों को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, किसान गोष्ठी, प्रशिक्षण, किसान मेला आदि के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है। |
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (वाराणसी), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली का एक घटक संस्थान है। सब्जियों की महत्ता को देखते हुए वर्ष 1992 में सातवीं पंचवर्षीय योजना के अंतगर्त सब्जी अनुसंधान परियोजना निदेशालय के रूप में इसकी स्थापना वाराणसी में की गई थी। निदेशालय के वृहद कार्य क्षेत्र, उपलब्धियां एवं सब्जी पर अनुसंधान की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए 17 अगस्त, 1999 को इसे राष्ट्रीय संस्थान 'भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान' के रूप में मान्यता प्रदान की गई।
मुख्यालय
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान 150 एकड़ में वाराणसी, उत्तर प्रदेश से दक्षिण-पशिचम दिशा में शहँशाहपुर (अदलपुरा के निकट) में डी.एल.डब्ल्यू., चुनार रोड; वाराणसी- मोहन सराय- चुनार रोड एवं बाबतपुर- जंसा- मोहन सराय- चुनार रोड पर स्थित है। यह संस्थान क्रमश: डी.एल.डब्ल्यू. से 16, मोहन सराय से 10, वाराणसी स्टेशन से 20 व बाबतपुर हवाई अड्डे से लगभग 40 कि.मी. की दूरी पर सिथ्त है।[1]
कार्य
भारत में पूरी तरह सब्जी अनुसंधान पर समर्पित यह अकेला संस्थान है, जहां सब्जी की नई उन्नतशील किस्में, उनकी सस्य प्रोद्योगिकी एवं कीट तथा बीमारियों के प्रभावकारी नियंत्रण के लिए अनुसंधान कार्य किया जा रहा है। इसके साथ-साथ सब्जियों की अनुमोदित किस्मों का प्रजनक बीज का उत्पादन भी किया जा रहा है। संस्थान द्रारा विकसित इन तकनीकों को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन, किसान गोष्ठी, प्रशिक्षण, किसान मेला आदि के माध्यम से किसानों तक पहुंचाया जाता है।
सुविधाएँ
इस संस्थान में उपलब्ध सुविधाएँ निम्नलिखित हैं-
- संस्थान में पूर्ण विकसित प्रयोगशालाएँ हैं, जो अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित हैं।
- सब्जी प्रजातियों एवं जनन द्रव्यों को अधिक समय तक संरक्षित करने के लिए जीन बैंक स्थापित की गई है।
- संस्थान पर पालीहाउस, नेटहाउस व ग्लासहाउस की सुविधा उपलब्ध है, जहाँ नियंत्रित वातावरण प्रदान कर शोध कार्य किये जाते हैं।
- संस्थान में सब्जियों से संबन्धित एक संग्रहालय भी है एवं कंप्यूटर व इन्टरनेट की सुविधाओं से सुसज्जित पुस्तकालय है।
- संस्थान में नवीनतम सब्जी संसाधन इकाई एवं पैंकेजिंग की व्यवस्था है।[1]
मुख्य कार्य
- सब्जी उत्पादकता को बढ़ाने एवं नयी तकनीकी विकसित करने के लिए मूलभूत, योजनबद्ध तथा व्यावहारिक अनुसंधान कार्य करना।
- स्थान विशेष की समस्याओं को हल करना व अनुमोदित किस्मों के प्रजनक बीज उत्पादित करना।
- भारत में सब्जी अनुसंधान के कार्य को वैज्ञानिक नेतृत्व प्रदान करना।
- सब्जी अनुसंधान से संबन्धित वैज्ञानिक सूचनाओ के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण सहित विभिन्न प्रसार कार्य करना।
- उपरोक्त लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए संबन्धित राष्ट्रीय व अंतरर्शत्रीय शोध सस्थानों के साथ मिलकर कार्य करना।
क्षेत्रीय केन्द्र
संस्थान द्वारा सब्जी बीज की महत्ता को देखते हुये सरकटिया, जनपद कुशीनगर में 188 एकड़ छेत्र में सब्जी बीज उत्पादन केन्द्र की स्थापना वर्ष 2003 में की गई थी। इस केंद्र पर विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ एवं मसालों की उन्नतशील बीज तैयार किये जाते हैं।
सेवाएँ
- प्रदर्शनियों, गोष्ठियों, वैज्ञानिक- किसान संपर्कों एवं रेडियो तथा दूरदर्शन प्रसारणों के माध्यम से प्रौढ़गिकी हस्तांतरण किया जाता है।[1]
- संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न सब्जी तकनीकों के मूल्यांकन, सुधार एवं प्रसारण हेतु विभिन्न ग्रामों को अपनाया गया एवं सब्जी तकनीकियों को किसान के खेतों पर प्रदर्शित की जाती है।
- प्रशिक्षकों, सब्जी उत्पादकों, सस्थाओं आदि हेतु सब्जी की उन्नतशील बीज उत्पादन आदि विषयों पर प्रशिक्षण आयोजित किये जाते हैं।
- सब्जी उत्पादकों एवं अन्य संबन्धित वर्गों के लिए सब्जी संबन्धित हस्त पुस्तिका एवं तकनीकी साहित्य उपलब्ध करना।
- इन्टरनेट पर संस्थान की वेबसाइट द्वारा सब्जियों के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराना।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (हिंदी)। । अभिगमन तिथि: 06 नवम्बर, 2013।
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