"यह कदम्ब का पेड़ -सुभद्रा कुमारी चौहान": अवतरणों में अंतर
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|कवि =[[सुभद्रा कुमारी चौहान]] | |कवि =[[सुभद्रा कुमारी चौहान]] | ||
|जन्म=[[16 अगस्त]], 1904 | |जन्म=[[16 अगस्त]], [[1904]] | ||
|जन्म स्थान=[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]] | |जन्म स्थान=[[इलाहाबाद]], [[उत्तर प्रदेश]] | ||
|मृत्यु=[[15 फरवरी]], 1948 | |मृत्यु=[[15 फरवरी]], [[1948]] | ||
|मृत्यु स्थान= | |मृत्यु स्थान= | ||
|मुख्य रचनाएँ='मुकुल', '[[झांसी की रानी -सुभद्रा कुमारी चौहान|झाँसी की रानी]]', बिखरे मोती आदि | |मुख्य रचनाएँ='मुकुल', '[[झांसी की रानी -सुभद्रा कुमारी चौहान|झाँसी की रानी]]', बिखरे मोती आदि | ||
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वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता। | वहीं बैठ फिर बड़े मजे से मैं बांसुरी बजाता। | ||
अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में | अम्मा-अम्मा कह वंशी के स्वर में तुम्हें बुलाता।। | ||
सुन मेरी बंसी को माँ तुम इतनी खुश हो जाती। | |||
मुझे देखने काम छोड़ कर तुम बाहर तक आती।। | |||
तुमको आता देख बांसुरी रख मैं चुप हो जाता। | |||
पत्तों में छिपकर धीरे से फिर बांसुरी बजाता।। | |||
गुस्सा होकर मुझे डांटती, कहती "नीचे आजा"। | |||
पर जब मैं ना उतरता, हंसकर कहती "मुन्ना राजा"।। | |||
"नीचे उतरो मेरे भैया तुम्हें मिठाई दूंगी। | |||
नए खिलौने, माखन-मिसरी, दूध मलाई दूंगी"।। | |||
बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता। | बहुत बुलाने पर भी माँ जब नहीं उतर कर आता। |
13:29, 25 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
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यह कदंब का पेड़ अगर माँ होता यमुना तीरे। |