"पानी और धूप -सुभद्रा कुमारी चौहान": अवतरणों में अंतर
('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=Subhadra-Kumari-Ch...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "दरवाजा" to "दरवाज़ा") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 36: | पंक्ति 36: | ||
सूरज ने क्यों बंद कर लिया | सूरज ने क्यों बंद कर लिया | ||
अपने घर का | अपने घर का दरवाज़ा़ | ||
उसकी माँ ने भी क्या उसको | उसकी माँ ने भी क्या उसको | ||
बुला लिया कहकर आजा। | बुला लिया कहकर आजा। | ||
पंक्ति 48: | पंक्ति 48: | ||
चलती है कितनी तलवार | चलती है कितनी तलवार | ||
कैसी चमक रही है फिर भी | कैसी चमक रही है फिर भी | ||
क्यों | क्यों ख़ाली जाते हैं वार। | ||
क्या अब तक तलवार चलाना | क्या अब तक तलवार चलाना |
14:27, 31 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||||
|
अभी अभी थी धूप, बरसने |