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*नगर के बाहर का स्थान प्राचीन पौराणिक पद्यक्षेत्र माना जाता है। | *नगर के बाहर का स्थान प्राचीन पौराणिक पद्यक्षेत्र माना जाता है। | ||
*कुछ विद्धानों के मत में [[महाभारत]] में वर्णित [[वंशगुल्म]] वासिम का ही प्रदेश था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=847|url=}}</ref> | *कुछ विद्धानों के मत में [[महाभारत]] में वर्णित [[वंशगुल्म]] वासिम का ही प्रदेश था।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=ऐतिहासिक स्थानावली|लेखक=विजयेन्द्र कुमार माथुर|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर|संकलन= भारतकोश पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=847|url=}}</ref> | ||
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11:19, 30 अक्टूबर 2014 के समय का अवतरण
वासिम अकोला ज़िला, महाराष्ट्र का ऐतिहासिक स्थान है। यह अकोला से 22 मील की दूरी पर स्थित है।
- कहा जाता है कि इस स्थान पर प्राचीन समय में वत्स ऋषि का आश्रम था, जिनके नाम पर ही इस स्थान को 'वासिम' कहा जाता है।
- नगर के बाहर का स्थान प्राचीन पौराणिक पद्यक्षेत्र माना जाता है।
- कुछ विद्धानों के मत में महाभारत में वर्णित वंशगुल्म वासिम का ही प्रदेश था।[1]
- वासिम से प्राप्त एक ताम्र पट्टलेख में नंदेड़ का प्राचीन नाम 'नंदीकल' दिया हुआ है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 847 |