"पवनार": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replace - " जिले " to " ज़िले ")
 
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
*पवनार [[महाराष्ट्र]] के [[वर्धा ज़िला|वर्धा ज़िले]] में स्थित है।  
'''पवनार''' [[महाराष्ट्र]] के [[वर्धा ज़िला|वर्धा ज़िले]] में स्थित है।
*इसकी पहचान प्राचीन प्रवरपुर से की जाती है।  
*इसकी पहचान प्राचीन [[प्रवरपुर, महाराष्ट्र|प्रवरपुर]] से की जाती है। जो [[वाकाटक वंश|वाकाटकों]] की राजधानी थी।  
*जो [[वाकाटक वंश|वाकाटकों]] की राजधानी थी।  
*यहाँ खुदाई में काले-लाल मृदभाण्ड के अतिरिक्त दुहत्थी सुराही के टुकड़े मिले हैं। और [[महाक्षत्रप|क्षत्रपों]] के सिक्के भी मिले हैं।  
*यहाँ खुदाई में काले-लाल मृदभाण्ड के अतिरिक्त दुहत्थी सुराही के टुकड़े मिले हैं। और [[महाक्षत्रप|क्षत्रपों]] के सिक्के भी मिले हैं।  
*यहाँ की सबसे महत्त्वपूर्ण खोज चौथी शताब्दी के अंतिम भाग अथवा प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी में निर्मित एक मन्दिर के अवशेष हैं।  
*यहाँ की सबसे महत्त्वपूर्ण खोज चौथी शताब्दी के अंतिम भाग अथवा प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी में निर्मित एक मन्दिर के [[अवशेष]] हैं।  
{{menu}}
* यह एक ऐतिहासिक गांव है जो धाम नदी के तट पर बसा है।
{{लेख प्रगति
* यह गांव ज़िले की सबसे प्राचीन बस्तियों में एक है।
|आधार=आधार1
* राजपूत राजा पवन के नाम पर इसका नाम पवनार पड़ा।
|प्रारम्भिक=
* गांव में गांधी कुटी और [[आचार्य विनोबा भावे]] का [[परमधाम आश्रम]] देखा जा सकता है।
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|शोध=
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान}}
{{महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान}}
{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
__INDEX__
[[Category:महाराष्ट्र]]
[[Category:महाराष्ट्र]]
[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
[[Category:महाराष्ट्र के ऐतिहासिक स्थान]]
पंक्ति 25: पंक्ति 18:
[[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]]
[[Category:महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__

13:52, 1 नवम्बर 2014 के समय का अवतरण

पवनार महाराष्ट्र के वर्धा ज़िले में स्थित है।

  • इसकी पहचान प्राचीन प्रवरपुर से की जाती है। जो वाकाटकों की राजधानी थी।
  • यहाँ खुदाई में काले-लाल मृदभाण्ड के अतिरिक्त दुहत्थी सुराही के टुकड़े मिले हैं। और क्षत्रपों के सिक्के भी मिले हैं।
  • यहाँ की सबसे महत्त्वपूर्ण खोज चौथी शताब्दी के अंतिम भाग अथवा प्रारम्भिक पाँचवी शताब्दी में निर्मित एक मन्दिर के अवशेष हैं।
  • यह एक ऐतिहासिक गांव है जो धाम नदी के तट पर बसा है।
  • यह गांव ज़िले की सबसे प्राचीन बस्तियों में एक है।
  • राजपूत राजा पवन के नाम पर इसका नाम पवनार पड़ा।
  • गांव में गांधी कुटी और आचार्य विनोबा भावे का परमधाम आश्रम देखा जा सकता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख