"विद्यावाप्ति व्रत": अवतरणों में अंतर

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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
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*तिल से हयग्रीव की पूजा, तिल से होम करना चाहिए। प्रथम तीन दिनों तक उपवास करें। यह मासव्रत है।
*तिल से हयग्रीव की पूजा, तिल से होम करना चाहिए।  
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*प्रथम तीन दिनों तक उपवास करें।  
*यह मासव्रत है।
*इससे कर्ता विद्वान हो जाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 796-767), विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3; 207|1-5 से उद्धरण)।</ref>  
 


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07:57, 23 नवम्बर 2016 के समय का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह व्रत पौष पूर्णिमा के उपरान्त माघ की प्रतिपदा से एक मास तक करना चाहिए।
  • तिल से हयग्रीव की पूजा, तिल से होम करना चाहिए।
  • प्रथम तीन दिनों तक उपवास करें।
  • यह मासव्रत है।
  • इससे कर्ता विद्वान हो जाता है।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 796-767), विष्णुधर्मोत्तरपुराण (3; 207|1-5 से उद्धरण)।

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