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==विकास== | ==विकास== | ||
स्थानीय मांग के कारण कृत्रिम रूप से चेन्नई बंदरगाह का विकास किया गया है। यह कृत्रिम बंदरगाह है। ये बंदरगाह 125 वर्ष से अधिक पुराना है। विस्तृत खुले [[समुद्र|समुद्रों]] में ज़हाज को लहरों से होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए 90 मीटर की गहराई की नींव पर तट से 3 किलोमीटर दूर दो [[कंक्रीट]] की दीवारें बनाकर लगभग 200 एकड़ समुद्र के [[जल]] को रोका गया है। बंदरगाह का मुख्य द्वार 120 मीटर लम्बा है। यहां साधारण जल की गहराई 10 मीटर तक रहती है। मुख्य कंटेनर पत्तन बनने से पूर्व चेन्नई बंदरगाह प्रमुख यात्रा बंदरगाह भी था। [[2008]] में इसका कंटेनर परिवहन 10 लाख टी.ई.यू से अधिक | स्थानीय मांग के कारण कृत्रिम रूप से चेन्नई बंदरगाह का विकास किया गया है। यह कृत्रिम बंदरगाह है। ये बंदरगाह 125 वर्ष से अधिक पुराना है। विस्तृत खुले [[समुद्र|समुद्रों]] में ज़हाज को लहरों से होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए 90 मीटर की गहराई की नींव पर तट से 3 किलोमीटर दूर दो [[कंक्रीट]] की दीवारें बनाकर लगभग 200 एकड़ समुद्र के [[जल]] को रोका गया है। इस बंदरगाह का मुख्य द्वार 120 मीटर लम्बा है। यहां साधारण जल की गहराई 10 मीटर तक रहती है। मुख्य कंटेनर पत्तन बनने से पूर्व चेन्नई बंदरगाह प्रमुख यात्रा [[बंदरगाह]] भी था। [[2008]] में इसका कंटेनर परिवहन 10 लाख टी.ई.यू से अधिक था। यह वर्तमान में आने वाले समय में 91वां सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट आंका गया है। चेन्नई बंदरगाह [[बंगाल की खाड़ी]] में सबसे बड़ा बंदरगाह और [[भारत]] का दूसरा सबसे बड़ा सागरीय-व्यापार केन्द्र है। | ||
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11:54, 4 दिसम्बर 2016 के समय का अवतरण
चेन्नई बंदरगाह
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विवरण | चेन्नई बंदरगाह बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़ा बंदरगाह है और भारत का दूसरा सबसे बड़ा सागरीय-व्यापार केन्द्र है। |
देश | भारत |
ज़िला | मद्रास |
राज्य | चेन्नई |
उद्घाटन | 1881, 31 वर्ष पूर्व |
संचालन | चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट |
स्वामित्व | चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट, जहाजरानी मंत्रालय, भारत सरकार |
पृष्ठदेश | दक्षिणी आंध्र प्रदेश, सम्पूर्ण तमिलनाडु और कर्नाटक के पूर्वी भाग तक विस्तृत है। |
उद्योग | सूती वस्त्र उद्योग, सीमेण्ट, सिगरेट, रेशमी वस्त्र, चमड़ा आदि उद्योग स्थापित हैं। |
कंटेनर पोर्ट | 91 |
निर्यात | चेन्नई बंदरगाह से विदेशों को सूती और रेशमी कपड़े, चमड़ा, कहवा, हड्डी, खाद, रबड़, तम्बाकू, चाय, मशाला, चमड़ा, नारियल, तिलहन, हल्दी, अभ्रक, मूगंफली का तेल, मैंगनीज, मछली, प्याज, आदि वस्तुएं निर्यात की जाती हैं। |
अन्य जानकारी | चेन्नई बंदरगाह में ज्वार आने पर वर्षा और तूफान के समय ज़हाज सरलता से खड़े रहते हैं। |
अद्यतन | 05:21, 4 दिसम्बर-2016 (IST) |
चेन्नई बंदरगाह (अंग्रेज़ी:Chennai Port) पूर्वी तट पर यह मुम्बई के पश्चात् भारत का दूसरा प्रमुख बंदरगाह है। यह वर्तमान में आने वाले समय में 91वां सबसे बड़ा कंटेनर बंदरगाह आंका गया है। चेन्नई बंदरगाह बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़ा बंदरगाह और भारत का दूसरा सबसे बड़ा सागरीय-व्यापार केन्द्र है।[1]
विकास
स्थानीय मांग के कारण कृत्रिम रूप से चेन्नई बंदरगाह का विकास किया गया है। यह कृत्रिम बंदरगाह है। ये बंदरगाह 125 वर्ष से अधिक पुराना है। विस्तृत खुले समुद्रों में ज़हाज को लहरों से होने वाली असुविधा को दूर करने के लिए 90 मीटर की गहराई की नींव पर तट से 3 किलोमीटर दूर दो कंक्रीट की दीवारें बनाकर लगभग 200 एकड़ समुद्र के जल को रोका गया है। इस बंदरगाह का मुख्य द्वार 120 मीटर लम्बा है। यहां साधारण जल की गहराई 10 मीटर तक रहती है। मुख्य कंटेनर पत्तन बनने से पूर्व चेन्नई बंदरगाह प्रमुख यात्रा बंदरगाह भी था। 2008 में इसका कंटेनर परिवहन 10 लाख टी.ई.यू से अधिक था। यह वर्तमान में आने वाले समय में 91वां सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट आंका गया है। चेन्नई बंदरगाह बंगाल की खाड़ी में सबसे बड़ा बंदरगाह और भारत का दूसरा सबसे बड़ा सागरीय-व्यापार केन्द्र है।
क्षमता
चेन्नई बंदरगाह में ज्वार आने पर वर्षा और तूफान के समय ज़हाज सरलता से खड़े रहते हैं। इस पोताश्रय में एक साथ 16 ज़हाज ठहर सकते है।
पृष्ठदेश
चेन्नई का पृष्ठदेश दक्षिणी आंध्र प्रदेश, सम्पूर्ण तमिलनाडु और कर्नाटक के पूर्वी भाग तक विस्तृत है। मुम्बई और कोलकाता की भांति न तो यह इतना उपजाऊ और समृद्ध ही है और न ही इतना घना बसा है। यह अपने पृष्ठदेश में सड़कों रेलमार्गों द्वारा अन्य राज्यों से जुड़ा है और चेन्नई नगर स्वयं एक औद्यौगिक नगर है जहां सूती वस्त्र उद्योग, सीमेण्ट, सिगरेट, रेशमी वस्त्र, चमड़ा आदि उद्योग स्थापित हैं। जहां ऑटोमोबाइल, मोटरसाइकिल, सामान्य औद्योगिक माल और अन्य थोक खनिज की आवा-जाही होती है।
निर्यात एवं आयात
चेन्नई बंदरगाह से विदेशों को सूती और रेशमी कपड़े, चमड़ा, कहवा, हड्डी, खाद, रबड़, तम्बाकू, चाय, मशाला, चमड़ा, नारियल, तिलहन, हल्दी, अभ्रक, मूगंफली का तेल, मैंगनीज, मछली, प्याज, आदि वस्तुएं निर्यात की जाती हैं। आयात व्यापार में कोयला, कोक, अनाज, मोटरें, रंग, पेट्रोलियम, कागज, चीनी, दवाइयां, धातुएं, चावल, मशीनें, रसायन और खाद्यान्न, लम्बे रेशे वाली कपास, और रासायनिक पदार्थ मुख्य हैं। यह मुम्बई के पश्चात् दूसरा सर्वाधिक व्यापार वाला बंदरगाह है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भारत का भूगोल |लेखक: डॉ. चतुर्भुज मामोरिया |प्रकाशक: साहित्य भवन पब्लिकेशन्स, आगरा |पृष्ठ संख्या: 365 |