"अब हम गुम हुए -बुल्ले शाह": अवतरणों में अंतर
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अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर अपने आप को जाँच रहा | <poem>अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर | ||
अपने आप को जाँच रहा हूँ | |||
ना सर हाथ ना पैर | |||
हम धुत्कारे पहले घर के | |||
कौन करे निरवैर! | |||
खोई ख़ुदी मनसब पहचाना | |||
जब देखी है ख़ैर | |||
दोनों जहाँ में है बुल्ला शाह | |||
कोई नहीं है ग़ैर | |||
अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर</poem> | |||
12:49, 18 फ़रवरी 2017 के समय का अवतरण
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अब हम गुम हुए प्रेम नगर के शहर |
हिन्दी अनुवाद
अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर
अपने आप को जाँच रहा हूँ
ना सर हाथ ना पैर
हम धुत्कारे पहले घर के
कौन करे निरवैर!
खोई ख़ुदी मनसब पहचाना
जब देखी है ख़ैर
दोनों जहाँ में है बुल्ला शाह
कोई नहीं है ग़ैर
अब हम ग़ुम हुए प्रेम नगर के शहर
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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