"सांवरे तूने ये क्या किया, ये क्या किया -वंदना गुप्ता": अवतरणों में अंतर
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शब्दहीन, भावहीन ,स्पंदनहीन | शब्दहीन, भावहीन ,स्पंदनहीन हृदय को | ||
और दिमाग को कुंद औ मूढ बना दिया | और दिमाग को कुंद औ मूढ बना दिया | ||
सांवरे तूने ये क्या किया , ये क्या किया | सांवरे तूने ये क्या किया , ये क्या किया | ||
पंक्ति 41: | पंक्ति 41: | ||
सांवरे तूने ये क्या किया, ये क्या किया | सांवरे तूने ये क्या किया, ये क्या किया | ||
न | न हृदय द्रवित होता है | ||
न अश्रु नैनो से ढलते हैं | न अश्रु नैनो से ढलते हैं | ||
बस निर्विकारता छा जाती है | बस निर्विकारता छा जाती है | ||
पंक्ति 69: | पंक्ति 69: | ||
फिर भी ना तेरा दरस हुआ | फिर भी ना तेरा दरस हुआ | ||
और चौखट से जो अपनी | और चौखट से जो अपनी | ||
तूने | तूने ख़ाली हाथ लौटा दिया | ||
सांवरे तूने ये क्या किया, ये क्या किया | सांवरे तूने ये क्या किया, ये क्या किया | ||
11:17, 5 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
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शब्दहीन, भावहीन ,स्पंदनहीन हृदय को |
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