"हेलन": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('{{पुनरीक्षण}} {{सूचना बक्सा कलाकार |चित्र=Helen.jpg |चित्र का ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
(4 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 14 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{पुनरीक्षण}}
{{सूचना बक्सा कलाकार
{{सूचना बक्सा कलाकार
|चित्र=Helen.jpg
|चित्र=Helen.jpg
पंक्ति 6: पंक्ति 5:
|प्रसिद्ध नाम=हेलन   
|प्रसिद्ध नाम=हेलन   
|अन्य नाम=
|अन्य नाम=
|जन्म=[[21 अक्टूबर]], 1939
|जन्म=[[21 अक्टूबर]], [[1939]]
|जन्म भूमि=[[म्यांमार]]
|जन्म भूमि=[[म्यांमार]]
|मृत्यु=
|मृत्यु=
|मृत्यु स्थान=
|मृत्यु स्थान=
|अविभावक=  
|अभिभावक=  
|पति/पत्नी=
|पति/पत्नी=
|संतान=
|संतान=
पंक्ति 23: पंक्ति 22:
|प्रसिद्धि=बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हैं।
|प्रसिद्धि=बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हैं।
|विशेष योगदान=
|विशेष योगदान=
|नागरिकता=
|नागरिकता=भारतीय
|संबंधित लेख=
|संबंधित लेख=
|शीर्षक 1=लोकप्रिय गाने
|शीर्षक 1=लोकप्रिय गाने
|पाठ 1=महबूबा महबूबा- शोले (1975), पिया तू अब तो आजा...-कारवां (1971), मेरा नाम चिन चिन चू -हावडा ब्रिज (1958) आदि
|पाठ 1=महबूबा महबूबा- [[शोले (फ़िल्म)|शोले (1975)]], पिया तू अब तो आजा...-कारवां (1971), मेरा नाम चिन चिन चू -हावडा ब्रिज (1958) आदि
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|शीर्षक 2=
|पाठ 2=
|पाठ 2=
|अन्य जानकारी=हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया। इतने सालों के बाद भी उनके नृत्य का अंदाज़ भुलाए नहीं भूलता है।
|अन्य जानकारी=हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया।  
|बाहरी कड़ियाँ=
|बाहरी कड़ियाँ=
|अद्यतन={{अद्यतन|16:37, 2 नवम्बर 2011 (IST)}}
|अद्यतन={{अद्यतन|16:37, 2 नवम्बर 2011 (IST)}}
}}
}}


हेलन ([[अंग्रेजी]]: Helen) (जन्म [[21 अक्टूबर]], 1939, [[म्यांमार]]) हिंदी फ़िल्म जगत में 70 और 80 के दशक की ऐसी [[अभिनेत्री]] हैं, जिन्होंने अपने [[नृत्य]] से सिने दर्शकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनायी, जिसके लिए आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए है।
'''हेलन''' ([[अंग्रेजी]]: Helen) (जन्म [[21 अक्टूबर]], [[1939]], [[म्यांमार]]) हिंदी फ़िल्म जगत में 70 और 80 के दशक की ऐसी [[अभिनेत्री]] हैं, जिन्होंने अपने [[नृत्य]] से सिने दर्शकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनायी, जिसके लिए आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए है।


==जीवन परिचय==
==जीवन परिचय==
हेलन का वास्तविक नाम '''हेलन रिचर्डसन खान''' है। हेलन का जन्म बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में 21 अक्तूबर 1939 को हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हेलन और उनका परिवार [[मुंबई]] आ गये। हेलन के पिता एंग्लो-इंडियन था, दूसरे विश्व युद्ध में पिता की मृत्यु हो गई और हेलन की माता का नाम बर्मीज था और वह बतौर नर्स कार्य करती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण से हेलन ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार के काम में हाथ बंटाने लगी। उन्होंने [[मणिपुरी नृत्य|मणिपुरी]], [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]], [[कथक नृत्य|कथक]] आदि [[शास्त्रीय नृत्य|शास्त्रीय नृत्यों]] में भी शिक्षा हासिल की।<ref>{{cite web |url=http://www.khaskhabar.com/feature/helen-special-863c9aada1124e00a4e38256f44aba3b.html |title=हेलन : बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल |accessmonthday=[[29 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच. टी.एम.एल |publisher=खास खबर |language=हिंदी }}</ref>  
हेलन का वास्तविक नाम '''हेलन रिचर्डसन खान''' है। हेलन का जन्म [[बर्मा]] (वर्तमान म्यांमार) में [[21 अक्तूबर]] 1939 को हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हेलन और उनका परिवार [[मुंबई]] आ गये। हेलन के पिता एंग्लो-इंडियन था, दूसरे विश्व युद्ध में पिता की मृत्यु हो गई और हेलन की माता का नाम बर्मीज था और वह बतौर नर्स कार्य करती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण से हेलन ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार के काम में हाथ बंटाने लगी। उन्होंने [[मणिपुरी नृत्य|मणिपुरी]], [[भरतनाट्यम नृत्य|भरतनाट्यम]], [[कथक नृत्य|कथक]] आदि [[शास्त्रीय नृत्य|शास्त्रीय नृत्यों]] में भी शिक्षा हासिल की।<ref>{{cite web |url=http://www.khaskhabar.com/feature/helen-special-863c9aada1124e00a4e38256f44aba3b.html |title=हेलन : बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल |accessmonthday=[[29 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच. टी.एम.एल |publisher=खास खबर |language=हिंदी }}</ref>  


==पहली सफल कोरस डांसर==
==पहली सफल कोरस डांसर==
हेलन सबसे पहले कोरस डांसर के रूप में 1951 में फ़िल्म "शबिस्तां" और "आवारा" में नजर आई थीं। बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हेलन ने बॉलीवुड का उस वक्त आइटम नंबर से परिचय कराया जब वो अपने शुरूआती दौर में था। उनको फ़िल्मों में लाने का श्रेय कुक्कू को जाता है, जो स्वयं उन दिनों फ़िल्मों में नर्तकी के रूप में नजर आती थीं। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फ़िल्म 'हावडा ब्रिज' हेलन के करियर की अहम फ़िल्म साबित हुई। इस फ़िल्म में उनपर फ़िल्माया यह गीत ‘मेरा नाम चिन-चिन चू’ उन दिनों दर्शकों के बीच काफी मशहूर हुआ।
हेलन सबसे पहले कोरस डांसर के रूप में 1951 में फ़िल्म "शबिस्तां" और "आवारा" में नजर आई थीं। बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हेलन ने बॉलीवुड का उस वक्त आइटम नंबर से परिचय कराया जब वो अपने शुरुआती दौर में था। उनको फ़िल्मों में लाने का श्रेय कुक्कू को जाता है, जो स्वयं उन दिनों फ़िल्मों में नर्तकी के रूप में नजर आती थीं। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फ़िल्म 'हावडा ब्रिज' हेलन के करियर की अहम फ़िल्म साबित हुई। इस फ़िल्म में उनपर फ़िल्माया यह गीत ‘मेरा नाम चिन-चिन चू’ उन दिनों दर्शकों के बीच काफ़ी मशहूर हुआ।


==अभिनेत्री==
==अभिनेत्री==
साठ के दशक में हेलन बतौर अभिनेत्री अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करने लगी। इस दौरान उन्हें [[अभिनेता]] [[संजीव कुमार]] के साथ फ़िल्म ‘निशान’ में काम करने का मौका मिला, लेकिन दुर्भाग्य से यह फ़िल्म सिनेमा घर में चल नहीं पाई। साठ और सत्तर के दशक मे [[आशा भोंसले]] हिन्दी फ़िल्मो की प्रख्यात नर्तक अभिनेत्री हेलन की आवाज मानी जाती थी। आशा भोंसले ने हेलन के लिये तीसरी मंजिल में ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ फ़िल्म कारवां में ‘पिया तू अब तो आजा’ मेरे जीवन साथी में ‘आओ ना गले लगा लो ना’ और डान में ‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये।
साठ के दशक में हेलन बतौर अभिनेत्री अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करने लगी। इस दौरान उन्हें [[अभिनेता]] [[संजीव कुमार]] के साथ फ़िल्म ‘निशान’ में काम करने का मौक़ा मिला, लेकिन दुर्भाग्य से यह फ़िल्म सिनेमा घर में चल नहीं पाई। साठ और सत्तर के दशक मे [[आशा भोंसले]] हिन्दी फ़िल्मों की प्रख्यात नर्तक अभिनेत्री हेलन की आवाज़ मानी जाती थी। आशा भोंसले ने हेलन के लिये तीसरी मंज़िल में ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ फ़िल्म कारवां में ‘पिया तू अब तो आजा’ मेरे जीवन साथी में ‘आओ ना गले लगा लो ना’ और डॉन में ‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये।


==लोकप्रियता==
==लोकप्रियता==
हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया। इतने सालों के बाद भी उनके नृत्य का अंदाज़ भुलाए नहीं भूलता है। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘शोले’ में [[आर. डी. बर्मन]] के संगीत निर्देशन में हेलन के ऊपर फ़िल्माया गीत ‘महबूबा महबूबा’ आज भी सिनेप्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर देता है। हालांकि सत्तर के दशक में नायिकाओं द्वारा ही खलनायिका का किरदार निभाने और डांस करने के कारण हेलन को फ़िल्मों में काम मिलना काफी हद तक कम हो गया।
हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया। इतने सालों के बाद भी उनके नृत्य का अंदाज़ भुलाए नहीं भूलता है। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फ़िल्म [[शोले (फ़िल्म)|‘शोले’]] में [[आर. डी. बर्मन]] के संगीत निर्देशन में हेलन के ऊपर फ़िल्माया गीत ‘महबूबा महबूबा’ आज भी सिनेप्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर देता है। हालांकि सत्तर के दशक में नायिकाओं द्वारा ही खलनायिका का किरदार निभाने और डांस करने के कारण हेलन को फ़िल्मों में काम मिलना काफ़ी हद तक कम हो गया।


वर्ष 1976 में महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘लहू के दो रंग’ में अपने दमदार अभिनय के लिए हेलन को सवश्रेष्ठ सहनायिका के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘हेलन की नृत्य शैली’ से प्रभावित बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री साधना ने एक बार कहा था, "हेलन जैसी नृत्यांगना न तो पहले पैदा हुई है और ना ही बाद में पैदा होगी।"
वर्ष 1976 में महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘लहू के दो रंग’ में अपने दमदार अभिनय के लिए हेलन को सवश्रेष्ठ सहनायिका के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘हेलन की नृत्य शैली’ से प्रभावित बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री [[साधना]] ने एक बार कहा था, "हेलन जैसी नृत्यांगना न तो पहले पैदा हुई है और ना ही बाद में पैदा होगी।"


==हेलन पर फ़िल्माये लोकप्रिय गाने==
==हेलन पर फ़िल्माये लोकप्रिय गाने==
[[चित्र:Nanda-Waheeda-Helen-Sadhana.jpg|thumb|[[नन्दा]], [[वहीदा रहमान]], हेलन और [[साधना (अभिनेत्री)|साधना]] (बाएँ से दाएँ)]]
*"मेरा नाम चिन चिन चू, रात चांदनी मैं और तू हल्लो मिस्टर हाऊ डू यू डू. . . "- हावडा ब्रिज (1958)
*"मेरा नाम चिन चिन चू, रात चांदनी मैं और तू हल्लो मिस्टर हाऊ डू यू डू. . . "- हावडा ब्रिज (1958)
*'पिया तू अब तो आजा...'- कारवां (1971)
*'पिया तू अब तो आजा...'- कारवां (1971)
*‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये'- डॉन(1978)
*‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये'- डॉन (1978)
*"मूंगडा मूंगडा मैं गुड की ढली, मंगता है तो आजा रसिया नही तो मैं ये चली"- इंकार (1978)
*"मूंगडा मूंगडा मैं गुड की ढली, मंगता है तो आजा रसिया नहीं तो मैं ये चली"- इंकार (1978)
*"महबूबा महबूबा"-शोले (1975)
*"महबूबा महबूबा"-शोले (1975)


==उल्लेखनीय फ़िल्में==
==उल्लेखनीय फ़िल्में==
हेलन के कार्यकाल की कुछ लोकप्रिय फ़िल्में आवारा, मिस कोको कोला, यहूदी, हम हिंदुस्तानी, दिल अपना और प्रीत पराई, गंगा जमुना, वो कौन थी, गुमनाम, खानदान, जाल, ज्वैलथीफ, प्रिस, इंतकाम, द ट्रेन, हलचल, हंगामा, उपासना, अपराध, अनामिका, जख्मी, बैराग, खून पसीना, अमर अकबर ऐंथोनी., द ग्रेट गैम्बलर, राम बलराम, शान, कुर्बानी, अकेला, खामोशी, हम दिल दे चुके सनम, मोहब्बते, मैरी गोल्ड आदि हैं।
हेलन के कार्यकाल की कुछ लोकप्रिय फ़िल्में आवारा, मिस कोको कोला, यहूदी, हम हिंदुस्तानी, दिल अपना और प्रीत पराई, गंगा जमुना, वो कौन थी, गुमनाम, ख़ानदान, जाल, ज्वैलथीफ, प्रिस, इंतक़ाम, द ट्रेन, हलचल, हंगामा, उपासना, अपराध, अनामिका, जख्मी, बैराग, ख़ून पसीना, अमर अकबर ऐंथोनी., द ग्रेट गैम्बलर, राम बलराम, शान, कुर्बानी, अकेला, खामोशी, हम दिल दे चुके सनम, मोहब्बते, मैरी गोल्ड आदि हैं।


==पुरस्कार==
==पुरस्कार==
पंक्ति 66: पंक्ति 66:
*2009 में हेलन को [[पद्मश्री]] सम्‍मान से भी नवाजा गया है।<ref>{{cite web |url=http://www.pardaphash.com/hindi/news/687284/687284.html |title='नृत्य मल्लिका' हेलन ने मनाया 71वां जन्मदिन |accessmonthday=[[29 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच. टी.एम.एल |publisher=परदा फाश |language=हिंदी }}</ref>
*2009 में हेलन को [[पद्मश्री]] सम्‍मान से भी नवाजा गया है।<ref>{{cite web |url=http://www.pardaphash.com/hindi/news/687284/687284.html |title='नृत्य मल्लिका' हेलन ने मनाया 71वां जन्मदिन |accessmonthday=[[29 अक्टूबर]] |accessyear=2011 |last= |first= |authorlink= |format=एच. टी.एम.एल |publisher=परदा फाश |language=हिंदी }}</ref>


 
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=आधार1|प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{अभिनेत्री}}
{{चरित्र अभिनेत्री}}
[[Category:अभिनेत्री]]
[[Category:चरित्र अभिनेत्री]]
[[Category:कला कोश]]
[[Category:कला कोश]][[Category:सिनेमा]]  
[[Category:सिनेमा कोश]]
[[Category:सिनेमा कोश]][[Category:चरित कोश]]
[[Category:पद्म श्री]]
[[Category:पद्म श्री]]
[[Category:नया पन्ना नवम्बर-2011]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

12:34, 6 जुलाई 2017 के समय का अवतरण

हेलन
हेलन
हेलन
पूरा नाम हेलन रिचर्डसन खान
प्रसिद्ध नाम हेलन
जन्म 21 अक्टूबर, 1939
जन्म भूमि म्यांमार
कर्म भूमि मुम्बई
कर्म-क्षेत्र अभिनेत्री, नर्तकी
पुरस्कार-उपाधि पद्मश्री, सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री के लिए 'फ़िल्मफेयर' पुरस्कार
प्रसिद्धि बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हैं।
नागरिकता भारतीय
लोकप्रिय गाने महबूबा महबूबा- शोले (1975), पिया तू अब तो आजा...-कारवां (1971), मेरा नाम चिन चिन चू -हावडा ब्रिज (1958) आदि
अन्य जानकारी हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया।
अद्यतन‎

हेलन (अंग्रेजी: Helen) (जन्म 21 अक्टूबर, 1939, म्यांमार) हिंदी फ़िल्म जगत में 70 और 80 के दशक की ऐसी अभिनेत्री हैं, जिन्होंने अपने नृत्य से सिने दर्शकों के बीच अपनी विशिष्ट पहचान बनायी, जिसके लिए आज भी लोग उन्हें भूल नहीं पाए है।

जीवन परिचय

हेलन का वास्तविक नाम हेलन रिचर्डसन खान है। हेलन का जन्म बर्मा (वर्तमान म्यांमार) में 21 अक्तूबर 1939 को हुआ था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हेलन और उनका परिवार मुंबई आ गये। हेलन के पिता एंग्लो-इंडियन था, दूसरे विश्व युद्ध में पिता की मृत्यु हो गई और हेलन की माता का नाम बर्मीज था और वह बतौर नर्स कार्य करती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ख़राब होने के कारण से हेलन ने स्कूल की पढ़ाई छोड़ दी और परिवार के काम में हाथ बंटाने लगी। उन्होंने मणिपुरी, भरतनाट्यम, कथक आदि शास्त्रीय नृत्यों में भी शिक्षा हासिल की।[1]

पहली सफल कोरस डांसर

हेलन सबसे पहले कोरस डांसर के रूप में 1951 में फ़िल्म "शबिस्तां" और "आवारा" में नजर आई थीं। बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल के तौर पर पहचानी जाने वाली अभिनेत्री हेलन ने बॉलीवुड का उस वक्त आइटम नंबर से परिचय कराया जब वो अपने शुरुआती दौर में था। उनको फ़िल्मों में लाने का श्रेय कुक्कू को जाता है, जो स्वयं उन दिनों फ़िल्मों में नर्तकी के रूप में नजर आती थीं। वर्ष 1958 में प्रदर्शित फ़िल्म 'हावडा ब्रिज' हेलन के करियर की अहम फ़िल्म साबित हुई। इस फ़िल्म में उनपर फ़िल्माया यह गीत ‘मेरा नाम चिन-चिन चू’ उन दिनों दर्शकों के बीच काफ़ी मशहूर हुआ।

अभिनेत्री

साठ के दशक में हेलन बतौर अभिनेत्री अपनी पहचान बनाने के लिए संघर्ष करने लगी। इस दौरान उन्हें अभिनेता संजीव कुमार के साथ फ़िल्म ‘निशान’ में काम करने का मौक़ा मिला, लेकिन दुर्भाग्य से यह फ़िल्म सिनेमा घर में चल नहीं पाई। साठ और सत्तर के दशक मे आशा भोंसले हिन्दी फ़िल्मों की प्रख्यात नर्तक अभिनेत्री हेलन की आवाज़ मानी जाती थी। आशा भोंसले ने हेलन के लिये तीसरी मंज़िल में ‘ओ हसीना जुल्फों वाली’ फ़िल्म कारवां में ‘पिया तू अब तो आजा’ मेरे जीवन साथी में ‘आओ ना गले लगा लो ना’ और डॉन में ‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये।

लोकप्रियता

हेलन ने अपने पाँच दशक लंबे सिने करियर में लगभग 500 फ़िल्मों में अभिनय किया। इतने सालों के बाद भी उनके नृत्य का अंदाज़ भुलाए नहीं भूलता है। वर्ष 1975 में प्रदर्शित फ़िल्म ‘शोले’ में आर. डी. बर्मन के संगीत निर्देशन में हेलन के ऊपर फ़िल्माया गीत ‘महबूबा महबूबा’ आज भी सिनेप्रेमियों को झूमने पर मजबूर कर देता है। हालांकि सत्तर के दशक में नायिकाओं द्वारा ही खलनायिका का किरदार निभाने और डांस करने के कारण हेलन को फ़िल्मों में काम मिलना काफ़ी हद तक कम हो गया।

वर्ष 1976 में महेश भट्ट के निर्देशन में बनी फ़िल्म ‘लहू के दो रंग’ में अपने दमदार अभिनय के लिए हेलन को सवश्रेष्ठ सहनायिका के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ‘हेलन की नृत्य शैली’ से प्रभावित बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री साधना ने एक बार कहा था, "हेलन जैसी नृत्यांगना न तो पहले पैदा हुई है और ना ही बाद में पैदा होगी।"

हेलन पर फ़िल्माये लोकप्रिय गाने

नन्दा, वहीदा रहमान, हेलन और साधना (बाएँ से दाएँ)
  • "मेरा नाम चिन चिन चू, रात चांदनी मैं और तू हल्लो मिस्टर हाऊ डू यू डू. . . "- हावडा ब्रिज (1958)
  • 'पिया तू अब तो आजा...'- कारवां (1971)
  • ‘ये मेरा दिल यार का दीवाना’ गीत गाये'- डॉन (1978)
  • "मूंगडा मूंगडा मैं गुड की ढली, मंगता है तो आजा रसिया नहीं तो मैं ये चली"- इंकार (1978)
  • "महबूबा महबूबा"-शोले (1975)

उल्लेखनीय फ़िल्में

हेलन के कार्यकाल की कुछ लोकप्रिय फ़िल्में आवारा, मिस कोको कोला, यहूदी, हम हिंदुस्तानी, दिल अपना और प्रीत पराई, गंगा जमुना, वो कौन थी, गुमनाम, ख़ानदान, जाल, ज्वैलथीफ, प्रिस, इंतक़ाम, द ट्रेन, हलचल, हंगामा, उपासना, अपराध, अनामिका, जख्मी, बैराग, ख़ून पसीना, अमर अकबर ऐंथोनी., द ग्रेट गैम्बलर, राम बलराम, शान, कुर्बानी, अकेला, खामोशी, हम दिल दे चुके सनम, मोहब्बते, मैरी गोल्ड आदि हैं।

पुरस्कार

  • "लहू के दो रंग" (1979)- सर्वश्रेष्ठ सहअभिनेत्री का फ़िल्मफेयर पुरस्कार।
  • 2006 में जैरी पिंटो ने हेलन के ऊपर एक किताब लिखी थी, जिसका शीर्षक था "द लाइफ एण्ड टाइम्स ऑफ इन एच-बोम्बे", जिसने 2007 का सिनेमा की बेहतरीन पुस्तक का राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड जीता।
  • 2009 में हेलन को पद्मश्री सम्‍मान से भी नवाजा गया है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेलन : बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल (हिंदी) (एच. टी.एम.एल) खास खबर। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2011।
  2. 'नृत्य मल्लिका' हेलन ने मनाया 71वां जन्मदिन (हिंदी) (एच. टी.एम.एल) परदा फाश। अभिगमन तिथि: 29 अक्टूबर, 2011।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख