"मधुसूदन (कृष्ण)": अवतरणों में अंतर

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*सनातन धर्म के अनुसार [[विष्णु|भगवान विष्णु]] सर्वपापहारी, पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं।
*सनातन धर्म के अनुसार [[विष्णु|भगवान विष्णु]] सर्वपापहारी, पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख [[देवता]] हैं।
*कृष्ण [[हिन्दू|हिन्दू धर्म]] में विष्णु के [[अवतार]] माने जाते हैं।
*कृष्ण [[हिन्दू|हिन्दू धर्म]] में विष्णु के [[अवतार]] माने जाते हैं।
*श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका '[[गीता]]' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
*श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका '[[गीता]]' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
*भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।
*भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।
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11:02, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

मधुसूदन भगवान श्रीकृष्ण का ही एक प्रसिद्ध नाम है। मधु नामक दैत्‍य का वध करने के कारण श्रीकृष्‍ण का नाम 'मधुसूदन' है।[1]

  • सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी, पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं।
  • कृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
  • श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभा सम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नही, एक महान् कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका 'गीता' ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है।
  • भगवान श्रीकृष्ण की स्तुति लगभग सारे भारत में किसी न किसी रूप में की जाती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 83 |

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