"वैदेही वनवास सप्तम सर्ग": अवतरणों में अंतर
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उतर सुमित्र-कुमार रथ से। | उतर सुमित्र-कुमार रथ से। | ||
अपार-जनता समीप आये॥ | अपार-जनता समीप आये॥ | ||
कहा कृपा है | कहा कृपा है महान् जो यों। | ||
कृपाधिकारी गये बनाए॥33॥ | कृपाधिकारी गये बनाए॥33॥ | ||
पंक्ति 379: | पंक्ति 379: | ||
न त्याग पाये स्वाभाविकता॥71॥ | न त्याग पाये स्वाभाविकता॥71॥ | ||
छन्द : चौपदे | '''छन्द : चौपदे''' | ||
मैं अबला हूँ आत्मसुखों की। | मैं अबला हूँ आत्मसुखों की। | ||
पंक्ति 401: | पंक्ति 401: | ||
विश्व-प्रेम में परिणत करना॥75॥ | विश्व-प्रेम में परिणत करना॥75॥ | ||
दोहा | '''दोहा''' | ||
इतना सुन सौमित्रा की दूर हुई दुख-दाह। | इतना सुन सौमित्रा की दूर हुई दुख-दाह। |
11:26, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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