"हे दयालु ले शरण में -शिवदीन राम जोशी": अवतरणों में अंतर
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नरसी का भरा भात, विप्रन के श्रीकृष्ण नाथ । | नरसी का भरा भात, विप्रन के श्रीकृष्ण नाथ । | ||
दुष्टन को गर्व गार, रावण को मारयो ।। हे दयालू .. | दुष्टन को गर्व गार, रावण को मारयो ।। हे दयालू .. | ||
शिवदीन हाथ जोडे, | शिवदीन हाथ जोडे, दुनिया से मुख: मोडे । | ||
ध्रुव को ध्रुव लोक अमर, भक्त जानि तारयो ।। हे... | ध्रुव को ध्रुव लोक अमर, भक्त जानि तारयो ।। हे... | ||
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11:49, 3 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
हे दयालू ! ले शरण में, मोहे क्यों बिसारयो। |
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