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-[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | -[[लॉर्ड विलियम बैंटिक]] | ||
||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|right|100px|लॉर्ड डलहौज़ी]]'लॉर्ड डलहौज़ी', जिसे "अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी" भी कहा जाता है, वर्ष 1848 ई. में [[गवर्नर-जनरल]] बनकर [[भारत]] आया था। उसका शासन काल [[आधुनिक भारत का इतिहास|आधुनिक भारत के इतिहास]] में एक स्मरणीय काल रहा, क्योंकि [[लॉर्ड डलहौज़ी]] ने युद्ध व व्यपगत सिद्धान्त के आधार पर [[ब्रिटिश साम्राज्य]] का विस्तार करते हुए अनेक महत्त्वपूर्ण सुधारात्मक कार्यों को सम्पन्न किया। पहली बार डलहौज़ी ने ही [[भारत]] में [[डाक टिकट|डाक टिकटों]] का प्रचलन प्रारम्भ किया। उसने | ||[[चित्र:Lord-Dalhousie.jpg|right|100px|लॉर्ड डलहौज़ी]]'लॉर्ड डलहौज़ी', जिसे "अर्ल ऑफ़ डलहौज़ी" भी कहा जाता है, वर्ष 1848 ई. में [[गवर्नर-जनरल]] बनकर [[भारत]] आया था। उसका शासन काल [[आधुनिक भारत का इतिहास|आधुनिक भारत के इतिहास]] में एक स्मरणीय काल रहा, क्योंकि [[लॉर्ड डलहौज़ी]] ने युद्ध व व्यपगत सिद्धान्त के आधार पर [[ब्रिटिश साम्राज्य]] का विस्तार करते हुए अनेक महत्त्वपूर्ण सुधारात्मक कार्यों को सम्पन्न किया। पहली बार डलहौज़ी ने ही [[भारत]] में [[डाक टिकट|डाक टिकटों]] का प्रचलन प्रारम्भ किया। उसने पृथक् रूप से भारत में पहली बार '''सार्वजनिक निर्माण विभाग''' की स्थापना की। गंगा नहर का निर्माण कर [[8 अप्रैल]], 1854 ई. में उसे सिंचाई आदि के लिए खुलवा दिया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[लॉर्ड डलहौज़ी]] | ||
{[[भारत]] में 'समाचार पत्रों का मुक्तिदाता' किसे कहा जाता है? | {[[भारत]] में 'समाचार पत्रों का मुक्तिदाता' किसे कहा जाता है? | ||
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||'विभीषण' [[विश्रवा]] के सबसे छोटे पुत्र और [[लंका]] के राजा [[रावण]] के भाई थे। बचपन से ही [[विभीषण]] की धर्माचरण में | ||'विभीषण' [[विश्रवा]] के सबसे छोटे पुत्र और [[लंका]] के राजा [[रावण]] के भाई थे। बचपन से ही [[विभीषण]] की धर्माचरण में रुचि थी। ये भगवान के परम [[भक्त]] थे। भगवान [[श्रीराम]] ने जब लंका पर चढ़ाई की, तब विभीषण ने [[सीता]] को राम को वापस करके युद्ध की विभीषिका को रोकने की रावण से प्रार्थना की थी। इस पर रावण ने इन्हें लात मारकर लंका से निकाल दिया। विभीषण राम के शरणागत हुए। इनका एक गुप्तचर था, जिसका नाम 'अनल' था। उसने पक्षी का रूप धारण कर लंका जाकर रावण की रक्षा व्यवस्था तथा सैन्य शक्ति का पता लगाया और इसकी सूचना भगवान श्रीराम को दी थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[विभीषण]] | ||
{[[भारत]] को आज़ादी मिलने के बाद [[लक्षद्वीप]] में [[राष्ट्रीय ध्वज]] फहराने के लिए [[भारतीय नौसेना]] का एक जहाज़ किसने भेजा था। | {[[भारत]] को आज़ादी मिलने के बाद [[लक्षद्वीप]] में [[राष्ट्रीय ध्वज]] फहराने के लिए [[भारतीय नौसेना]] का एक जहाज़ किसने भेजा था। | ||
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-[[मक्का]] | -[[मक्का]] | ||
-[[बाजरा]] | -[[बाजरा]] | ||
|| [[चित्र:Soybean.jpg|100px|right|link=सोयाबीन]] सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का | || [[चित्र:Soybean.jpg|100px|right|link=सोयाबीन]] सोयाबीन पोषक तत्वों से परिपूर्ण एवं पोषण की खान के रूप में जाना जाता है इसलिये इसे सुनहरे बीन की उपाधि दी गई है। सोयाबीन प्रोटीन का सर्वोत्तम स्रोत हैं। इसमें प्रोटीन के अन्य सभी उपलब्ध स्रोतों की तुलना में सबसे अधिक लगभग 43.2% अच्छी गुणवत्ता की प्रोटीन एवं 20% तेल की मात्रा होती है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:- [[सोयाबीन]] | ||
{[[बाल दिवस]] मनाने की सर्वप्रथम घोषणा कब हुई? | {[[बाल दिवस]] मनाने की सर्वप्रथम घोषणा कब हुई? | ||
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-विनोद कुमार गुप्त | -विनोद कुमार गुप्त | ||
-अर्जुन मुंडा | -अर्जुन मुंडा | ||
||[[चित्र:View-Of-Ranchi.jpg|right|120px|राँची का एक दृश्य]]स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' ने नियमित आंदोलन किया, जिसके कारण से सरकार ने 1995 में 'झारखण्ड क्षेत्र परिषद' की स्थापना की। इसके | ||[[चित्र:View-Of-Ranchi.jpg|right|120px|राँची का एक दृश्य]]स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 'झारखण्ड मुक्ति मोर्चा' ने नियमित आंदोलन किया, जिसके कारण से सरकार ने 1995 में 'झारखण्ड क्षेत्र परिषद' की स्थापना की। इसके पश्चात् यह राज्य पूर्णत: अस्तित्व में आ गया। 'बाबूलाल मरांडी' [[झारखंड]] राज्य के प्रथम [[मुख्यमंत्री]] बनाये गये। इन्होंने 2006 में [[भारतीय जनता पार्टी]] को छोड़कर 'झारखंड विकास मोर्चा' की स्थापना की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[झारखण्ड]] | ||
{[[छिन्नमस्तिका मंदिर]] किस राज्य में स्थित है? | {[[छिन्नमस्तिका मंदिर]] किस राज्य में स्थित है? |
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