"प्रजापात्य विवाह": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''प्रजापात्य विवाह''' अर्थात कन्या की सहमति के बिना उ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
छो (Text replacement - "अर्थात " to "अर्थात् ")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''प्रजापात्य विवाह''' अर्थात कन्या की सहमति के बिना उसका [[विवाह]] अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना।
'''प्रजापात्य विवाह''' अर्थात् कन्या की सहमति के बिना उसका [[विवाह]] अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना।


*इस विवाह में पिता वर तथा वधु को ‘तुम दोनों धर्म का साथ-साथ आचरण करो’ आदेश देकर कन्या दान करता था।
*इस विवाह में पिता वर तथा वधु को ‘तुम दोनों धर्म का साथ-साथ आचरण करो’ आदेश देकर कन्या दान करता था।

07:53, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण

प्रजापात्य विवाह अर्थात् कन्या की सहमति के बिना उसका विवाह अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना।

  • इस विवाह में पिता वर तथा वधु को ‘तुम दोनों धर्म का साथ-साथ आचरण करो’ आदेश देकर कन्या दान करता था।
  • इस प्रकार का संबंध नवदम्पति संतान उत्पन्न करने और उसका पालन-पोषण करने के लिये करते थे।
  • पति, पत्नी को यह वचन देता था कि वह पत्नी के जीते जी गृहस्थ रहेगा; संन्न्यासी नहीं बनेगा, दूसरा विवाह नहीें करेगा आदि।
  • प्रजापात्य विवाह से पति और पत्नी के अधिकार समान रूप से सुरक्षित हो जाते थे। ऐसे विवाह समाज की उन्नत अवस्था में ही होते थे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख