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'''पृथ्वी राज सिंह''' ([[अंग्रेजी]]: Prithvi Raj Singh Oberoi जन्म: [[3 फ़रवरी]], [[1929]]) ओबेरॉय होटल समूह’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। इनको दुनिया भर में ‘बिक्की ओबेरॉय’ के नाम से जाना जाता है। इनके स्वर्गीय पिता का नाम राय बहादुर एम.एस. ओबरॉय था, जो ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के संस्थापक थे। बिक्की ओबेरॉय ने अपने पिता के होटल व्यवसाय की विरासत को नई ऊंचाईयों तक आगे बढ़ाने का काम किया। इन्होंने अपने विश्व स्तरीय आधुनिक तौर-तरीके से युक्त ‘ओबेरॉय होटल समूह’ को नए मुकाम पर पहुचाते हुए और ‘ओबेरॉय’ के ब्रांड को बरकरार रखते हुए प्रत्येक अवसर का भरपूर लाभ उठाया है। अपने पैतृक व्यवसाय में अनुभव का उपयोग करके इन्होंने दुनिया के अग्रणी होटल व्यवसायियों में अपना स्थान बनाया लिया और भारत सहित विश्व के हॉस्पिटैलिटी उद्योग को आगे ले जाने में इनका योगदान विशेष रूप से माना जाता है। इसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र में इन्होंने अपना लम्बा सफर तय किया और सफल भी रहे। ये जानते थे कि इस व्यवसाय में साम्राज्य स्थापित करने के लिए खुद को एक योग्य उत्तराधिकारी के रूप में साबित करना पड़ेगा। इनकी इसी सोच ने इन्हें विश्व स्तर पर होटल उद्योग में सर्वोच्च स्थान दिलाया। | '''पृथ्वी राज सिंह''' ([[अंग्रेजी]]: Prithvi Raj Singh Oberoi जन्म: [[3 फ़रवरी]], [[1929]]) ओबेरॉय होटल समूह’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। इनको दुनिया भर में ‘बिक्की ओबेरॉय’ के नाम से जाना जाता है। इनके स्वर्गीय पिता का नाम राय बहादुर एम.एस. ओबरॉय था, जो ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के संस्थापक थे। बिक्की ओबेरॉय ने अपने पिता के होटल व्यवसाय की विरासत को नई ऊंचाईयों तक आगे बढ़ाने का काम किया। इन्होंने अपने विश्व स्तरीय आधुनिक तौर-तरीके से युक्त ‘ओबेरॉय होटल समूह’ को नए मुकाम पर पहुचाते हुए और ‘ओबेरॉय’ के ब्रांड को बरकरार रखते हुए प्रत्येक अवसर का भरपूर लाभ उठाया है। अपने पैतृक व्यवसाय में अनुभव का उपयोग करके इन्होंने दुनिया के अग्रणी होटल व्यवसायियों में अपना स्थान बनाया लिया और भारत सहित विश्व के हॉस्पिटैलिटी उद्योग को आगे ले जाने में इनका योगदान विशेष रूप से माना जाता है। इसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र में इन्होंने अपना लम्बा सफर तय किया और सफल भी रहे। ये जानते थे कि इस व्यवसाय में साम्राज्य स्थापित करने के लिए खुद को एक योग्य उत्तराधिकारी के रूप में साबित करना पड़ेगा। इनकी इसी सोच ने इन्हें विश्व स्तर पर होटल उद्योग में सर्वोच्च स्थान दिलाया।<ref name="aa"/> | ||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
पृथ्वी राज सिंह राय बहादुर एम.एस. ओबेरॉय के दूसरे पुत्र थे। इनके एक बड़े भाई भी थे जिनका नाम तिलक राज (Tikki) ओबेरॉय था। ये बचपन से ही अपने पिता द्वारा संचालित होटल व्यवसाय में गहरी रुचि लेने लगे थे। बिक्की के बीस साल के होते-होते, इनके पिता ने अपने को एक कुशल होटल व्यवसायी के रूप में खुद को स्थापित कर अपने कारोबार का बहुत विस्तार कर लिया था। इनका जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। बचपन से ही इनके पिता ने दुनिया में उपलब्ध विलासिता की सभी सुख-सुविधाओं को लाड़-प्यार में इन्हें उपलब्ध कराया था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिक्की ओबेरॉय होटल व्यवसाय की की विस्तृत जानकारी लेने हेतु अपने पिता की इच्छानुसार विश्व भ्रमण करने के लिए लम्बी यात्रा पर निकल गए। इस दौरान बिक्की विश्व के प्रमुख देशों के सबसे अच्छे होटलों के रहन-सहन और आतिथ्य सत्कार के तौर-तरीकों से अवगत हुए। | {{मुख्य|पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय का परिचय}} | ||
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एक संपन्न परिवार में जन्मे बिक्की ओबेरॉय 32 वर्षों की अवस्था तक पैतृक होटल व्यवसाय की जिम्मेद्दारियों से दूर रहे। इन्होंने एक साक्षात्कार में इन 32 वर्षों के दौरान अपने जीवन की घटनाओं तथा रहस्यों के बारे में यह खुलासा किया था कि अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद | |||
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*बिक्की ओबेरॉय को पर्यटन और भारत-मोरक्को के संबंधों को बढ़ावा देने के योगदान के लिए मोरक्को के राजा मोहम्मद (छठे) द्वारा वहां के ग्रैंड ऑफिसर पुरस्कार ‘अलालावुई विस्सम’ से वर्ष 2001 में सम्मानित किया जा चुका है। | *बिक्की ओबेरॉय को पर्यटन और भारत-मोरक्को के संबंधों को बढ़ावा देने के योगदान के लिए मोरक्को के राजा मोहम्मद (छठे) द्वारा वहां के ग्रैंड ऑफिसर पुरस्कार ‘अलालावुई विस्सम’ से वर्ष 2001 में सम्मानित किया जा चुका है। | ||
*इन्हें वर्ष [[2003]] में बर्लिन में छठे इंटरनेशनल होटल निवेश मंच द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। | *इन्हें वर्ष [[2003]] में बर्लिन में छठे इंटरनेशनल होटल निवेश मंच द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। | ||
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12:15, 27 अप्रैल 2018 के समय का अवतरण
पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय
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पूरा नाम | पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय |
अन्य नाम | बिक्की ओबेरॉय |
जन्म | 3 फ़रवरी, 1929 |
अभिभावक | राय बहादुर एम.एस. ओबरॉय |
पति/पत्नी | गुड्डी ओबरॉय |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | उद्योगपति |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण |
प्रसिद्धि | ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | बिक्की ओबेरॉय ने अपने 82 वर्ष की अवस्था में, वर्ष 2011 में यह घोषित किया कि इनका 47 वर्षीय बेटा विक्रम ओबेरॉय ‘ओबेरॉय साम्राज्य’ का वारिस होगा तथा इनका भतीजा (बड़े भाई तिलक राज का बेटा) 43 वर्षीय अर्जुन ओबेरॉय विश्व में फैले हुए विशाल होटल कारोबार का प्रबंधन करने में इनकी मदद करता रहेगा। |
अद्यतन | 17:53, 24 सितम्बर 2017 (IST)
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पृथ्वी राज सिंह (अंग्रेजी: Prithvi Raj Singh Oberoi जन्म: 3 फ़रवरी, 1929) ओबेरॉय होटल समूह’ के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी है। इनको दुनिया भर में ‘बिक्की ओबेरॉय’ के नाम से जाना जाता है। इनके स्वर्गीय पिता का नाम राय बहादुर एम.एस. ओबरॉय था, जो ‘ओबेरॉय होटल समूह’ के संस्थापक थे। बिक्की ओबेरॉय ने अपने पिता के होटल व्यवसाय की विरासत को नई ऊंचाईयों तक आगे बढ़ाने का काम किया। इन्होंने अपने विश्व स्तरीय आधुनिक तौर-तरीके से युक्त ‘ओबेरॉय होटल समूह’ को नए मुकाम पर पहुचाते हुए और ‘ओबेरॉय’ के ब्रांड को बरकरार रखते हुए प्रत्येक अवसर का भरपूर लाभ उठाया है। अपने पैतृक व्यवसाय में अनुभव का उपयोग करके इन्होंने दुनिया के अग्रणी होटल व्यवसायियों में अपना स्थान बनाया लिया और भारत सहित विश्व के हॉस्पिटैलिटी उद्योग को आगे ले जाने में इनका योगदान विशेष रूप से माना जाता है। इसी का परिणाम है कि इस क्षेत्र में इन्होंने अपना लम्बा सफर तय किया और सफल भी रहे। ये जानते थे कि इस व्यवसाय में साम्राज्य स्थापित करने के लिए खुद को एक योग्य उत्तराधिकारी के रूप में साबित करना पड़ेगा। इनकी इसी सोच ने इन्हें विश्व स्तर पर होटल उद्योग में सर्वोच्च स्थान दिलाया।[1]
जीवन परिचय
पृथ्वी राज सिंह राय बहादुर एम.एस. ओबेरॉय के दूसरे पुत्र थे। इनके एक बड़े भाई भी थे जिनका नाम तिलक राज (Tikki) ओबेरॉय था। ये बचपन से ही अपने पिता द्वारा संचालित होटल व्यवसाय में गहरी रुचि लेने लगे थे। बिक्की के बीस साल के होते-होते, इनके पिता ने अपने को एक कुशल होटल व्यवसायी के रूप में खुद को स्थापित कर अपने कारोबार का बहुत विस्तार कर लिया था। इनका जन्म एक सम्पन्न परिवार में हुआ था। बचपन से ही इनके पिता ने दुनिया में उपलब्ध विलासिता की सभी सुख-सुविधाओं को लाड़-प्यार में इन्हें उपलब्ध कराया था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद बिक्की ओबेरॉय होटल व्यवसाय की की विस्तृत जानकारी लेने हेतु अपने पिता की इच्छानुसार विश्व भ्रमण करने के लिए लम्बी यात्रा पर निकल गए। इस दौरान बिक्की विश्व के प्रमुख देशों के सबसे अच्छे होटलों के रहन-सहन और आतिथ्य सत्कार के तौर-तरीकों से अवगत हुए।[1]
होटल व्यवसाय में कॅरियर
एक संपन्न परिवार में जन्मे बिक्की ओबेरॉय 32 वर्षों की अवस्था तक पैतृक होटल व्यवसाय की जिम्मेद्दारियों से दूर रहे। इन्होंने एक साक्षात्कार में इन 32 वर्षों के दौरान अपने जीवन की घटनाओं तथा रहस्यों के बारे में यह खुलासा किया था कि अपनी पढ़ाई समाप्त करने के बाद इन्होंने दुनिया के लगभग प्रत्येक प्रमुख देश की यात्रा की और वहां के सबसे अच्छे होटल में रुके और उसका विस्तृत अध्ययन किया। अपनी यात्रा के दौरान वे जिन होटलों में रुके थे, वहां उन्हें उत्तम भोजन के साथ-साथ विशेष प्रकार की सेवाओं का सर्वश्रेष्ठ नमूना देखने का पहली बार अनुभव हुआ।[1]
पुरस्कार और सम्मान
- बिक्की ओबेरॉय को पर्यटन और भारत-मोरक्को के संबंधों को बढ़ावा देने के योगदान के लिए मोरक्को के राजा मोहम्मद (छठे) द्वारा वहां के ग्रैंड ऑफिसर पुरस्कार ‘अलालावुई विस्सम’ से वर्ष 2001 में सम्मानित किया जा चुका है।
- इन्हें वर्ष 2003 में बर्लिन में छठे इंटरनेशनल होटल निवेश मंच द्वारा ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
- वर्ष 2004 में भारत में पर्यटन के क्षेत्र के विकास में इनके योगदान के लिए, भारत सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा एक विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 पृथ्वी राज सिंह ओबरॉय (हिन्दी) itshindi.com। अभिगमन तिथि: 27 सितम्बर, 2017।
बाहरी कड़ियाँ
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