"अंगीकति": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''अंगीकति''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत '''अङ्गि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अंगीकति''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] ([[संस्कृत]] '''अङ्गिकृत''', [[प्राकृत]] '''अङ्गिकत''', [[हिंदी]] '''अङ्गिकति''')<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=09|url=|ISBN=}}</ref>
'''अंगीकति''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] ([[संस्कृत]] '''अङ्गीकृत''', [[प्राकृत]] '''अङ्गीकत''', [[हिंदी]] '''अङ्गीकति''')<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=09|url=|ISBN=}}</ref>


'[[अंगीकृति]]'
'[[अंगीकृति]]'

09:59, 18 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

अंगीकति - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अङ्गीकृत, प्राकृत अङ्गीकत, हिंदी अङ्गीकति)[1]

'अंगीकृति'

उदाहरण

'जी चाचा जी में श्रीनाथ जी गुसाईं जी की अंगीकति को संबंध दृढ़ है।'[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 09 |
  2. दो सौ बावन वैष्णवों की वार्ता, भाग 1, पृ65

संबंधित लेख