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}} | }}'''नवीन पटनायक''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Naveen Patnaik'', जन्म: [[16 अक्तूबर]], [[1946]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं [[ओड़िशा]] के वर्तमान [[मुख्यमंत्री]] हैं। वर्ष [[2014]] में ओडिशा विधानसभा चुनावों में [[बीजू जनता दल]] (बीजद) को शानदार जीत दिलाने वाले नवीन पटनायक ने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए [[21 मई]], [[2014]] मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नवीन पटनायक ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री हैं। उड़ीसा के बीजू जनता दल संस्थापक और दिग्गज नेता नवीन पटनायक पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के पुत्र हैं। | ||
'''नवीन पटनायक''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Naveen Patnaik'', जन्म: [[16 अक्तूबर]], [[1946]]) [[भारत]] के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं [[ओड़िशा]] के वर्तमान [[मुख्यमंत्री]] हैं। वर्ष [[2014]] में ओडिशा विधानसभा चुनावों में [[बीजू जनता दल]] (बीजद) को शानदार जीत दिलाने वाले नवीन पटनायक ने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए [[21 मई]], [[2014]] मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नवीन पटनायक ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री हैं। उड़ीसा के बीजू जनता दल संस्थापक और दिग्गज नेता नवीन पटनायक पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के पुत्र हैं। | |||
==जीवन परिचय== | ==जीवन परिचय== | ||
नवीन पटनायक का जन्म [[16 अक्तूबर]], [[1946]] को [[कटक]] में हुआ था। उन्होंने [[दिल्ली]] के किरोडीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। नवीन पटनायक प्रारंभ में तो राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने एक लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद वह जनता दल में शामिल हो गए। 11वीं [[लोकसभा]] में उन्होंने उड़ीसा के अस्का क्षेत्र से जीत दर्ज की और [[संसद]] की ग्रंथालय समिति, वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति और इस्पात और खदान संबंधित मंत्रालय के सदस्य चुने गए। आगे चलकर उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी बनाने की घोषणा की जिसका नाम उनके पिता बीजू पटनायक के नाम पर 'बीजू जनता दल' रखा गया। [[1999]], [[2004]] और [[2009]] के बाद [[2014]] में हुए विधानसभा चुनावों में जीतकर पिछली चार बार से वे राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। [[2007]] - [[2008]] में हुए [[ईसाई]] विरोधी दंगों के चलते बीजू जनता दल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और इसके चलते नवीन पटनायक ने एनडीए सरकार से अपने गठबंधन को समाप्त कर दिया। वर्तमान समय में नवीन पटनायक राज्य में काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक ईमानदार मुख्यमंत्री की है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/news-profile/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-1140124067_1.htm|title=नवीन पटनायक : प्रोफाइल |accessmonthday=22 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language=हिंदी}}</ref> | नवीन पटनायक का जन्म [[16 अक्तूबर]], [[1946]] को [[कटक]] में हुआ था। उन्होंने [[दिल्ली]] के किरोडीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। नवीन पटनायक प्रारंभ में तो राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने एक लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद वह जनता दल में शामिल हो गए। 11वीं [[लोकसभा]] में उन्होंने उड़ीसा के अस्का क्षेत्र से जीत दर्ज की और [[संसद]] की ग्रंथालय समिति, वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति और इस्पात और खदान संबंधित मंत्रालय के सदस्य चुने गए। आगे चलकर उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी बनाने की घोषणा की जिसका नाम उनके पिता बीजू पटनायक के नाम पर 'बीजू जनता दल' रखा गया। [[1999]], [[2004]] और [[2009]] के बाद [[2014]] में हुए विधानसभा चुनावों में जीतकर पिछली चार बार से वे राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। [[2007]] - [[2008]] में हुए [[ईसाई]] विरोधी दंगों के चलते बीजू जनता दल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और इसके चलते नवीन पटनायक ने एनडीए सरकार से अपने गठबंधन को समाप्त कर दिया। वर्तमान समय में नवीन पटनायक राज्य में काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक ईमानदार मुख्यमंत्री की है।<ref>{{cite web |url= http://hindi.webdunia.com/news-profile/%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A8-%E0%A4%AA%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%95-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%B2-1140124067_1.htm|title=नवीन पटनायक : प्रोफाइल |accessmonthday=22 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=वेबदुनिया हिंदी |language=हिंदी}}</ref> | ||
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ओडिशा में लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नवीन पटनायक {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1997}} साल पहले पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद एक पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए अनिच्छापूर्वक राजनीति में आए थे। उन्होंने इन सालों में सिर्फ यह साबित नहीं किया कि वह अपनी पिता की विरासत को संभालने के योग्य हैं, बल्कि उन्होंने खुद को देश के सबसे लोकप्रिय और करिश्माई नेता के रूप में भी स्थापित किया। {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1946}} वर्षीय अविवाहित राजनीतिज्ञ नवीन पटनायक, जैकलीन ओनासिस, मिक जैगर और अन्य हस्तियों से दोस्ती के लिए जाने जाते हैं, और राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। किसी भी मुख्यमंत्री ने राज्य में 14 वर्षो से अधिक समय तक सेवा नहीं दी है। [[नरेन्द्र मोदी]] लहर और सरकार विरोधी लहर से अछूते नवीन पटनायक के नेतृत्व में [[बीजू जनता दल]] (बीजद) ने राज्य की 147 में से 117 विधानसभा सीटों व 21 में से 20 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।<ref name="पर्दा फाश"/> | ओडिशा में लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नवीन पटनायक {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1997}} साल पहले पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद एक पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए अनिच्छापूर्वक राजनीति में आए थे। उन्होंने इन सालों में सिर्फ यह साबित नहीं किया कि वह अपनी पिता की विरासत को संभालने के योग्य हैं, बल्कि उन्होंने खुद को देश के सबसे लोकप्रिय और करिश्माई नेता के रूप में भी स्थापित किया। {{#expr:{{CURRENTYEAR}}-1946}} वर्षीय अविवाहित राजनीतिज्ञ नवीन पटनायक, जैकलीन ओनासिस, मिक जैगर और अन्य हस्तियों से दोस्ती के लिए जाने जाते हैं, और राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। किसी भी मुख्यमंत्री ने राज्य में 14 वर्षो से अधिक समय तक सेवा नहीं दी है। [[नरेन्द्र मोदी]] लहर और सरकार विरोधी लहर से अछूते नवीन पटनायक के नेतृत्व में [[बीजू जनता दल]] (बीजद) ने राज्य की 147 में से 117 विधानसभा सीटों व 21 में से 20 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।<ref name="पर्दा फाश"/> | ||
====राजनीतिक सफलता==== | ====राजनीतिक सफलता==== | ||
नवीन पटनायक का राजनीतिक | नवीन पटनायक का राजनीतिक कैरियर तब शुरू हुआ, जब उन्होंने 11वीं लोकसभा में जनता दल के टिकट पर अस्का लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता। यह उनके पिता की पारंपरिक सीट थी, इसके बाद उन्होंने कभी मुड़ कर पीछे नहीं देखा। अपनी जीत के एक साल बाद उन्होंने पिता के नाम पर बीजद का गठन किया। बीजद उसी साल [[राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन]] (राजग) की सहयोगी बन गई थी। नवीन पटनायक दूसरी बार [[लोकसभा]] के लिए [[1998]] में और तीसरी बार [[1999]] में चुने गए और केंद्र में [[अटल बिहारी वाजपेयी]] की सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे। राज्य विधानसभा के लिए [[2000]] और [[2004]] में हुए चुनाव में बीजद को क्रमश: 68 और 61 सीटें मिलीं और [[भाजपा]] को 38 और 32 सीटें मिली थीं। इन दोनों का 11 साल पुराना गठबंधन कंधमाल सांप्रदायिक दंगे की वजह से [[2008]] में टूट गया। उसके बाद बीजद ने [[2009]] में अकेले चुनाव लड़ा। उसी साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजद ने क्रमश: 103 और 14 सीटें जीतीं। नवीन पटनायक सरकार कई विवादों से घिरी रही है, विशेषकर खनन घोटाला, चिटफंड घोटाला और कानून-व्यवस्था की स्थिति इसमें मुख्य हैं, लेकिन इसके कारण उनकी लोकप्रियता प्रभावित नहीं हुई। उनके कार्यकाल में ग़रीबों के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम उनके लिए फायदेमंद रहा।<ref name="पर्दा फाश">{{cite web |url=http://hindi.pardaphash.com/news/760058/760058.html#.U33h4nZxFEs|title=नवीन पटनायक : अनिच्छा से बने नेता का उदय |accessmonthday=22 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=पर्दा फाश |language=हिंदी }}</ref> | ||
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नवीन पटनायक अपने पिता बीजू पटनायक का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ साथ खुद को [[हरेकृष्ण मेहताब|डॉ. हरेकृष्ण महताब]] और जे.बी. पटनायक जैसे राज्य के अन्य नेताओं से आगे खड़ा कर दिया। [[5 मार्च]], [[2000]] से लगातार नवीन ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर हैं। डॉ. मेहताब और जेबी पटनायक ने राज्य में इस पद पर तीन-तीन बार अपनी सेवाएं दीं। विश्वनाथ दास, महाराज कृष्णचंद्र गजपति नारायण देव, नवकृष्ण चौधरी, बीजू पटनायक, नंदिनी सत्पथी और हेमानंद बिस्वाल ने दो-दो बार राज्य की बागडोर संभाली। महाराज राजेंद्र नारायण सिंहदेव, बीरेन मित्रा, सदाशिव त्रिपाठी, बिनायक आचार्य, नीलमणि राउत्रे और गिरधर गमांग को मुख्यमंत्री बनने का अवसर एक-एक बार ही मिला। वर्ष [[1937]] से कम से कम 15 नेता ओडिशा का नेतृत्व करने के लिए 27 मौकों पर शपथ ले चुके हैं। कृष्ण चंद्र गजपति और विश्वनाथ दास ने [[1937]] से [[1944]] तक प्रधानमंत्री के तौर पर राज्य का कार्यभार संभाला और 13 अन्य ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फिलहाल असम के राज्यपाल जे.बी. पटनायक ने | नवीन पटनायक अपने पिता बीजू पटनायक का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ साथ खुद को [[हरेकृष्ण मेहताब|डॉ. हरेकृष्ण महताब]] और जे.बी. पटनायक जैसे राज्य के अन्य नेताओं से आगे खड़ा कर दिया। [[5 मार्च]], [[2000]] से लगातार नवीन ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर हैं। डॉ. मेहताब और जेबी पटनायक ने राज्य में इस पद पर तीन-तीन बार अपनी सेवाएं दीं। विश्वनाथ दास, महाराज कृष्णचंद्र गजपति नारायण देव, नवकृष्ण चौधरी, बीजू पटनायक, नंदिनी सत्पथी और हेमानंद बिस्वाल ने दो-दो बार राज्य की बागडोर संभाली। महाराज राजेंद्र नारायण सिंहदेव, बीरेन मित्रा, सदाशिव त्रिपाठी, बिनायक आचार्य, नीलमणि राउत्रे और गिरधर गमांग को मुख्यमंत्री बनने का अवसर एक-एक बार ही मिला। वर्ष [[1937]] से कम से कम 15 नेता ओडिशा का नेतृत्व करने के लिए 27 मौकों पर शपथ ले चुके हैं। कृष्ण चंद्र गजपति और विश्वनाथ दास ने [[1937]] से [[1944]] तक प्रधानमंत्री के तौर पर राज्य का कार्यभार संभाला और 13 अन्य ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फिलहाल असम के राज्यपाल जे.बी. पटनायक ने क़रीब 12 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला। [[कांग्रेस]] के इस वरिष्ठ नेता का कार्यकाल बाधित भी हुआ। पहली बार [[1980]] में उन्होंने केवल एक साल पूरा किया। वर्ष [[1985]] और [[1995]] में भी उनका कार्यकाल बाधित हुआ।<ref>{{cite web |url=http://khabar.ndtv.com/news/election/naveen-patnaik-first-to-occupy-odisha-cms-chair-four-times-389015 |title=नवीन पटनायक लगातार चौथी बार ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता |accessmonthday=22 मई |accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=एनडीटीवी ख़बर |language=हिंदी }}</ref> | ||
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06:33, 17 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
नवीन पटनायक
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पूरा नाम | नवीन पटनायक |
जन्म | 16 अक्तूबर, 1946 |
जन्म भूमि | कटक, उड़ीसा |
अभिभावक | बीजू पटनायक |
पति/पत्नी | अविवाहित |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनेता, लेखक |
पार्टी | बीजू जनता दल |
पद | ओडिशा के वर्तमान मुख्यमंत्री |
कार्य काल | 5 मार्च, 2000 से अब तक |
शिक्षा | स्नातक |
विद्यालय | किरोडीमल कॉलेज, दिल्ली |
भाषा | अंग्रेज़ी, उड़िया |
धर्म | हिन्दू |
पुस्तकें | 'अ सेकेंड पैराडाइज', 'अ डेजर्ट किंगडम', 'द गार्डन ऑफ लाइफ' आदि |
अन्य जानकारी | लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नवीन पटनायक ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री हैं। |
बाहरी कड़ियाँ | नवीन पटनायक प्रोफ़ाइल |
नवीन पटनायक (अंग्रेज़ी:Naveen Patnaik, जन्म: 16 अक्तूबर, 1946) भारत के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ एवं ओड़िशा के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं। वर्ष 2014 में ओडिशा विधानसभा चुनावों में बीजू जनता दल (बीजद) को शानदार जीत दिलाने वाले नवीन पटनायक ने लगातार चौथे कार्यकाल के लिए 21 मई, 2014 मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री बनने वाले नवीन पटनायक ओड़िशा के पहले मुख्यमंत्री हैं। उड़ीसा के बीजू जनता दल संस्थापक और दिग्गज नेता नवीन पटनायक पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक के पुत्र हैं।
जीवन परिचय
नवीन पटनायक का जन्म 16 अक्तूबर, 1946 को कटक में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के किरोडीमल कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की है। नवीन पटनायक प्रारंभ में तो राजनीति में आने के इच्छुक नहीं थे और उन्होंने एक लेखक के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन पिता की मृत्यु के बाद वह जनता दल में शामिल हो गए। 11वीं लोकसभा में उन्होंने उड़ीसा के अस्का क्षेत्र से जीत दर्ज की और संसद की ग्रंथालय समिति, वाणिज्य संबंधी स्थायी समिति और इस्पात और खदान संबंधित मंत्रालय के सदस्य चुने गए। आगे चलकर उन्होंने एक क्षेत्रीय पार्टी बनाने की घोषणा की जिसका नाम उनके पिता बीजू पटनायक के नाम पर 'बीजू जनता दल' रखा गया। 1999, 2004 और 2009 के बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनावों में जीतकर पिछली चार बार से वे राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। 2007 - 2008 में हुए ईसाई विरोधी दंगों के चलते बीजू जनता दल को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा और इसके चलते नवीन पटनायक ने एनडीए सरकार से अपने गठबंधन को समाप्त कर दिया। वर्तमान समय में नवीन पटनायक राज्य में काफ़ी लोकप्रिय हैं और उनकी छवि एक ईमानदार मुख्यमंत्री की है।[1]
शिक्षा
नवीन पटनायक की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के वेलहाम प्रिपरेटरी स्कूल फॉर बॉयज और उसके बाद की शिक्षा दून स्कूल में हुई है। स्कूल के दिनों में वह इतिहास के अच्छे छात्र थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से 20 साल की उम्र में स्नातक किया है। नवीन पटनायक ने भारत और विदेशों में काफ़ी भ्रमण किया है और वह इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इनेटैक) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने 'अ सेकेंड पैराडाइज', 'अ डेजर्ट किंगडम', 'द गार्डन ऑफ लाइफ' नामक पुस्तक भी लिखी है।[2]
अनिच्छा से बने नेता
ओडिशा में लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री पद संभालने वाले नवीन पटनायक 27 साल पहले पिता बीजू पटनायक के निधन के बाद एक पार्टी को फिर से मजबूती देने के लिए अनिच्छापूर्वक राजनीति में आए थे। उन्होंने इन सालों में सिर्फ यह साबित नहीं किया कि वह अपनी पिता की विरासत को संभालने के योग्य हैं, बल्कि उन्होंने खुद को देश के सबसे लोकप्रिय और करिश्माई नेता के रूप में भी स्थापित किया। 78 वर्षीय अविवाहित राजनीतिज्ञ नवीन पटनायक, जैकलीन ओनासिस, मिक जैगर और अन्य हस्तियों से दोस्ती के लिए जाने जाते हैं, और राज्य में सबसे अधिक समय तक सेवा देने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं। किसी भी मुख्यमंत्री ने राज्य में 14 वर्षो से अधिक समय तक सेवा नहीं दी है। नरेन्द्र मोदी लहर और सरकार विरोधी लहर से अछूते नवीन पटनायक के नेतृत्व में बीजू जनता दल (बीजद) ने राज्य की 147 में से 117 विधानसभा सीटों व 21 में से 20 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की।[2]
राजनीतिक सफलता
नवीन पटनायक का राजनीतिक कैरियर तब शुरू हुआ, जब उन्होंने 11वीं लोकसभा में जनता दल के टिकट पर अस्का लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता। यह उनके पिता की पारंपरिक सीट थी, इसके बाद उन्होंने कभी मुड़ कर पीछे नहीं देखा। अपनी जीत के एक साल बाद उन्होंने पिता के नाम पर बीजद का गठन किया। बीजद उसी साल राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सहयोगी बन गई थी। नवीन पटनायक दूसरी बार लोकसभा के लिए 1998 में और तीसरी बार 1999 में चुने गए और केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा भी रहे। राज्य विधानसभा के लिए 2000 और 2004 में हुए चुनाव में बीजद को क्रमश: 68 और 61 सीटें मिलीं और भाजपा को 38 और 32 सीटें मिली थीं। इन दोनों का 11 साल पुराना गठबंधन कंधमाल सांप्रदायिक दंगे की वजह से 2008 में टूट गया। उसके बाद बीजद ने 2009 में अकेले चुनाव लड़ा। उसी साल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजद ने क्रमश: 103 और 14 सीटें जीतीं। नवीन पटनायक सरकार कई विवादों से घिरी रही है, विशेषकर खनन घोटाला, चिटफंड घोटाला और कानून-व्यवस्था की स्थिति इसमें मुख्य हैं, लेकिन इसके कारण उनकी लोकप्रियता प्रभावित नहीं हुई। उनके कार्यकाल में ग़रीबों के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम उनके लिए फायदेमंद रहा।[2]
लगातार चौथी बार मुख्यमंत्री
नवीन पटनायक अपने पिता बीजू पटनायक का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ साथ खुद को डॉ. हरेकृष्ण महताब और जे.बी. पटनायक जैसे राज्य के अन्य नेताओं से आगे खड़ा कर दिया। 5 मार्च, 2000 से लगातार नवीन ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर हैं। डॉ. मेहताब और जेबी पटनायक ने राज्य में इस पद पर तीन-तीन बार अपनी सेवाएं दीं। विश्वनाथ दास, महाराज कृष्णचंद्र गजपति नारायण देव, नवकृष्ण चौधरी, बीजू पटनायक, नंदिनी सत्पथी और हेमानंद बिस्वाल ने दो-दो बार राज्य की बागडोर संभाली। महाराज राजेंद्र नारायण सिंहदेव, बीरेन मित्रा, सदाशिव त्रिपाठी, बिनायक आचार्य, नीलमणि राउत्रे और गिरधर गमांग को मुख्यमंत्री बनने का अवसर एक-एक बार ही मिला। वर्ष 1937 से कम से कम 15 नेता ओडिशा का नेतृत्व करने के लिए 27 मौकों पर शपथ ले चुके हैं। कृष्ण चंद्र गजपति और विश्वनाथ दास ने 1937 से 1944 तक प्रधानमंत्री के तौर पर राज्य का कार्यभार संभाला और 13 अन्य ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। फिलहाल असम के राज्यपाल जे.बी. पटनायक ने क़रीब 12 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री पद का दायित्व संभाला। कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता का कार्यकाल बाधित भी हुआ। पहली बार 1980 में उन्होंने केवल एक साल पूरा किया। वर्ष 1985 और 1995 में भी उनका कार्यकाल बाधित हुआ।[3]
सदस्यता
- लोकसभा
- 11वीं लोकसभा (1996-1998), अस्का संसदीय क्षेत्र
- 12वीं लोकसभा (1998-1999), अस्का संसदीय क्षेत्र
- 13वीं लोकसभा (1999 -2000), अस्का संसदीय क्षेत्र
- ओडिशा विधानसभा
- 15वीं विधानसभा (2014-अबतक) हिंजिली (ओडिशा विधानसभा क्षेत्र)
- 14वीं विधानसभा (2009-2014) हिंजिली (ओडिशा विधानसभा क्षेत्र)
- 13वीं विधानसभा (2004-2009) हिंजिली (ओडिशा विधानसभा क्षेत्र)
- 12वीं विधानसभा (2000-2004) हिंजिली (ओडिशा विधानसभा क्षेत्र)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ नवीन पटनायक : प्रोफाइल (हिंदी) वेबदुनिया हिंदी। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
- ↑ 2.0 2.1 2.2 नवीन पटनायक : अनिच्छा से बने नेता का उदय (हिंदी) पर्दा फाश। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
- ↑ नवीन पटनायक लगातार चौथी बार ओडिशा का मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता (हिंदी) एनडीटीवी ख़बर। अभिगमन तिथि: 22 मई, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |