"महबूबा मुफ़्ती": अवतरणों में अंतर
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महबूबा मुफ़्ती सईद का जन्म वर्ष 1959, 22 मई को बिजबेहारा के अनंतनाग ज़िले में हुआ था। इनके पिता मोहम्मद मुफ़्ती सैयद एवम माता गुलशन नज़ीर हैं। महबूबा मुफ़्ती की एक [[बहन]] रुबिया जो कि अगवाह हो जाने के कारण बहुत [[दिन|दिनों]] तक देश की खबरों का हिस्सा थी जब महबूबा मुफ़्ती के पिता गृहमंत्री थे। यह किडनैप आतंकवादियों ने वर्ष [[1989]] में हवाई जहाज़ को अपने कब्ज़े में लेकर किया था जिसमे कई यात्री थे जिनके बदले में कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया था। उन सभी यात्रियों में से एक रुबिया थी जो तात्कालिक गृहमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती की बेटी थी। महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की डिग्री पूरी की। सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने से पहले इन्होंने अपने पति से तलाक लिया जिनसे इन्हें दो बेटियाँ इल्तिज, इर्तिका हैं। | महबूबा मुफ़्ती सईद का जन्म वर्ष 1959, 22 मई को बिजबेहारा के अनंतनाग ज़िले में हुआ था। इनके पिता मोहम्मद मुफ़्ती सैयद एवम माता गुलशन नज़ीर हैं। महबूबा मुफ़्ती की एक [[बहन]] रुबिया जो कि अगवाह हो जाने के कारण बहुत [[दिन|दिनों]] तक देश की खबरों का हिस्सा थी जब महबूबा मुफ़्ती के पिता गृहमंत्री थे। यह किडनैप आतंकवादियों ने वर्ष [[1989]] में हवाई जहाज़ को अपने कब्ज़े में लेकर किया था जिसमे कई यात्री थे जिनके बदले में कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया था। उन सभी यात्रियों में से एक रुबिया थी जो तात्कालिक गृहमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती की बेटी थी। महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की डिग्री पूरी की। सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने से पहले इन्होंने अपने पति से तलाक लिया जिनसे इन्हें दो बेटियाँ इल्तिज, इर्तिका हैं। | ||
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नेता महबूबा मुफ़्ती ने [[4 अप्रैल]], [[2016]] को जम्मू और कश्मीर के | नेता महबूबा मुफ़्ती ने [[4 अप्रैल]], [[2016]] को जम्मू और कश्मीर के 12वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। शपथ लेने के साथ ही पीडीपी के संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा जम्मू और कश्मीर में सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई और [[भारत]] के किसी राज्य की दूसरी मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनीं। महबूबा मुफ़्ती [[1996]] से [[1999]] तक कांग्रेस विधायक दल जम्मू और कश्मीर [[विधान सभा]] की जानी मानी नेता रही। 1996 से 1999 और [[2002]] से [[2004]] तक दो बार जम्मू कश्मीर विधानसभा सदस्य रही। जब महबूबा मुफ़्ती ने [[कांग्रेस]] की सीट के लिए [[जम्मू और कश्मीर]] के बिजबेहरा विधानसभा में अपनी जीत सुनिश्चित की। इसी कारण असेंबली में पांच वर्ष तक फारुक अब्दुल्ला के समय यह विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आई। महबूबा मुफ़्ती पहली महिला हैं जो जम्मूकश्मीर से एक सक्रीय राजनीति का हिस्सा हैं और साथ ही एक बहुप्रसिद्ध चेहरा भी हैं। इनकी राजनितिक शुरुवात [[कांग्रेस|कांग्रेस पार्टी]] से हुई लेकिन आपसी मतभेद के कारण इनके पिता ने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया। तब वर्ष [[1999]] में इन्होंने कांग्रेस से अपनी [[विधानसभा]] सीट के लिए इस्तीफा दिया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की उपाध्यक्ष बनाई गई। वर्ष 1999 में इन्होंने [[श्रीनगर]] से अपना संसदीय चुनाव उम्र अब्दुला के खिलाफ लड़ा लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन [[2002]] के राज्यसभा चुनाव में पहलगाम सीट पर अहमद मीर के खिलाफ दक्षिण कश्मीर में अपनी जीत दर्ज की। | ||
महबूबा मुफ़्ती [[2004]] में 14वीं लोकसभा के लिये चुनी गई थीं। इसके बाद [[2009]] में जम्मू कश्मीर पीपल डोमेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईंं। महबूबा मुफ़्ती ने 2014 में हुए चुनावों में अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए अनंतनाग-पुलवामा सीट जीती जिसमे उन्होंने 44,735 मतों के अंतर के साथ नेशनल कांफ्रेंस के [[मिर्जा महबूब बेग]] को हराया। महबूबा मुफ़्ती को 1,42,237 और बेग 97,502 वोट मिले थे। [[जम्मू एवं कश्मीर]] राजनीतिक मौसम में तब बदलाव हुआ जब उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा राज्य में बाढ़ की वजह से हाल ही में तबाही के कथित कुप्रबंधन की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसका मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जमकर फायदा उठाया और आगामी चुनाव में [[भाजपा]] के साथ गठबंधन में बंधकर अपनी पार्टी को जीत दिलाई और [[मुख्यमंत्री]] पद हासिल किया लेकिन अब मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद राज्य की कमान महबूबा मुफ़्ती के हाथों में सौंपी जायेगी। पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में छह लोकसभा सीटों में से तीन में जीत दर्ज की थी। [[7 जनवरी]], [[2016]] को रियासत के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद का बीमारी की वजह से निधन हो गया था। सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ़्ती ने पीडीपी की बागडोर संभाली और भाजपा के साथ गठबंधन कर रियासत में सरकार बनाई। महबूबा मुफ़्ती अपनी कट्टर राजनैतिक व्यवहार के लिये जानी जाती हैं। | |||
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महबूबा मुफ़्ती
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पूरा नाम | महबूबा मुफ़्ती सईद |
जन्म | 22 मई, 1959 |
जन्म भूमि | बिजबेहारा, अनन्तनाग ज़िला, जम्मू और कश्मीर |
अभिभावक | मुफ़्ती मोहम्मद सईद, गुलशन नज़ीर |
पति/पत्नी | जावेद इकबाल |
संतान | इल्तिज, इर्तिका |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी |
पद | जम्मू और कश्मीर की वर्तमान मुख्यमंत्री |
कार्य काल | 4 अप्रैल, 2016 से 19 जून, 2018 तक। |
विद्यालय | कश्मीर विश्वविद्यालय |
अन्य जानकारी | महबूबा मुफ़्ती 2004 में 14वीं लोकसभा के लिये चुनी गई थीं। इसके बाद 2009 में जम्मू कश्मीर पीपल डोमेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईंं। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 13:18, 8 मार्च 2020 (IST)
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महबूबा मुफ़्ती सईद (अंग्रेज़ी: Mehbooba Mufti Sayeed, जन्म- 22 मई, 1959, बिजबेहारा, अनन्तनाग ज़िला, जम्मू और कश्मीर) भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर की महिला राजनीतिज्ञ हैं। वह जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व एवं 12वीं मुख्यमंत्री रही हैं। 4 अप्रैल, 2016 को शपथ लेने के साथ ही पीडीपी के संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा मुफ़्ती जम्मू और कश्मीर में सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई थीं और भारत के किसी राज्य की दूसरी मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनीं। महबूबा मुफ़्ती 1996 से 1999 और 2002 से 2004 तक दो बार जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सदस्य रहींं।[1]
परिचय
महबूबा मुफ़्ती सईद का जन्म वर्ष 1959, 22 मई को बिजबेहारा के अनंतनाग ज़िले में हुआ था। इनके पिता मोहम्मद मुफ़्ती सैयद एवम माता गुलशन नज़ीर हैं। महबूबा मुफ़्ती की एक बहन रुबिया जो कि अगवाह हो जाने के कारण बहुत दिनों तक देश की खबरों का हिस्सा थी जब महबूबा मुफ़्ती के पिता गृहमंत्री थे। यह किडनैप आतंकवादियों ने वर्ष 1989 में हवाई जहाज़ को अपने कब्ज़े में लेकर किया था जिसमे कई यात्री थे जिनके बदले में कुख्यात आतंकियों को रिहा किया गया था। उन सभी यात्रियों में से एक रुबिया थी जो तात्कालिक गृहमंत्री मोहम्मद मुफ़्ती की बेटी थी। महबूबा मुफ़्ती ने कश्मीर यूनिवर्सिटी से अपनी लॉ की डिग्री पूरी की। सक्रिय राजनीति का हिस्सा बनने से पहले इन्होंने अपने पति से तलाक लिया जिनसे इन्हें दो बेटियाँ इल्तिज, इर्तिका हैं।
राजनीतिक सफ़र
नेता महबूबा मुफ़्ती ने 4 अप्रैल, 2016 को जम्मू और कश्मीर के 12वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ली। शपथ लेने के साथ ही पीडीपी के संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री महबूबा जम्मू और कश्मीर में सरकार का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गई और भारत के किसी राज्य की दूसरी मुस्लिम महिला मुख्यमंत्री बनीं। महबूबा मुफ़्ती 1996 से 1999 तक कांग्रेस विधायक दल जम्मू और कश्मीर विधान सभा की जानी मानी नेता रही। 1996 से 1999 और 2002 से 2004 तक दो बार जम्मू कश्मीर विधानसभा सदस्य रही। जब महबूबा मुफ़्ती ने कांग्रेस की सीट के लिए जम्मू और कश्मीर के बिजबेहरा विधानसभा में अपनी जीत सुनिश्चित की। इसी कारण असेंबली में पांच वर्ष तक फारुक अब्दुल्ला के समय यह विपक्ष का नेतृत्व करती नजर आई। महबूबा मुफ़्ती पहली महिला हैं जो जम्मूकश्मीर से एक सक्रीय राजनीति का हिस्सा हैं और साथ ही एक बहुप्रसिद्ध चेहरा भी हैं। इनकी राजनितिक शुरुवात कांग्रेस पार्टी से हुई लेकिन आपसी मतभेद के कारण इनके पिता ने कांग्रेस से अलग होने का फैसला किया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी का गठन किया। तब वर्ष 1999 में इन्होंने कांग्रेस से अपनी विधानसभा सीट के लिए इस्तीफा दिया और जम्मू कश्मीर पीपल डेमोक्रेटिक पार्टी की उपाध्यक्ष बनाई गई। वर्ष 1999 में इन्होंने श्रीनगर से अपना संसदीय चुनाव उम्र अब्दुला के खिलाफ लड़ा लेकिन इसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन 2002 के राज्यसभा चुनाव में पहलगाम सीट पर अहमद मीर के खिलाफ दक्षिण कश्मीर में अपनी जीत दर्ज की।
महबूबा मुफ़्ती 2004 में 14वीं लोकसभा के लिये चुनी गई थीं। इसके बाद 2009 में जम्मू कश्मीर पीपल डोमेक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईंं। महबूबा मुफ़्ती ने 2014 में हुए चुनावों में अगले पांच साल के कार्यकाल के लिए अनंतनाग-पुलवामा सीट जीती जिसमे उन्होंने 44,735 मतों के अंतर के साथ नेशनल कांफ्रेंस के मिर्जा महबूब बेग को हराया। महबूबा मुफ़्ती को 1,42,237 और बेग 97,502 वोट मिले थे। जम्मू एवं कश्मीर राजनीतिक मौसम में तब बदलाव हुआ जब उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा राज्य में बाढ़ की वजह से हाल ही में तबाही के कथित कुप्रबंधन की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसका मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जमकर फायदा उठाया और आगामी चुनाव में भाजपा के साथ गठबंधन में बंधकर अपनी पार्टी को जीत दिलाई और मुख्यमंत्री पद हासिल किया लेकिन अब मुफ़्ती मोहम्मद सईद की मृत्यु के बाद राज्य की कमान महबूबा मुफ़्ती के हाथों में सौंपी जायेगी। पार्टी ने 2014 के आम चुनावों में छह लोकसभा सीटों में से तीन में जीत दर्ज की थी। 7 जनवरी, 2016 को रियासत के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद का बीमारी की वजह से निधन हो गया था। सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ़्ती ने पीडीपी की बागडोर संभाली और भाजपा के साथ गठबंधन कर रियासत में सरकार बनाई। महबूबा मुफ़्ती अपनी कट्टर राजनैतिक व्यवहार के लिये जानी जाती हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महबूबा मुफ़्ती का जीवन परिचय (हिंदी) www.deepawali.co.in। अभिगमन तिथि: 23 मार्च, 2017।
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