ग़ुलाम नबी आज़ाद
ग़ुलाम नबी आज़ाद
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पूरा नाम | ग़ुलाम नबी आज़ाद |
जन्म | 7 मार्च, 1949 |
जन्म भूमि | सोती गांव, ज़िला डोडा, जम्मू और कश्मीर |
अभिभावक | पिता- रहमतुल्लाह बट्ट, माता- वासा बेगम |
पति/पत्नी | शमीम देव आज़ाद |
संतान | पुत्र- सद्दाम नबी आज़ाद, पुत्री- सोफिया नबी आज़ाद |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | 10वें मुख्यमंत्री, जम्मू-कश्मीर |
कार्य काल | स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री-22 मई, 2009 से 26 मई, 2014 तक |
शिक्षा | जूलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस |
विद्यालय | कश्मीर विश्वविद्यालय |
अन्य जानकारी | ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1973 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में काम करने के तुरंत बाद राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। दो साल बाद उन्हें जम्मू और कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। |
अद्यतन | 14:33, 8 मार्च 2020 (IST)
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ग़ुलाम नबी आज़ाद (अंग्रेज़ी: Ghulam Nabi Azad, जन्म- 7 मार्च, 1949) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रसिद्ध और वरिष्ठ राजनीतिज्ञ हैं। पूर्व में यूपीए सरकार में वह कई पदों पर रह चुके हैं। मनमोहन सिंह की सरकार के पहले कार्यकाल में ग़ुलाम नबी आज़ाद संसदीय कार्य मंत्री रहे और 27 अक्टूबर, 2005 तक इस पद पर रहे। इसके बाद वह जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने 1980 में महाराष्ट्र में वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला संसदीय चुनाव जीता था। ग़ुलाम नबी आज़ाद को 1982 में 'कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय' में केंद्रीय मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया था। इसके बाद वे राजनीतिक ऊंचाई पर पहुंच गए और राज्य मंत्री के रूप में सरकार में कुछ और शानदार भूमिकाएँ निभाईं। इसके परिणामस्वरूप 2005 में जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
जन्म
ग़ुलाम नबी आज़ाद का जन्म 7 मार्च, 1949 को जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में सोती गांव में हुआ था। वह रहमतुल्लाह बट्ट और वासा बेगम के पुत्र हैं। जम्मू से उन्होंने अपनी बैचलर की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने 1972 में कश्मीर विश्वविद्यालय से जूलॉजी में मास्टर ऑफ साइंस पूरा किया। ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1980 में एक प्रसिद्ध कश्मीरी गायिका शमीम देव आज़ाद से शादी की। उनके एक पुत्र सद्दाम नबी आज़ाद और एक बेटी सोफिया नबी आज़ाद हैं।
राजनीतिक जीवन
ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1973 में भालेसा में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में काम करने के तुरंत बाद अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। दो साल बाद उन्हें जम्मू और कश्मीर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। 1980 में उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। 1980 में महाराष्ट्र के वाशिम (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से सातवीं लोक सभा के लिए चुने जाने के बाद ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 1982 में कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय के प्रभारी उपमंत्री के रूप में केंद्र सरकार में प्रवेश किया। सन 1984 में वह आठवीं लोकसभा के लिए चुने गए और राज्य सभा के रूप में महाराष्ट्र के पहले सदस्य (1990-1996) थे। पी. वी. नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान ग़ुलाम नबी आज़ाद ने संसदीय कार्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालयों का प्रभार संभाला।
मुख्यमंत्री का पद
2 नवंबर, 2005 को ग़ुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। जून, 2008 में उनकी सरकार ने एक हिंदू मंदिर के बोर्ड में भूमि हस्तांतरण करने की योजना की घोषणा की। कई मुसलमानों को इस निर्णय ने नाराज किया और फलस्वरूप उनका विरोध शुरू हो गया। सात लोग हिंसा में मारे गए थे। जम्मू-कश्मीर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक गठबंधन दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया और अपनी सरकार को बनाए रखने की कोशिश करने की बजाय ग़ुलाम नबी आज़ाद ने 7 जुलाई, 2008 को इस्तीफा दे दिया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |