"कल के लिए -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
प्रकाश बादल (वार्ता | योगदान) ('{| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |चित्र=|चित्र=K...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - "आंखें" to "आँखें") |
||
(3 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 7: | पंक्ति 7: | ||
|कवि =[[कुलदीप शर्मा]] | |कवि =[[कुलदीप शर्मा]] | ||
|जन्म= | |जन्म= | ||
|जन्म स्थान=([[ | |जन्म स्थान=([[उना हिमाचल|उना]], [[हिमाचल प्रदेश]]) | ||
|मुख्य रचनाएँ= | |मुख्य रचनाएँ= | ||
|यू-ट्यूब लिंक= | |यू-ट्यूब लिंक= | ||
पंक्ति 38: | पंक्ति 38: | ||
इससे बाकी पेड़ | इससे बाकी पेड़ | ||
जो सहमे सहमे से थे | जो सहमे सहमे से थे | ||
सुनहरे भविष्य के स्वप्न बुनने लगे | |||
कटे हुए जंगलों पर छा गई | कटे हुए जंगलों पर छा गई | ||
हरियाली की संभावनाएं | हरियाली की संभावनाएं | ||
पंक्ति 44: | पंक्ति 44: | ||
दक्षिणी ध्रुव की मोहलत बढ़ा दी | दक्षिणी ध्रुव की मोहलत बढ़ा दी | ||
भयभीत पहाड़ | भयभीत पहाड़ | ||
आँखें मलता बैठ गया | |||
इत्मीनान से | इत्मीनान से | ||
चुपचाप बैठे पक्षियों में | चुपचाप बैठे पक्षियों में | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 63: | ||
मेहराब सी फैलती चली जाती है | मेहराब सी फैलती चली जाती है | ||
जिसे उतारता है बाद में शौंकू गद्दी | जिसे उतारता है बाद में शौंकू गद्दी | ||
एक | एक ऊँची रिड़ी से | ||
हमारे दिलों तक | हमारे दिलों तक | ||
इस तरह आसमान उतरता है | इस तरह आसमान उतरता है | ||
पंक्ति 122: | पंक्ति 122: | ||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:कुलदीप शर्मा]][[Category:कविता]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:कुलदीप शर्मा]][[Category:कविता]] | ||
[[Category:हिन्दी कविता]] | |||
[[Category:पद्य साहित्य]] | |||
[[Category:काव्य कोश]] | |||
[[Category:साहित्य कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
05:23, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||
|
|