"कल के लिए -कुलदीप शर्मा": अवतरणों में अंतर
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इससे बाकी पेड़ | इससे बाकी पेड़ | ||
जो सहमे सहमे से थे | जो सहमे सहमे से थे | ||
सुनहरे भविष्य के स्वप्न बुनने लगे | |||
कटे हुए जंगलों पर छा गई | कटे हुए जंगलों पर छा गई | ||
हरियाली की संभावनाएं | हरियाली की संभावनाएं | ||
पंक्ति 44: | पंक्ति 44: | ||
दक्षिणी ध्रुव की मोहलत बढ़ा दी | दक्षिणी ध्रुव की मोहलत बढ़ा दी | ||
भयभीत पहाड़ | भयभीत पहाड़ | ||
आँखें मलता बैठ गया | |||
इत्मीनान से | इत्मीनान से | ||
चुपचाप बैठे पक्षियों में | चुपचाप बैठे पक्षियों में | ||
पंक्ति 63: | पंक्ति 63: | ||
मेहराब सी फैलती चली जाती है | मेहराब सी फैलती चली जाती है | ||
जिसे उतारता है बाद में शौंकू गद्दी | जिसे उतारता है बाद में शौंकू गद्दी | ||
एक | एक ऊँची रिड़ी से | ||
हमारे दिलों तक | हमारे दिलों तक | ||
इस तरह आसमान उतरता है | इस तरह आसमान उतरता है |
05:23, 4 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
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