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==परिचय==
==परिचय==
उनके [[पिता]] का नाम 'मैकू लाल' तथा [[माता]] 'कलावती' थीं। रामनाथ कोविंद तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। वे परौंख गांव में अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर चुके हैं। उनके बड़े भाई प्यारेलाल व स्वर्गीय शिवबालक राम हैं।
रामनाथ कोविंद के [[पिता]] का नाम 'मैकू लाल' तथा [[माता]] 'कलावती' थीं। वे तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता मैकू लाल एक व्यापारी थे, जो परचून की दुकान चलाते थे। हालांकि परौख गांव में सिर्फ चार दलित परिवार थे, किंतु कोविंद के पिता 'गांव के चौधरी' कहलाते थे। परचून की दुकान चलाने के अलावा रामनाथ कोविंद के पिता एक कपड़ा दुकान के मालिक भी थे। इसके साथ ही वे एक वैद्य भी थे।


रामनाथ कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में अहम रही है। छात्र जीवन में उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया। 12 साल की सांसदी में रामनाथ कोविंद ने शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों को उठाया। ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान उन्होंने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी। रामनाथ कोविंद का [[विवाह]] [[30 मई]], [[1974]] को 'सविता कोविंद' से हुई थी। इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है।<ref>{{cite web |url=http://www.bbc.com/hindi/india-40325878 |title=रामनाथ कोविंद के बारे में क्या क्या जानते हैं? |accessmonthday=20 जून|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=bbc.com |language=हिन्दी }}</ref>
रामनाथ कोविंद के [[परिवार]] में [[पिता]] के अलावा मां कलावती थीं। इनके अतिरिक्त उनके चार भाई और तीन बहनें हैं। कोविंद का [[विवाह]] [[30 मई]], [[1974]] को सविता कोविंद से हुआ। [[योग]] के शौकीन रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। उनकी दो संतान हैं- एक पुत्र और एक पुत्री। पुत्र का नाम प्रशांत और बेटी का नाम स्वाति है। कोविंद के परिवार में बाकी लोग सामान्य जीवन बिताते हैं। उनके एक भाई [[मध्य प्रदेश]] में अकाउंट अफ़सर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। एक और भाई सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं। शेष अपना कारोबार करते हैं।
==किराये पर निवास==
रामनाथ कोविंद का परिवार बेहद सामान्य जीवन गुजारता था। खुद रामनाथ कोविंद ने भी अपने राजनीतिक जीवन से पहले बेहद साधारण अंदाज़में जिंदगी व्यतीत की। [[1993]] में परौख गांव से वह [[कानपुर]] शहर रहने आए और यहां पर वह कल्याणपुर इलाके के न्यू आजाद नगर में एक प्रोफेसर के घर किराए पर रहे। कोविंद यहां पर 30 [[रुपया]] किराया देते थे। करीब 12 साल तक कोविंद का परिवार यहां पर रहा और [[2005]] में इसी इलाके के दयानंद विहार में अपना मकान बनवा लिया। उन्होंने परौंख गांव में अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर दिया।
==शिक्षा==
==शिक्षा==
रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लॉक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई। बी.एन.एस.डी. इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने डी.ए.वी. कॉलेज से बी.कॉम व डी.ए.वी. लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद रामनाथ कोविंद ने [[दिल्ली]] में रहकर आई.ए.एस. की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात रामनाथ कोविंद ने [[दिल्ली उच्च न्यायालय]] में वकालत प्रारम्भ की। वह [[1977]] से [[1979]] तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे थे।
[[रामनाथ कोविंद]] की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लॉक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई। बी.एन.एस.डी. इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने डी.ए.वी. कॉलेज से बी.कॉम व डी.ए.वी. लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद रामनाथ कोविंद ने [[दिल्ली]] में रहकर आई.ए.एस. की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात् रामनाथ कोविंद ने [[दिल्ली उच्च न्यायालय]] में वकालत प्रारम्भ की। वह [[1977]] से [[1979]] तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे थे।




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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[http://aajtak.intoday.in/story/ramnath-kovind-family-background-father-was-a-shopkeeper-1-942248.html परचून की दुकान चलाते थे कोविंद के पिता, पढ़ें- परिवार के बारे में]
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
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रामनाथ कोविंद विषय सूची
रामनाथ कोविंद का परिचय
रामनाथ कोविंद
रामनाथ कोविंद
पूरा नाम रामनाथ कोविंद
जन्म 1 अक्टूबर, 1945
जन्म भूमि परौंख गांव, कानपुर देहात ज़िला, उत्तर प्रदेश
अभिभावक पिता- मैकू लाल, माता- कलावती
पति/पत्नी सविता कोविंद
संतान दो- प्रशांत और स्वाति
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
कार्य काल भारत के राष्ट्रपति - 25 जुलाई, 2017 से 25 जुलाई, 2022
शिक्षा वकालत की उपाधि
विशेष रामनाथ कोविंद हरिद्वार में गंगा के तट पर स्थित कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित संस्था 'दिव्य प्रेम सेवा मिशन' के आजीवन संरक्षक हैं।
अन्य जानकारी रामनाथ कोविंद वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सचिव बने थे। इसके बाद भाजपा नेतृत्व के संपर्क में आए।
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रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर, 1945 को कानपुर[1], उत्तर प्रदेश की तहसील डेरापुर के एक छोटे से गांव परौंख में हुआ था। उनका सम्बन्ध 'कोरी या कोली जाति' से है, जो उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आती है।

परिचय

रामनाथ कोविंद के पिता का नाम 'मैकू लाल' तथा माता 'कलावती' थीं। वे तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता मैकू लाल एक व्यापारी थे, जो परचून की दुकान चलाते थे। हालांकि परौख गांव में सिर्फ चार दलित परिवार थे, किंतु कोविंद के पिता 'गांव के चौधरी' कहलाते थे। परचून की दुकान चलाने के अलावा रामनाथ कोविंद के पिता एक कपड़ा दुकान के मालिक भी थे। इसके साथ ही वे एक वैद्य भी थे।

रामनाथ कोविंद के परिवार में पिता के अलावा मां कलावती थीं। इनके अतिरिक्त उनके चार भाई और तीन बहनें हैं। कोविंद का विवाह 30 मई, 1974 को सविता कोविंद से हुआ। योग के शौकीन रामनाथ कोविंद की पत्नी सविता कोविंद सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं। उनकी दो संतान हैं- एक पुत्र और एक पुत्री। पुत्र का नाम प्रशांत और बेटी का नाम स्वाति है। कोविंद के परिवार में बाकी लोग सामान्य जीवन बिताते हैं। उनके एक भाई मध्य प्रदेश में अकाउंट अफ़सर के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। एक और भाई सरकारी स्कूल में अध्यापक हैं। शेष अपना कारोबार करते हैं।

किराये पर निवास

रामनाथ कोविंद का परिवार बेहद सामान्य जीवन गुजारता था। खुद रामनाथ कोविंद ने भी अपने राजनीतिक जीवन से पहले बेहद साधारण अंदाज़में जिंदगी व्यतीत की। 1993 में परौख गांव से वह कानपुर शहर रहने आए और यहां पर वह कल्याणपुर इलाके के न्यू आजाद नगर में एक प्रोफेसर के घर किराए पर रहे। कोविंद यहां पर 30 रुपया किराया देते थे। करीब 12 साल तक कोविंद का परिवार यहां पर रहा और 2005 में इसी इलाके के दयानंद विहार में अपना मकान बनवा लिया। उन्होंने परौंख गांव में अपना पैतृक मकान बारातशाला के रूप में दान कर दिया।

शिक्षा

रामनाथ कोविंद की प्रारंभिक शिक्षा संदलपुर ब्लॉक के ग्राम खानपुर परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय से हुई। बी.एन.एस.डी. इंटरमीडिएट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने डी.ए.वी. कॉलेज से बी.कॉम व डी.ए.वी. लॉ कालेज से विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद रामनाथ कोविंद ने दिल्ली में रहकर आई.ए.एस. की परीक्षा तीसरे प्रयास में पास की, लेकिन मुख्य सेवा के बजाय एलायड सेवा में चयन होने पर नौकरी ठुकरा दी। वकालत की उपाधि लेने के पश्चात् रामनाथ कोविंद ने दिल्ली उच्च न्यायालय में वकालत प्रारम्भ की। वह 1977 से 1979 तक दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वर्तमान में कानपुर देहात ज़िला

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

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