"एन्टिमोनी": अवतरणों में अंतर

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एन्टिमोनी एक रासायनिक [[तत्व]] है और [[आवर्त सारणी]] में पंचम मुख्य समूह में रखा गया है। इसकी स्थिति आर्सेनिक के नीचे तथा बिसमथ के ऊपर है। यह [[धातु]] तथा [[अधातु]] दोनों के गुणों से युक्त है। इसमें धातुओं जैसी चमक रहती है, परंतु धातु की सी उच्च विद्युच्चालकता नहीं होती। यह भंगुर है। एन्टिमोनी का संकेत '''Sb''', परमाणु अंक ५१, [[परमाणु भार]] १२१.है। एन्टिमोनी के स्थायी समस्थानिक १२१,१२३ है। एन्टिमोनी तथा एन्टिमोनी सल्फ़ाइड प्राचीन काल से प्रयोग में आते रहे हैं। इस तत्व के उपयोग ४,००० ई. पू. से लोगों को ज्ञात थे। एन्टिमोनी सल्फ़ाइड का प्रयोग<ref>अंजन या सुरमा के रूप में</ref> नेत्रों की सुंदरता बढ़ाने के लिए होता रहा है। मध्यकाल में इसके [[यौगिक]] ओषधि के रूप में काम आते थे।
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'''एन्टिमोनी''' ([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Antimony) एक रासायनिक [[तत्व]] है और [[आवर्त सारणी]] में पंचम मुख्य समूह में रखा गया है। इसकी स्थिति [[आर्सेनिक]] के नीचे तथा बिसमथ के ऊपर है। यह [[धातु]] तथा [[अधातु]] दोनों के गुणों से युक्त है। इसमें धातुओं जैसी चमक रहती है, परंतु धातु की सी उच्च विद्युच्चालकता नहीं होती। यह भंगुर है। एन्टिमोनी का संकेत '''Sb''', परमाणु अंक 51, [[परमाणु भार]] 121.8 है। एन्टिमोनी के स्थायी समस्थानिक 121,123 है। एन्टिमोनी की प्राप्ति स्टिबनाइट नामक [[खनिज]] से होती है।


==गुणधर्म==
==गुणधर्म==
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एन्टिमोनी त्रिसंयोजक तथा पंचसंयोजक अवस्थाओं में यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक से अधिक विद्युद्धनीय होता है। वह आर्सेनिक की भाँति [[हाइड्रोजन]] से यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक के परमाणु से बड़ा है। इस कारण इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं। एन्टिमोनी के हेलाइड में [[लवण]] के गुण अधिक हैं। इसका विघटन भी सुगमता से होता है।
एन्टिमोनी त्रिसंयोजक तथा पंचसंयोजक अवस्थाओं में यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक से अधिक विद्युद्धनीय होता है। वह आर्सेनिक की भाँति [[हाइड्रोजन]] से यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक के परमाणु से बड़ा है। इस कारण इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं। एन्टिमोनी के हेलाइड में [[लवण]] के गुण अधिक हैं। इसका विघटन भी सुगमता से होता है।


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जलीय माध्यम में एन्टिमोनी किसी भी [[हैलोजन]] द्वारा उपयचयित (आवसीकृत) हो सकता है। नाइट्रिक, सल्फ़्यूरिक तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल<ref>[[ऑक्सीजन]] की उपस्थिति में</ref> एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत कर देते हैं। इस प्रकार एन्टिमोनी अच्छा उपचायक है। वायु में दहन करने पर यह जलने लगता है। हैलोजन तथा [[गंधक]] के साथ गर्म करने पर भी यह ऑक्सीकृत हो जाता है। ऊँचे [[ताप]] पर कार्बन द्वि-आक्साइड भी इसे ऑक्सीकृत करता है। इसी प्रकार जलवाष्प तथा कुछ धातुओं के [[ऑक्साइड]] भी ऊँचे [[ताप]] पर एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत करते हैं। कुछ धातुएँ जैसे [[सोडियम]], [[लोहा]], [[ऐलुमिनियम]] तथा [[मैग्नीशियम]] भी एन्टिमोनी के साथ अंतर्धात्वीय यौगिक बनाती हैं।
==उपयोग==
*एन्टिमोनी तथा एन्टिमोनी सल्फ़ाइड प्राचीन काल से प्रयोग में आते रहे हैं।
*इस तत्व के उपयोग 4,000 ई. पू. से लोगों को ज्ञात थे।
*इसके सल्फाइड से आँखे में लगाया जाने वाला सुरमा भी बनाया जाता है।
*[[मध्यकाल]] में इसके [[यौगिक]] ओषधि के रूप में काम आते थे।
*इसका उपयोग विद्युत तार बनाने, टुथपेस्ट के ट्यूब बनाने, [[आभूषण]] तथा बन्दूक के कारतूस में किया जाता है।
==प्राप्ति स्थान==
[[भारत]] में इसकी प्राप्ति के प्रमुख स्थल है। [[कर्नाटक]] के [[चित्रदुर्ग ज़िला|चित्रदुर्ग ज़िले]] का चिकन्नाहाली क्षेत्र, [[महाराष्ट्र]] में [[नागपुर ज़िला|नागपुर ज़िले]] की उमरेड़ तहसील, [[उत्तराखंड]] का [[चमोली ज़िला]] तथा [[हिमाचल प्रदेश]] के लाहोल ज़िले में बड़ाशीग्ता हिमानी का पीडमाण्ट क्षेत्र। भारत में इसकी अधिक मांग की पूर्ति के लिए इसे मुख्य रुप से [[संयुक्त राज्य अमरीका]], मैक्सिको, पेरु, बोलिविया आदि देशों से आयात किसा जाता है।


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==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
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06:29, 17 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

एन्टिमोनी
चमकदार सिलेटी धातु
साधारण गुणधर्म
नाम, प्रतीक, संख्या एन्टिमोनी, Sb, 51
तत्व श्रेणी उपधातु
समूह, आवर्त, कक्षा 15, 5, p
मानक परमाणु भार 121.760g·mol−1
इलेक्ट्रॉन विन्यास 1s2 2s2 2p6 3s2 3p6 3d10 4s2 4p6 4d10 5s2 5p3
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल 2, 8, 18, 18, 5
भौतिक गुणधर्म
अवस्था ठोस
घनत्व (निकट क.ता.) 6.697 g·cm−3
तरल घनत्व
(गलनांक पर)
6.53 g·cm−3
गलनांक 903.78 K, 630.63 °C, 1167.13 °F
क्वथनांक 1860 K, 1587 °C, 2889 °F
संलयन ऊष्मा 19.79 किलो जूल-मोल
वाष्पन ऊष्मा 193.43 किलो जूल-मोल
विशिष्ट ऊष्मीय
क्षमता
25.23

जूल-मोल−1किलो−1

वाष्प दाब
P (Pa) 1 10 100 1 k 10 k 100 k
at T (K) 807 876 1011 1219 1491 1858
परमाण्विक गुणधर्म
ऑक्सीकरण अवस्था 5, 3, -3
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 2.05 (पाइलिंग पैमाना)
आयनीकरण ऊर्जाएँ
(अधिक)
1st: 834 कि.जूल•मोल−1
2nd: 1594.9 कि.जूल•मोल−1
3rd: 2440 कि.जूल•मोल−1
परमाण्विक त्रिज्या 140 pm
सहसंयोजक त्रिज्या 139±5 pm
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या 206 pm
विविध गुणधर्म
क्रिस्टल संरचना त्रिकोणीय
चुम्बकीय क्रम प्रतिचुम्बकीय
वैद्युत प्रतिरोधकता (20 °C) 417 nΩ·m
ऊष्मीय चालकता (300 K) 24.4 W·m−1·K−1
ऊष्मीय प्रसार (25 °C) 11 µm·m−1·K−1
ध्वनि चाल (पतली छड़ में) (20 °C) 3420 m.s-1
यंग मापांक 55 GPa
अपरूपण मापांक 20 GPa
स्थूल मापांक 42 GPa
मोह्स कठोरता मापांक 3.0
ब्राइनल कठोरता 294 MPa
सी.ए.एस पंजीकरण
संख्या
7440-36-0
समस्थानिक
समस्थानिक प्रा. प्रचुरता अर्द्ध आयु क्षरण अवस्था क्षरण ऊर्जा
(MeV)
क्षरण उत्पाद
121Sb 57.36% 121Sb 70 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
123Sb 42.64% 123Sb 72 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
125Sb syn 2.7582 y β 0.767 125Te

एन्टिमोनी (अंग्रेज़ी:Antimony) एक रासायनिक तत्व है और आवर्त सारणी में पंचम मुख्य समूह में रखा गया है। इसकी स्थिति आर्सेनिक के नीचे तथा बिसमथ के ऊपर है। यह धातु तथा अधातु दोनों के गुणों से युक्त है। इसमें धातुओं जैसी चमक रहती है, परंतु धातु की सी उच्च विद्युच्चालकता नहीं होती। यह भंगुर है। एन्टिमोनी का संकेत Sb, परमाणु अंक 51, परमाणु भार 121.8 है। एन्टिमोनी के स्थायी समस्थानिक 121,123 है। एन्टिमोनी की प्राप्ति स्टिबनाइट नामक खनिज से होती है।

गुणधर्म

एन्टिमोनी के विभिन्न अपर रूप हैं, जैसे धूसर एन्टिमनी, विस्फोटक एन्टिमनी, पीला एन्टिमनी, काला एन्टिमोनी इत्यादि। धूसर एन्टिमोनी सबसे साधारण अपर रूप है। विस्फोटक एन्टिमोनी और काला एन्टिमोनी दोनों विस्फोटशील रूप हैं।

एन्टिमोनी त्रिसंयोजक तथा पंचसंयोजक अवस्थाओं में यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक से अधिक विद्युद्धनीय होता है। वह आर्सेनिक की भाँति हाइड्रोजन से यौगिक बनाता है। एन्टिमोनी का परमाणु आर्सेनिक के परमाणु से बड़ा है। इस कारण इसमें कुछ भिन्नताएँ भी हैं। एन्टिमोनी के हेलाइड में लवण के गुण अधिक हैं। इसका विघटन भी सुगमता से होता है।

जलीय माध्यम में एन्टिमोनी किसी भी हैलोजन द्वारा उपयचयित (आवसीकृत) हो सकता है। नाइट्रिक, सल्फ़्यूरिक तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल[1] एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत कर देते हैं। इस प्रकार एन्टिमोनी अच्छा उपचायक है। वायु में दहन करने पर यह जलने लगता है। हैलोजन तथा गंधक के साथ गर्म करने पर भी यह ऑक्सीकृत हो जाता है। ऊँचे ताप पर कार्बन द्वि-आक्साइड भी इसे ऑक्सीकृत करता है। इसी प्रकार जलवाष्प तथा कुछ धातुओं के ऑक्साइड भी ऊँचे ताप पर एन्टिमोनी को ऑक्सीकृत करते हैं। कुछ धातुएँ जैसे सोडियम, लोहा, ऐलुमिनियम तथा मैग्नीशियम भी एन्टिमोनी के साथ अंतर्धात्वीय यौगिक बनाती हैं।

उपयोग

  • एन्टिमोनी तथा एन्टिमोनी सल्फ़ाइड प्राचीन काल से प्रयोग में आते रहे हैं।
  • इस तत्व के उपयोग 4,000 ई. पू. से लोगों को ज्ञात थे।
  • इसके सल्फाइड से आँखे में लगाया जाने वाला सुरमा भी बनाया जाता है।
  • मध्यकाल में इसके यौगिक ओषधि के रूप में काम आते थे।
  • इसका उपयोग विद्युत तार बनाने, टुथपेस्ट के ट्यूब बनाने, आभूषण तथा बन्दूक के कारतूस में किया जाता है।

प्राप्ति स्थान

भारत में इसकी प्राप्ति के प्रमुख स्थल है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले का चिकन्नाहाली क्षेत्र, महाराष्ट्र में नागपुर ज़िले की उमरेड़ तहसील, उत्तराखंड का चमोली ज़िला तथा हिमाचल प्रदेश के लाहोल ज़िले में बड़ाशीग्ता हिमानी का पीडमाण्ट क्षेत्र। भारत में इसकी अधिक मांग की पूर्ति के लिए इसे मुख्य रुप से संयुक्त राज्य अमरीका, मैक्सिको, पेरु, बोलिविया आदि देशों से आयात किसा जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऑक्सीजन की उपस्थिति में

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