"प्रमोद सावंत": अवतरणों में अंतर
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'''प्रमोद पांडुरंग सावंत''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Pramod Pandurang Sawant'', जन्म- [[24 अप्रैल]], [[1973]], [[गोवा]]) भारतीय राजनीतिज्ञ और [[गोवा]] के [[मुख्यमंत्री]] हैं। वे गोवा के सैंकलिम विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रमोद सावंत [[भारतीय जनता पार्टी]] के सदस्य हैं। पेशे से वे मूलतः आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं। उनकी पत्नी भी भाजपा की नेत्री हैं। | ==परिचय== | ||
प्रमोद सांवत का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को बिचोलम, गोवा में हुआ था। इनका पूरा नाम प्रमोद पांडुरंग सावंत हैं। [[पिता]] का नाम पांडुरंग सावंत और [[माता]] का नाम पद्मिनी सावंत है। प्रमोद सांवत ने [[महाराष्ट्र]] के कोल्हापूर से गंगा एजुकेशन सोसायटी से आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्होंने पुणे के तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय से सोशल वर्क में भी स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। प्रमोद सावंत ने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। वह नेता होने के साथ-साथ एक किसान भी है और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रैक्टिशनर है। प्रमोद सांवत ने एक चिकित्सक के रूप में भी सेवाएँ दी हैं। | |||
प्रमोद सांवत की पत्नी का नाम सुलक्षणा सावंत है जो पेशे से रसायनशास्त्र की शिक्षिका हैं। वह श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाती हैं और साथ में बीजेपी महिला मोर्चा की गोवा ईकाई की अध्यक्ष भी हैं। | |||
==राजनीतिक कॅरियर== | |||
प्रमोद सांवत, [[मनोहर पर्रिकर]] को अपना गुरू मानते हैं। उनका कहना है कि उनको राजनीति में लाने वाले मनोहर पर्रिकर थे। राजनीति में अच्छी रूचि और ज्ञान के कारण [[2008]] में सांगली से इलेक्शन लड़ने के लिए प्रस्ताव आया। जिसके लिए प्रमोद सांवत ने अपनी डॉक्टरी को छोड़ा और सांगली के लिए [[कांग्रेस]] के अपोजिट चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में वो हार गये। इसके बाद वर्ष [[2012]] में दुबारा से चुनाव लड़ा और वह जीत गये। इसके बाद [[2017]] में भी चुनाव लड़ा और प्रमोद सावंत अच्छे वोटों के मार्जिन से जीत गए। उनके काम को देखकर ही उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। वह [[गोवा]] लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। | |||
==मुख्यमंत्री== | |||
जब गोवा के [[मुख्यमंत्री]] मनोहर पार्रिकर के बीमार होने की खबर आयी तो डॉ. प्रमोद पी. सावंत ने [[अक्टूबर 2018]] को आरएसएस के संचालक [[मोहन भागवत]] से मुलाकात की। अपने मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी को मोहन भागवत के सामने रखा। मनोहर पर्रिकर का इनको राजनीति में लाने का बहुत बड़ा हाथ था और मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सांवत पहली पसंद थे। इसी बात से पता चलता है कि मुख्यमंत्री की शपथ लेते समय प्रमोद सावंत ने कहा था कि राजनीति में वह केवल मनोहर पर्रिकर की वजह से आये हैं और वह इनके गुरू भी हैं। गोवा में स्पीकर से मुख्यमंत्री बनने का श्रेय प्रमोद सावंत मनोहर पर्रिकर को देते हैं। बीजेपी से जुड़े लोग कहते हैं कि प्रमोद सावंत की वफादारी ऐसी है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत इच्छाओं को राजनीति से हमेशा दूर रखा। | |||
साल [[2017]] के विधानसभा चुनाव में डॉ. प्रमोद सावंत ने 10,058 वोट हासिल करके [[कांग्रेस]] के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को मात दी थी। उन्होंने सगलानी से 32% अधिक वोट हासिल किए थे। [[2012]] के चुनाव में प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के प्रताप गौंस को हराया था। उनको 14,255 वोट मिले थे। साल [[2022]] में [[गोवा]] की सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। [[भाजपा]] ने सबसे ज्यादा 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने 11, निदर्लीयों ने तीन सीटों पर कब्जा किया था। साथ ही महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और [[आम आदमी पार्टी]] ने दो-दो सीटें जीती थीं। जीएफपी और आरजीपी ने एक-एक सीट जीती थी। एमजीपी के दो विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया। इस प्रकार प्रमोद सावंत दूसरी बार [[गोवा के मुख्यमंत्री]] बने हैं। | |||
==अन्य जानकारी== | |||
[[गोवा के मुख्यमंत्री]] डॉ. प्रमोद सावंत बीजेपी के एक ऐसे अकेले विधायक हैं जो आरएसएस कैडर से हैं। गोवा के कोटोंबी के रहने वाले प्रमोद सावंत बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं। इनके [[पिता]] पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य, भारतीय जनसंघ और भारतीय मजदूर जनसंघ के सक्रिय सदस्य रह चुके है। मुख्यमंत्री बनने से पहले यह पार्टी के प्रवक्ता और विधान सभा के स्पीकर थे। [[2017]] में जब गोवा में बीजेपी की सरकार आयी तो प्रमोद सांवत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था। | |||
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06:59, 28 मार्च 2022 के समय का अवतरण
प्रमोद सावंत
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पूरा नाम | प्रमोद पांडुरंग सावंत' |
जन्म | 24 अप्रैल, 1973 |
जन्म भूमि | गोवा, भारत |
अभिभावक | पिता- पांडुरंग सावंत माता- पद्मिनी सावंत |
पति/पत्नी | सुलक्षणा सावंत |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | मुख्यमंत्री, गोवा प्रथम बार- 19 मार्च 2019 से 28 मार्च, 2022 तक |
शिक्षा | स्नातक (आयुर्वेदिक चिकित्सा), पोस्ट ग्रेजुएशन (सोशल वर्क) |
विद्यालय | गंगा एजुकेशन सोसायटी (कोल्हापुर), तिलक महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी (पुणे) |
अन्य जानकारी | सन 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. प्रमोद सावंत ने 10,058 वोट हासिल करके कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को मात दी थी। |
अद्यतन | 12:29, 28 मार्च 2022 (IST)
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प्रमोद पांडुरंग सावंत (अंग्रेज़ी: Pramod Pandurang Sawant, जन्म- 24 अप्रैल, 1973, गोवा) भारतीय राजनीतिज्ञ और गोवा के मुख्यमंत्री हैं। वे गोवा के सैंकलिम विधान सभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रमोद सावंत भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं। पेशे से वे मूलतः आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं। उनकी पत्नी भी भाजपा की नेत्री हैं।
परिचय
प्रमोद सांवत का जन्म 24 अप्रैल, 1973 को बिचोलम, गोवा में हुआ था। इनका पूरा नाम प्रमोद पांडुरंग सावंत हैं। पिता का नाम पांडुरंग सावंत और माता का नाम पद्मिनी सावंत है। प्रमोद सांवत ने महाराष्ट्र के कोल्हापूर से गंगा एजुकेशन सोसायटी से आयुर्वेदिक चिकित्सा में स्नातक प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्होंने पुणे के तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय से सोशल वर्क में भी स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। प्रमोद सावंत ने मेडिको-लीगल सिस्टम का भी अध्ययन किया है। वह नेता होने के साथ-साथ एक किसान भी है और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रैक्टिशनर है। प्रमोद सांवत ने एक चिकित्सक के रूप में भी सेवाएँ दी हैं।
प्रमोद सांवत की पत्नी का नाम सुलक्षणा सावंत है जो पेशे से रसायनशास्त्र की शिक्षिका हैं। वह श्री शांतादुर्गा हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाती हैं और साथ में बीजेपी महिला मोर्चा की गोवा ईकाई की अध्यक्ष भी हैं।
राजनीतिक कॅरियर
प्रमोद सांवत, मनोहर पर्रिकर को अपना गुरू मानते हैं। उनका कहना है कि उनको राजनीति में लाने वाले मनोहर पर्रिकर थे। राजनीति में अच्छी रूचि और ज्ञान के कारण 2008 में सांगली से इलेक्शन लड़ने के लिए प्रस्ताव आया। जिसके लिए प्रमोद सांवत ने अपनी डॉक्टरी को छोड़ा और सांगली के लिए कांग्रेस के अपोजिट चुनाव लड़ा, लेकिन इस चुनाव में वो हार गये। इसके बाद वर्ष 2012 में दुबारा से चुनाव लड़ा और वह जीत गये। इसके बाद 2017 में भी चुनाव लड़ा और प्रमोद सावंत अच्छे वोटों के मार्जिन से जीत गए। उनके काम को देखकर ही उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। वह गोवा लोकसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं।
मुख्यमंत्री
जब गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर के बीमार होने की खबर आयी तो डॉ. प्रमोद पी. सावंत ने अक्टूबर 2018 को आरएसएस के संचालक मोहन भागवत से मुलाकात की। अपने मुख्यमंत्री बनने की दावेदारी को मोहन भागवत के सामने रखा। मनोहर पर्रिकर का इनको राजनीति में लाने का बहुत बड़ा हाथ था और मुख्यमंत्री के रूप में प्रमोद सांवत पहली पसंद थे। इसी बात से पता चलता है कि मुख्यमंत्री की शपथ लेते समय प्रमोद सावंत ने कहा था कि राजनीति में वह केवल मनोहर पर्रिकर की वजह से आये हैं और वह इनके गुरू भी हैं। गोवा में स्पीकर से मुख्यमंत्री बनने का श्रेय प्रमोद सावंत मनोहर पर्रिकर को देते हैं। बीजेपी से जुड़े लोग कहते हैं कि प्रमोद सावंत की वफादारी ऐसी है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत इच्छाओं को राजनीति से हमेशा दूर रखा।
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ. प्रमोद सावंत ने 10,058 वोट हासिल करके कांग्रेस के धर्मेश प्रभुदास सगलानी को मात दी थी। उन्होंने सगलानी से 32% अधिक वोट हासिल किए थे। 2012 के चुनाव में प्रमोद सावंत ने कांग्रेस के प्रताप गौंस को हराया था। उनको 14,255 वोट मिले थे। साल 2022 में गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे। भाजपा ने सबसे ज्यादा 20 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कांग्रेस ने 11, निदर्लीयों ने तीन सीटों पर कब्जा किया था। साथ ही महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और आम आदमी पार्टी ने दो-दो सीटें जीती थीं। जीएफपी और आरजीपी ने एक-एक सीट जीती थी। एमजीपी के दो विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा को समर्थन दिया। इस प्रकार प्रमोद सावंत दूसरी बार गोवा के मुख्यमंत्री बने हैं।
अन्य जानकारी
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत बीजेपी के एक ऐसे अकेले विधायक हैं जो आरएसएस कैडर से हैं। गोवा के कोटोंबी के रहने वाले प्रमोद सावंत बचपन से ही आरएसएस से जुड़े हुए हैं। इनके पिता पांडुरंग सावंत पूर्व जिला पंचायत सदस्य, भारतीय जनसंघ और भारतीय मजदूर जनसंघ के सक्रिय सदस्य रह चुके है। मुख्यमंत्री बनने से पहले यह पार्टी के प्रवक्ता और विधान सभा के स्पीकर थे। 2017 में जब गोवा में बीजेपी की सरकार आयी तो प्रमोद सांवत को विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया था।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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