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*उसने संभवतः 'नवरत्न' की उपाधि भी धारण की थी। | *उसने संभवतः 'नवरत्न' की उपाधि भी धारण की थी। | ||
*संगम कालीन ग्रंथ 'पत्तुपात्तु' में शिरुपाण आतरुप्पडै़ नाम की नत्ततनार द्वारा रचित कविता में नल्लियक्कोडन को संगम युग (लगभग 270 ई.) का अन्तिम शासक माना | *[[संगम काल|संगम कालीन]] ग्रंथ 'पत्तुपात्तु' में शिरुपाण आतरुप्पडै़ नाम की नत्ततनार द्वारा रचित कविता में नल्लियक्कोडन को संगम युग (लगभग 270 ई.) का अन्तिम शासक माना गया है। | ||
*इसी कविता संग्रह में संगम काल की तीन राजधानियों 'वांजि', 'उरैपुर' एवं [[मदुरा]] के | *इसी कविता संग्रह में संगम काल की तीन राजधानियों 'वांजि', 'उरैपुर' एवं [[मदुरा]] के महान् एवं उदार शासकों के शासन काल के समाप्त होने का वर्णन है। | ||
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11:23, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
वेरिवरशेलिय कोरकै, नेडुंजेलियन का छोटा भाई था।
- नेडुंजेलियन के बाद उसका छोटा भाई ही राजगद्दी का अधिकारी था।
- उसने 'सती कण्णगी' के सम्मान में एक विशाल उत्सव आयोजित करवाया था।
- उसने संभवतः 'नवरत्न' की उपाधि भी धारण की थी।
- संगम कालीन ग्रंथ 'पत्तुपात्तु' में शिरुपाण आतरुप्पडै़ नाम की नत्ततनार द्वारा रचित कविता में नल्लियक्कोडन को संगम युग (लगभग 270 ई.) का अन्तिम शासक माना गया है।
- इसी कविता संग्रह में संगम काल की तीन राजधानियों 'वांजि', 'उरैपुर' एवं मदुरा के महान् एवं उदार शासकों के शासन काल के समाप्त होने का वर्णन है।
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