"बेंगळूरू पर्यटन": अवतरणों में अंतर
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[[बंगलोर]] [[कर्नाटक]] (भूतपूर्व मैसूर) राज्य का 1830 से शहर और राजधानी है। बंगलोर [[भारत]] का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है। समुद्र तल से 949 मीटर की ऊँचाई पर कर्नाटक पठार की पूर्वी-पश्चिमी श्रृंखला सीमा पर स्थित यह शहर राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में है। शरद एवं ग्रीष्म ॠतु में खुशगवार मौसम के कारण निवास के लिए लोकप्रिय स्थान है, लेकिन यहाँ की बढ़ती औद्योगिक और घरेलू ज़रूरतों के लिये जल आपूर्ति एक समस्या है। यहाँ 910 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। बंगलोर [[कन्नड़]], [[तेलुगु भाषा|तमिल]] और [[तमिल भाषा]] लोग के सांस्कृतिक संगम का बिंदू है। | [[बंगलोर]] [[कर्नाटक]] (भूतपूर्व मैसूर) राज्य का 1830 से शहर और राजधानी है। बंगलोर [[भारत]] का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है। समुद्र तल से 949 मीटर की ऊँचाई पर [[कर्नाटक का पठार|कर्नाटक पठार]] की पूर्वी-पश्चिमी श्रृंखला सीमा पर स्थित यह शहर राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में है। शरद एवं ग्रीष्म ॠतु में खुशगवार मौसम के कारण निवास के लिए लोकप्रिय स्थान है, लेकिन यहाँ की बढ़ती औद्योगिक और घरेलू ज़रूरतों के लिये जल आपूर्ति एक समस्या है। यहाँ 910 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। बंगलोर [[कन्नड़ भाषा|कन्नड़]], [[तेलुगु भाषा|तमिल]] और [[तमिल भाषा]] लोग के सांस्कृतिक संगम का बिंदू है। | ||
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बंगलोर शहर के पुराने भाग में सघन इमारतें हैं, साथ ही आधुनिक उपनगर है, जिन्हें उत्तर तथा दक्षिण में जालीदार नमूने के अनुसार बनाया गया है। जहाँ विभिन्न पार्क और चौड़ी गलियाँ हैं। पूर्वी हिस्से में कई सैन्य छावनियाँ हैं। मिट्टि के दुर्ग के चारों ओर बसी आबादी शहर का केंद्र थी, इस दुर्ग का निर्माण (1537 में) एक स्थानिय सरदार केम्पेगौड़ा ने किया था, जिसका निर्माण 1761 में पत्थरों से किया गया। 1831 से 1881 तक बंगलोर ब्रिटिश प्रशासन का मुख्यालय रहा। राजा को शहर पुन: सौप दिए जाने के बाद भी यहाँ [[1947]] तक ब्रिटेन का प्रशासनिक और सैन्य अधिकार रहा। | बंगलोर शहर के पुराने भाग में सघन इमारतें हैं, साथ ही आधुनिक उपनगर है, जिन्हें उत्तर तथा दक्षिण में जालीदार नमूने के अनुसार बनाया गया है। जहाँ विभिन्न पार्क और चौड़ी गलियाँ हैं। पूर्वी हिस्से में कई सैन्य छावनियाँ हैं। मिट्टि के दुर्ग के चारों ओर बसी आबादी शहर का केंद्र थी, इस दुर्ग का निर्माण (1537 में) एक स्थानिय सरदार केम्पेगौड़ा ने किया था, जिसका निर्माण 1761 में पत्थरों से किया गया। 1831 से 1881 तक बंगलोर ब्रिटिश प्रशासन का मुख्यालय रहा। राजा को शहर पुन: सौप दिए जाने के बाद भी यहाँ [[1947]] तक ब्रिटेन का प्रशासनिक और सैन्य अधिकार रहा। | ||
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बंगलोर कर्नाटक (भूतपूर्व मैसूर) राज्य का 1830 से शहर और राजधानी है। बंगलोर भारत का सातवाँ सबसे बड़ा शहर है। समुद्र तल से 949 मीटर की ऊँचाई पर कर्नाटक पठार की पूर्वी-पश्चिमी श्रृंखला सीमा पर स्थित यह शहर राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में है। शरद एवं ग्रीष्म ॠतु में खुशगवार मौसम के कारण निवास के लिए लोकप्रिय स्थान है, लेकिन यहाँ की बढ़ती औद्योगिक और घरेलू ज़रूरतों के लिये जल आपूर्ति एक समस्या है। यहाँ 910 मिमी वार्षिक वर्षा होती है। बंगलोर कन्नड़, तमिल और तमिल भाषा लोग के सांस्कृतिक संगम का बिंदू है।
पर्यटन स्थल
बंगलोर शहर के पुराने भाग में सघन इमारतें हैं, साथ ही आधुनिक उपनगर है, जिन्हें उत्तर तथा दक्षिण में जालीदार नमूने के अनुसार बनाया गया है। जहाँ विभिन्न पार्क और चौड़ी गलियाँ हैं। पूर्वी हिस्से में कई सैन्य छावनियाँ हैं। मिट्टि के दुर्ग के चारों ओर बसी आबादी शहर का केंद्र थी, इस दुर्ग का निर्माण (1537 में) एक स्थानिय सरदार केम्पेगौड़ा ने किया था, जिसका निर्माण 1761 में पत्थरों से किया गया। 1831 से 1881 तक बंगलोर ब्रिटिश प्रशासन का मुख्यालय रहा। राजा को शहर पुन: सौप दिए जाने के बाद भी यहाँ 1947 तक ब्रिटेन का प्रशासनिक और सैन्य अधिकार रहा।
दर्शनीय स्थलों में 500 एकड़ में फैला कब्बन पार्क, जिसमें भारत के सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक (1886) जैसे कई महत्त्वपूर्ण भवन स्थित हैं; विश्वेश्वरैया औद्योगिक तथा प्रौद्योगिकीय संग्रहालय; विश्वेश्वरैया इंडस्ट्रियल ट्रेड सेंटर; के वेंकटप्पा आर्ट गैलरी; शेषाद्रि अय्यर मेमोरियल हॉल, जिसमें सार्वजनिक पुस्तकालय भी है; उच्च न्यायालय; बच्चों के मनोरंजन और अभिरुचि का केंद्र जवाहरलाल नेहरू भवन शामिल हैं। प्रमुख भवनों में विधान सौध (1956) तथा बंगलोर क़िला व महल शामिल हैं। अन्य स्थलों में 1990 में स्थापित सॉफ़्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (एस.टी.पी.) नंदी हिल, आग के देवता अग्नि की दुर्लभ प्रतिमा वाला गुफ़ा मंदिर, मेकेदातु, वानरघट्टा नेशनल पार्क, कण्व जलाशय, उलसूर झील और हेसरघट्टा झील शामिल हैं।
- बुल मन्दिर
बुल मन्दिर, बेंगळूरू |
शिव मूर्ति बेंगळूरू |
इस्कॉन मन्दिर, बेंगळूरू |
बेंगळूरू पैलेस |
लाल बाग़, बेंगळूरू |
संग्रहालय, बेंगळूरू |
- यह मंदिर भगवान शिव के वाहन नंदी बैल को समर्पित है।
- प्रत्येक दिन इस मंदिर में काफ़ी संख्या में भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है।
- शिव मूर्ति
- शिव की मूर्ति 65 फीटर ऊँची है।
- इस मूर्ति में भगवान शिव पदमासन की अवस्था में विराजमान है।
- इस्कोन मंदिर
- इस्कोन मंदिर (दॉ इंटरनेशलन सोसायटी फॉर कृष्णा कंसी) बंगलूरू की ख़ूबसूरत इमारतों में से एक है।
- इस मंदिर के सदस्यो व गैर-सदस्यों के लिए यहाँ रहने की भी काफ़ी अच्छी सुविधा उपलब्ध है।
- सुमेर महल
- टीपू पैलेस व क़िला बंगलूरू के प्रसिद्व पर्यटन स्थलों में से है।
- इस महल की वास्तुकला व बनावट मुग़ल जीवनशैली को दर्शाती है।
- वेनकटप्पा आर्ट गैलरी
- वेनकटप्पा आर्ट गैलरी कला प्रेमियों के लिए बिल्कुल उचित है।
- वेनकटप्पा आर्ट गैलरी में लगभग 600 तसवीर प्रदर्शित की गई है।
- बेंगळूरू पैलेस
- बेंगळूरू पैलेस बंगलूरू शहर के मध्य में स्थित है।
- बेंगळूरू पैलेस बंगलूरू के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- विधान सौध
- विधान सौध बंगलूरू के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है।
- विधान सौध का निर्माण 1954 ई. में किया गया।
- लाल बाग़
- वर्तमान समय में लाल बाग़ को लाल बाग़ वनस्पति बगीचा के नाम से जाना जाता है।
- लाल बाग़ भारत के सबसे ख़ूबसूरत वनस्पतिक बगीचों में से एक है।
- 18वीं शताब्दी में हैदर अली और टीपू सुल्तान ने इसका निर्माण करवाया था।
- गाँधी भवन
- गाँधी भवन कुमार कुरूपा मार्ग पर स्थित है।
- गाँधी भवन महात्मा गाँधी के जीवन की याद में बनवाया गया है।
- चौदिया मेमोरियल हॉल
- चौदिया मेमोरियल गायत्री देवी पार्क एक्सटेंशन पर स्थित है।
- चौदिया मेमोरियल हॉल का निर्माण वायलिन के आकार में किया गया है।
- गवी गंगादरश्रवरा मन्दिर
- गवी गंगादरश्रवरा मन्दिर बसवनगुडी के समीप स्थित है।
- गवी गंगादरश्रवरा मन्दिर भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है।
- मकर संक्रांति के दिन काफ़ी संख्या में भक्तगण यहाँ एकत्रित होते हैं।
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